कलीसिया काथलिक प्रभावशाली लोगों के लिए अपनी पहली जुबली की तैयारी कर रही है
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बुधवार 16 जुलाई 2025 : अपने इतिहास में पहली बार, काथलिक कलीसिया पवित्र वर्ष के भीतर एक जयंती समारोह मनाएगी जो विशेष रूप से डिजिटल मिशनरियों और काथलिक प्रभावशाली लोगों को समर्पित होगा और डिजिटल वातावरण को मिशन के एक सच्चे क्षेत्र के रूप में औपचारिक रूप से मान्यता देगा। यह सभा 28 और 29 जुलाई, 2025 को रोम में युवा जयंती के आरंभिक दिनों के साथ होगी। सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार करने वाले कई युवा दोनों समारोहों में सक्रिय रूप से शामिल होंगे।
वाटिकन संचार विभाग द्वारा आयोजित यह अभूतपूर्व पहल, दुनिया भर के लगभग एक हज़ार डिजिटल मिशनरियों को एक साथ लाएगी, जिसमें लैटिन अमेरिका, कैरिबियन और स्पेन का मजबूत प्रतिनिधित्व होगा। ये प्रचारक सोशल मीडिया, वीडियो प्लेटफ़ॉर्म, ब्लॉग और ऐप्स के माध्यम से सुसमाचार के आनंद का प्रचार करेंगे और डिजिटल महाद्वीप में एक रचनात्मक, सुलभ और सक्रिय ख्रीस्तीय साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।
जो लोग रोम की यात्रा करने में असमर्थ हैं, उनके लिए आधिकारिक वेबसाइट www.digitalismissio.org पर पंजीकरण के माध्यम से समानांतर आभासी कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे, जिससे कई अन्य लोग अपने स्थानीय मिशनरी परिवेश से इसमें भाग ले सकेंगे।
हालाँकि व्यक्तिगत पंजीकरण बंद हो गया है, फिर भी प्रतिभागियों का ऑनलाइन शामिल होने के लिए स्वागत है। जयंती के दो मुख्य प्रारंभिक सत्रों का YouTube चैनल La Iglesia Te Escucha ("चर्च आपकी बात सुनता है") के माध्यम से सीधा प्रसारण भी किया जाएगा।
यह पहल सिनॉडालिटी (2021-2024) पर धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के दौरान संत पापा फ्राँसिस के आह्वान के जवाब में सामने आई, जिसमें डिजिटल दुनिया में सुसमाचार लाने और यह सुनिश्चित करने के महत्व पर ज़ोर दिया गया था कि कोई भी धर्मसभा की यात्रा से वंचित न रहे। यह एक मिशनरी कलीसिया की स्पष्ट अभिव्यक्ति है, जो समकालीन समाज के हाशिये तक पहुँचता है।
आध्यात्मिकता, प्रशिक्षण, उत्सव
जयंती कार्यक्रम तीन प्रमुख चरणों में आयोजित किया जाएगा। आध्यात्मिक घटक पवित्र द्वार से होकर तीर्थयात्रा पर केंद्रित है—जो प्रत्येक पवित्र वर्ष की पहचान है और आंतरिक नवीनीकरण तथा अनुग्रह के प्रति खुलेपन का प्रतीक है।
इसके बाद एक रचनात्मक चरण होगा, जिसमें ऑडिटोरियम कॉन्सिलियाज़ियोने में मुख्य प्रस्तुतियाँ, कार्यशालाएँ और साक्ष्य शामिल होंगे। इन सत्रों का उद्देश्य डिजिटल मिशन के लिए प्रेरितिक उपकरण प्रदान करना और साझा चिंतन के लिए स्थान विकसित करना है।
अंतिम चरण एक उत्सव का क्षण होगा: पियाज़ा रिसोर्जिमेंतो में एक उत्सव, जिसमें डिजिटल क्षेत्र में सुसमाचार प्रचार और संवाद की गतिशील भाषाओं के रूप में कला, संगीत और रचनात्मकता पर प्रकाश डाला जाएगा। दोनों स्थल संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण से पैदल दूरी पर हैं।
डिजिटल जगत में करुणामय सुसमाचार प्रचार
यह जयंती डिजिटल दुनिया में "भला समारी" बनने के संत पापा फ्राँसिस के आह्वान का उत्तर है। संत पापा ने विश्वासियों से ऑनलाइन स्थानों पर करुणा, मानवता और निकटता के साथ रहने का आग्रह किया है, न कि केवल कार्यात्मक या तकनीकी उपस्थिति के माध्यम से, बल्कि आशा के एक प्रेरितिक दृष्टिकोण के माध्यम से। उन्होंने बार-बार ऐसे संचार की आवश्यकता पर बल दिया है जो सुनता हो, मूक लोगों की आवाज़ को बुलंद करता हो और विभाजन या शत्रुता से भरे शब्दों को निष्क्रिय करता हो - यही विषय संत पापा लियो 14वें ने मीडियाकर्मियों के साथ अपनी पहली बैठक में भी दोहराया था।
यह जयंती वर्ष 2023 में लिस्बन में विश्व युवा दिवस के दौरान आयोजित डिजिटल प्रचारकों की पहली वैश्विक सभा पर भी आधारित है। उस आयोजन ने मिशनरियों के एक अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क को जन्म दिया, जिसे अब इस जयंती पहल के माध्यम से मजबूत किया जा रहा है और भविष्य की ओर अग्रसर किया जा रहा है।
आने वाले दिनों में, जयंती वर्ष की आधिकारिक वेबसाइट प्रतिभागियों को इस आयोजन के लिए आंतरिक रूप से तैयार करने में मदद करने के लिए एक समर्पित आध्यात्मिक मार्गदर्शिका जारी करेगी। प्रचार सामग्री और ग्राफिक संसाधन पहले से ही डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं, ताकि प्रतिभागियों के मिशनरी आयाम को प्रेरित और समर्थन किया जा सके, चाहे वे रोम में हों या डिजिटल परिधि में।
एक भजन जो आवाज़ों और संस्कृतियों को जोड़ता है
जयंती की तैयारी का एक मुख्य आकर्षण इसके आधिकारिक भजन, तोदोस ("सभी") का विमोचन किया गया। यह गीत दुनिया भर के काथलिक कलाकारों को एकजुट करने वाली एक सहयोगी परियोजना है।
‘तोदोस’ शीर्षक 3 अगस्त, 2023 को लिस्बन में विश्व युवा दिवस के दौरान संत पापा फ्राँसिस के इस शक्तिशाली कथन को प्रतिध्वनित करता है: "कलीसिया में, सभी के लिए, सभी के लिए, सभी के लिए जगह है!" यह भजन उस समावेशी, धर्मसभा और मिशनरी भावना को दर्शाता है जो इस जयंती को जीवंत बनाती है।
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