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फिलीस्तीन से पलायन करते लोग फिलीस्तीन से पलायन करते लोग  (AFP or licensors) संपादकॶय

वाटिकन ने किया पुनः शस्त्रीकरण का विरोध, मानवीय कानून के सम्मान

हमारे संपादकॶय निदेशक ने पोप लियो 14वें के शब्दों का हवाला देते हुए संयुक्त राष्ट्र में परमधर्मपीठ के हस्तक्षेप पर चिंतन करते हुए कहा है कि सशस्त्र संघर्षों में नागरिकों की रक्षा करने तथा विश्व को निरस्त्र करने के लिए ठोस कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता है।

वाटिकन न्यूज

संयुक्त राष्ट्र में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष गाब्रिए कच्चा ने 22 मई को नागरिकों की सुरक्षा पर सुरक्षा परिषद की खुली बहस में बोलते हुए कहा, "परमधर्मपीठ अंधाधुंध हथियारों, बारूदी सुरंगों और हथियार समूह के इस्तेमाल को समाप्त करना और आबादी वाले क्षेत्रों में विस्फोटक हथियारों की तैनाती को रोकना आवश्यक मानता है। हथियारों के उत्पादन और भंडारण को रोकने के साथ-साथ सशस्त्र संघर्षों में नागरिकों की बेहतर सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है।,"

महाधर्माध्यक्ष कच्चा ने कहा, "परमधर्मपीठ दुनिया भर में सशस्त्र संघर्षों की बढ़ती संख्या और तीव्रता के बारे में गहराई से चिंतित है, जो नागरिकों पर गहरा और विषम दुःख पहुंचा रहा है, अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून, विशेष रूप से जिनेवा सम्मेलनों और उनके अतिरिक्त प्रोटोकॉल के अनुपालन की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।"

ये ऐसे शब्द हैं जिनकी सच्चाई और तात्कालिकता सभी के सामने है: गज़ा में हो रही त्रासदी, जिससे पूरी नागरिक आबादी को नुकसान हो रहा है, उसका कोई औचित्य नहीं है। उसी तरह यूक्रेन और दुनिया के अन्य हिस्सों में नागरिकों पर हमलों का कोई औचित्य नहीं हो सकता, जहाँ कई युद्ध लड़े जा रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा, "महिलाओं, बच्चों और मानवीय कर्मियों सहित नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया जाना; अस्पतालों, स्कूलों और पूजा स्थलों जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे को नष्ट करना; और तत्काल ज़रूरतमंद लोगों को मानवीय सहायता पहुँचाने से मना करना बहुत चिंता का विषय है।" "जबकि ये उल्लंघन एक बहुत बड़ी मानवीय त्रासदी है, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की नींव के लिए एक गंभीर अपमान को भी दर्शाता है।"

शुक्रवार, 23 मई को पोप लियो 14वें ने यूरोपीय संघ के धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के आयोग (COMECE) का स्वागत किया। जहाँ पोप का सार्वजनिक भाषण नहीं रहा, लेकिन उपस्थित धर्माध्यक्षों ने बताया कि पोप ने "अपनी आशंका व्यक्त की कि हथियारों पर अधिक खर्च करने से सबसे अधिक जरूरतमंद और कमजोर लोगों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।"

इससे पहले, 19 मई को अन्य कलीसियाओं और कलीसियाई समुदायों एवं अन्य धर्मों के प्रतिनिधियों से मिलते हुए, पोप लियो ने कहा था: "हिंसा और संघर्ष से पीड़ित दुनिया में, यहाँ प्रतिनिधित्व करनेवाले प्रत्येक समुदाय मानवता की भलाई और हमारे आमघर की रक्षा के लिए ज्ञान, करुणा और प्रतिबद्धता का अपना योगदान देते हैं। मुझे विश्वास है कि अगर हम सहमत हैं, और वैचारिक एवं राजनीतिक शर्तों से मुक्त हैं, तो हम युद्ध को 'नहीं' और शांति को 'हाँ'; हथियारों की दौड़ को 'नहीं' और निरस्त्रीकरण को 'हाँ'; ऐसी अर्थव्यवस्था को 'नहीं' जो लोगों और पृथ्वी को गरीब बनाती और समग्र विकास को 'हाँ' कहने का साहस कर सकते हैं ।

ये शब्द आज याद रखने और दोहराने के लिए हैं, सामाजिक विश्वपत्र 'लाउदातो सी' की दसवीं वर्षगांठ पर, एक ऐसे विश्व के सामने जो खुद को पुनः सशस्त्र करने की होड़ में लगा है, तथा उन संसाधनों को छीन रहा है जिनका प्रयोग भूख और गरीबी से लड़ने के लिए किया जा सकता है।

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24 मई 2025, 15:26