सृष्टि दिवस, 1 सितम्बर को पोप ने ख्रीस्तीयों को एकजुट होने का निमंत्रण दिया है
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, सोमवार, 1 सितंबर 2025 (रेई) : 1 सितम्बर को विश्व भर के ख्रीस्तीयों को सृष्टि दिवस मनाने का निमंत्रण दिया जाता है, जो सृष्टि के रहस्य का उत्साव है।
संत पापा लियो ने 31 अगस्त को अपने देवदूत प्रार्थना के अंत में 10 वर्ष पूर्व संत पापा फ्राँसिस के द्वारा स्थापित सृष्टि की देखभाल के लिए विश्व प्रार्थना दिवस की याद दिलाई जिसे उन्होंने पूरे विश्व के ख्रीस्तीय के मध्य प्रसारित करने का प्रयास किया, जिसके संबंध में उन्होने कहा था कि सृष्टि के प्रार्थना करना “अब पहले से कहीं अधिक आवश्यक और महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा, “हम सभी ख्रीस्तीयों के संग मिलकर इसे मानते हैं जो आगामी 04 अक्टूबर असीसी के संत फ्राँसिस के पर्व तक जारी रहेगा।” आठ सौ साल पूर्व भाई सूरज के भजन की भावना में, हम आइए मिलकर ईश्वर की स्तुति करें और अपनी इस प्रतिबद्धता को नवीकृत करें की हम सृष्टि के उपहार को नष्ट नहीं करेंगे,बल्कि अपने आमघर की देखभाल करें।”
लम्बी परंपरा
सृष्टि दिवस को हम सृष्टि के लिए विश्व प्रार्थना दिवस के भी प्रसिद्ध पाते हैं जो अधिकतर ख्रीस्तीय कलीसियाओं में सन् 1989 से आर्थोडक्स कलीसिया के आहृवान के अनुरूप मनाया जाता रहा है। यह पाँचवीं शताब्दी की प्राचीन आर्थोडक्स धार्मिक परंपरा पर आधारित, यह ईश्वर को एक सृष्टिकर्ता के रूप में स्तुति करने का दिन है, ख्रीस्त में सृष्टि के रहस्य का स्मरण करने कि दिन जहाँ ख्रीस्तीय ईश्वर के द्वारा सृजित विश्व की देखभाल करने के लिए प्रेरित होते हैं।
ऑर्थोडॉक्स और प्रोटेस्टेंट कलीसिया को एक साथ लानेवाली विश्वव्यापी संस्था, कलीसियाओं की विश्व परिषद ने इस दिन के इतिहास और प्रतीकवाद के बारे में एक नया वीडियो जारी किया है। हालाँकि कई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों ने सन् 1990 के दशक से सृष्टि दिवस को मनाने की परंपरा जारी रखी है, संत पापा फ्राँसिस ने 2015 में इसे विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के लिए विश्व प्रार्थना दिवस के रूप में स्थापित किया।
इसके बाद येसु संघी संत पापा ने प्रार्थना दिवस के लिए आधिकारिक वार्षिक संदेश प्रकाशित करके वार्षिक सृष्टि दिवस को मानने हेतु प्रोत्साहन दिये।
शांति और आशा के बीज
संत पापा लियो 14वें अपने पूर्वावर्ती संत पापा के द्वारा प्रचलित परंपरा को सृष्टि दिवस के अवसर पर एक विशेष संदेश का उन्होंने कहा, “सृष्टि की देखभाल के लिए इस विश्व प्रार्थना दिवस की विषयवस्तु, जिसे संत पापा फ्राँसिस ने चुना है, “शांति और आशा के बीज” है। उन्होंने आगे कहा, “इस प्रार्थना दिवस के स्थापना की दसवीं वर्षगांठ के अवसर पर, जो विश्वपत्र “लाउदातो सी” के प्रकाशन के साथ ही आई है, जिसे हम इस जयंती वर्ष में “आशा के तीर्थयात्री” के रूप में मना रहे हैं।"
संत पापा लियो ने कहा कि विश्वासियों के लिए, पर्यावरणीय न्याय भी विश्वास से उत्पन्न एक कर्तव्य है, क्योंकि पृथ्वी येसु ख्रीस्त के चेहरे को प्रतिबिंबित करती है, जिनमें सभी चीजों का निर्माण और उद्धार हुआ है।”
इसके अलावा, संत पापा लियो ने हाल ही में “सृष्टि की देखभाल हेतु मिस्सा” की एक नई धर्मविधि का प्रचलन किया। इस नये मिस्सा धर्मविधि का उपयोग करते हुए ख्रीस्तीय समुदाय सृष्टि की देखभाल का मिस्सा बलिदान पहली बार अर्पित करेंगे।
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