महाधर्माध्यक्ष काच्चा : सर्वहित के लिए बहुपक्षीय सहयोग का नवीनीकरण
वाटिकन न्यूज
न्यूयार्क, बुधवार 23 जुलाई 2025 (रेई) : संयुक्त राष्ट्र में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक, महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल काच्चा ने न्यूयार्क के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच को संबोधित किया। टिकाऊ विकास पर यह उच्चस्तरीय फ़ोरम, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के तत्वाधान में, 14 से 23 जुलाई तक न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित किया गया।
महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल काच्चा ने 22 जुलाई को आम बहस के दौरान कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने, मानवाधिकारों की रक्षा करने और सभी लोगों के लिए सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाने के सिद्धांतों पर हुई थी। ये सिद्धांत आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने आठ दशक पहले थे, और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के हमारे प्रयासों का मार्गदर्शन करते हैं। परमधर्मपीठ इस बात पर ज़ोर देता है कि विकास को इन मूलभूत आदर्शों पर आधारित होना चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक कार्य मानव की ईश्वर प्रदत्त गरिमा को बनाए रखे और राष्ट्रों के बीच एकजुटता को बढ़ावा दे।
2030 एजेंडा के उद्देश्य पूरे नहीं हुए हैं
“2030 एजेंडा एक स्पष्ट संकेत था कि, कुछ क्षेत्रों में मतभेदों के बावजूद, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय एक साथ आया है और सभी रूपों और आयामों में गरीबी को खत्म करने और यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है कि दुनिया भर में सभी बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के पास सच्ची स्वतंत्रता और सम्मान में रहने के लिए आवश्यक शर्तें हैं।” फिर भी, इसे अपनाने के एक दशक बाद भी, लाखों लोग अत्यधिक गरीबी में हैं, भूख से पीड़ित हैं और शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक उनकी पहुंच नहीं है।
यह अनिवार्य है कि सभी प्रयास समग्र मानव विकास को प्राथमिकता दें, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति का आध्यात्मिक, सामाजिक और भौतिक कल्याण शामिल हो। वास्तव में, विकास केवल आर्थिक वृद्धि का मामला नहीं है; यह ऐसी परिस्थितियाँ बनाने का भी आह्वान है जिनमें हर कोई फल-फूल सके, और सबसे ज़्यादा ज़रूरतमंदों पर विशेष ध्यान दिया जाए: बच्चे, बुज़ुर्ग, गरीब और असुरक्षित परिस्थितियों में रहने वाले लोग।
असमानताओं पर काबू पाने के लिए संत पापा का आह्वान
महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल काच्चा ने कहा कि इस संबंध में, संत पापा लियो 14वें ने 16 मई 2025 को राजनयिक दल को संबोधित करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि "वैश्विक असमानताओं - समृद्धि और अभाव के दूरी - को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए, जो महाद्वीपों, देशों और यहाँ तक कि व्यक्तिगत समाजों के भीतर भी गहरी खाई पैदा कर रही हैं।" ये शब्द उन गहरी असमानताओं को चुनौती देते हैं जो मानवीय गरिमा को कमज़ोर करती हैं और हमारे वैश्विक समुदाय की स्थिरता के लिए ख़तरा हैं। मेरा प्रतिनिधिमंडल एक नए बहुपक्षीय सहयोग तंत्र की आवश्यकता पर ज़ोर देता है जो परिवर्तनकारी बदलाव के लिए संयुक्त राष्ट्र के मूल सिद्धांतों पर आधारित हो। संवाद, सम्मान और प्रतिबद्धता, सर्वहित की प्राप्ति हेतु साझा प्रतिबद्धता का मार्गदर्शन करें। इसके अलावा, समाज की नींव के रूप में परिवारों में निवेश में वृद्धि, साथ ही सुलभ, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा भी व्यक्तियों और समाजों के विकास के लिए आवश्यक हैं।
महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल ने संत पापा लियो 14वें के शब्दों के साथ अपना संबोधन समाप्त किया, “अब समय आ गया है कि संघर्षों को पीछे छोड़ दिया जाए और एक नए रास्ते पर आगे बढ़ा जाए, विश्वास है कि, एक साथ काम करके, हम में से प्रत्येक [...] एक ऐसी दुनिया का निर्माण कर सकता है जिसमें हर कोई सच्चाई, न्याय और शांति में एक प्रामाणिक मानव जीवन जी सके।”
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