गाज़ा, क्षुधा पीड़ितों की दयनीय स्थिति पर चिकित्सकों की चिन्ता
वाटिकन सिटी
गाज़ा, शनिवार, 26 जुलाई 2025 (वाटिकन न्यूज़): गाज़ा में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स नामक लोकोपकारी संगठन के चिकित्सकों ने गाज़ा में भूख से मरनेवालों की व्यथा की ओर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा है कि गाज़ा में बच्चों, महिलाओं एवं वयोवृद्धों की स्थिति अमानवीय बनी हुई है तथा प्रतिदिन लोग भूख से मर रहे हैं।
गरिमा का हनन
उनका कहना था कि यह धीरे-धीरे गरिमा का हनन है। हम राहतकर्मी भी हर दो दिन में खाना खाते हैं क्योंकि खरीदने के लिए अब और खाना नहीं बचा है। डॉ. कैरोलीन विलेमेन कहती है: यह एक जानबूझकर किया गया फैसला है कि खाने की तलाश में खड़े लोगों पर गोली मार दी जाती है।
गाज़ा में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स संगठन के उपनिर्देशक डॉ. मुहम्मद अबू मुगैसिब ने साक्ष्य देते हुए कहाः भूख से मानव शरीर इस तरह नष्ट होता है: "पहले 6 से 24 घंटों में, रक्त शर्करा का स्तर गिर जाता है। शरीर जीवित रहने के लिए संग्रहीत ग्लाइकोजन को जलाता है। 1 से 3 दिनों के भीतर, ग्लाइकोजन समाप्त हो जाता है और वसा मस्तिष्क को ऊर्जा देने के लिए कीटोन्स में परिवर्तित हो जाती है। शरीर 'उत्तरजीविता की स्थिति' प्रवेश कर जाता है। 3 से 5 दिनों के भीतर, मांसपेशियाँ क्षीण होने लगती हैं। शरीर जीवित रहने के लिए अपने ऊतकों, यहाँ तक कि हृदय का भी बलिदान कर देता है। यही वह समय होता है जब शिशु रोना बंद कर देते हैं।"
चिकित्सक भी मर रहे हैं
डॉ. मुगैसिब बताते हैं कि डॉक्टर्स और राहतकर्मी भी भूख के कारण मर रहे हैं। उन्होंने कहा, "पिछले कुछ महीनों से, मैं दिन में सिर्फ़ एक बार खाना खाकर गुज़ारा कर रहा हूँ और पिछले कुछ दिनों से, मैं हर दो दिन में सिर्फ़ एक बार खाना खा रहा हूँ, इसलिए नहीं कि मैं इसे ख़रीद नहीं सकता, बल्कि इसलिए कि खरीदने के लिए कुछ भी नहीं है और बाज़ार पूरी तरह से खाली हैं।"
भोजन और पानी हथियार के रूप में
इसी बीच, गाज़ा में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की योजना संचालक कैरोलीन विल्लेमन ने कहा, "हम अब रोज़ाना भोजन की कमी और गाज़ा में पहुँच रही सहायता को रोके जाने के दुष्परिणाम देख रहे हैं।" मई माह के बाद से, डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के अब जर्जर हो चुके अस्पतालों में भूख से पीड़ित मरीज़ों की संख्या चार गुना बढ़ गई है। हमारे स्वास्थ्य सेवा सहयोगी भी भोजन की कमी से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक बात है कि इस युद्ध में भोजन और पानी का उपयोग हथियारों के रूप में किया जा रहा है।
कैरोलीन विल्लेमन कहती है कि भूख के अलावा, गाज़ा की आबादी युद्ध के प्रभावों से भी जूझ रही है। "डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स क्लिनिक में हर दिन दर्जनों मरीज़ विस्फोटों से गंभीर रूप से जले हुए, गोली लगने से घायल और तरह-तरह के फ्रैक्चर के साथ आते हैं।" वे कहती है कि युद्ध के घावों का इलाज हमेशा मुश्किल होता है, और ऐसे मामलों में, मरीज़ों में कोई प्रतिरोध नहीं होता क्योंकि वे पहले से ही बहुत कमज़ोर हो चुके होते हैं।
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