पोप लियो : सूडान में मानवीय आपदा रोका जाए, शांति वार्ता जरूरी
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बुधवार, 3 सितंबर 2025 (रेई) : पोप ने सूडान के पीड़ितों की याद कर कहा, हम सूडान में व्याप्त मानवीय आपदा के प्रति उदासीन नहीं रह सकते, जहाँ लगभग 1.4 करोड़ लोग विस्थापित हुए हैं और एल फशर शहर में 3 लाख से ज़्यादा नागरिक फँसे हुए हैं, साथ ही हाल ही में मध्य दारफुर क्षेत्र के तरासिन गाँव में हुए भूस्खलन में 1,000 लोगों की मौत हुई है।
अपनी अपील दोहराते हुए उन्होंने कहा, “मैं ज़िम्मेदार लोगों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस मानवीय आपदा को रोकने के लिए मानवीय गलियारों और एक समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने की हार्दिक अपील करता हूँ। संघर्ष को समाप्त करने और सूडान के लोगों के लिए आशा, सम्मान और शांति बहाल करने के लिए दोनों पक्षों के बीच एक गंभीर, ईमानदार और समावेशी बातचीत शुरू करने का समय आ गया है।”
सूडान के लोगों के निकट
पोप लियो ने एल फशर की स्थिति का जिक्र किया, जहाँ लोग फँसे हुए हैं, "अकाल और हिंसा के शिकार", और मार्रा पर्वतों में भूस्खलन से पैदा हुए "दर्द और निराशा" के निशान याद करते हैं। वे कहते हैं, "और, मानो इतना ही काफी न हो, हैजा फैलने से लाखों लोगों को खतरा है जो पहले से ही थके हुए हैं।"
मैं सूडानी लोगों, खासकर उनके परिवारों, बच्चों और विस्थापित लोगों के पहले से कहीं ज्यादा करीब हूँ। मैं सभी पीड़ितों के लिए प्रार्थना करता हूँ।
त्रासदी में, ईश्वर का प्रेम बना रहता है
अंग्रेजी भाषियों का अभिवादन करते हुए, पोप ने दारफुर की याद की तथा पीड़ितों के लिए "अनन्त शांति" और "उनके प्रियजनों के लिए सांत्वना और शक्ति" की प्रार्थना की। पोप लियो ने जोर देते हुए कहा, "ऐसी त्रासदियों के बीच भी, आइए हम ईश्वर के प्रेम में कभी आशा न खोएँ।"
अकुतिस और फ्रैसाती जल्द ही संत बनने वाले हैं
पोलिश तीर्थयात्रियों की ओर मुड़ते हुए, पोप ने उनसे उन बच्चों और युवाओं के लिए प्रार्थना करने का आग्रह किया जो सितंबर में स्कूल लौटेंगे, और उन शिक्षकों के लिए भी जो उनकी शिक्षा का ध्यान रखते हैं। पोप ने कहा, "धन्य और जल्द ही संत बनने वाले पियर जोर्जो फ्रैसाती और कार्लो अकुतिस की मध्यस्थता से, उनके लिए उनकी परिपक्वता की यात्रा में गहन विश्वास का वरदान माँगें।"
संत ग्रेगोरी महान, ईश्वर में पूर्ण विश्वास का एक उदाहरण
अंत में, पोप लियो ने स्पेनिश और इतालवी भाषियों को संत ग्रेगोरी महान की याद दिलायी जिनका पर्व आज मनाया जा रहा है।
जिनका पार्थिव शरीर संत पेत्रुस महागिरजाघर में विश्राम कर रहा है। इस पोप को समाज और कलीसिया के लिए अत्यंत कठिन समय में एक चरवाहे और विश्वास के शिक्षक के रूप में उनके असाधारण कार्य के लिए "महान" कहा जाता है: एक ऐसी "महानता" जिसने मसीह में विश्वास से शक्ति प्राप्त की। मुझे आशा है कि आप में से प्रत्येक प्रभु में ही जीवन की एकमात्र सच्ची शक्ति को पहचानेंगे।
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