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बोर्गो लाओदातो सी उद्यान, फाईल तस्वीर बोर्गो लाओदातो सी उद्यान, फाईल तस्वीर 

आल्बानो धर्मप्रान्त के निर्धनों के संग सन्त पापा करेंगे भोजन

रोम के निकटवर्ती आल्बानो धर्मप्रान्त ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि रविवार 17 अगस्त को सन्त पापा लियो 14 वें आल्बानो धर्मप्रान्त के निर्धनों एवं ज़रूरतमन्दों के साथ मध्यान्ह भोजन करेंगे।

वाटिकन सिटी

कास्तेल गोन्दोल्फो, शनिवार, 16 अगस्त 2025 (रेई, वाटिकन रेडियो): रोम के निकटवर्ती आल्बानो धर्मप्रान्त ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि रविवार 17 अगस्त को सन्त पापा लियो 14 वें आल्बानो धर्मप्रान्त के निर्धनों एवं ज़रूरतमन्दों के साथ मध्यान्ह भोजन करेंगे।  

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, रविवार, 17 अगस्त, 2025 को दोपहर 1:00 बजे, सन्त पापा लियो 14 वें, कास्तेल गोन्दोल्फो स्थित परमधर्मपीठीय प्रेरितिक प्रासाद के उद्यान "बोर्गो लाओदातो सी" में अल्बानो धर्मप्रांत के ग़रीबों के साथ भोजन करेंगे। बताया गया कि भोजन की तैयारी स्थानीय रेस्तरां मालिक करेंगे, जिसे विश्वव्यापी काथलिक उदारता संगठन कारितास की धर्मप्रान्तीय शाखा  के स्वयंसेवक और बोर्गो लाओदातो सी के कर्मचारी परोसेंगे।

पारिस्थितिकी के प्रति प्रतिबद्धता

प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा गया, "9 जुलाई को सृष्टि की देखभाल हेतु प्रथम ख्रीस्तयाग के बाद, सन्त पापा लियो एक गहन आध्यात्मिक महत्व के क्षण के लिए बोर्गो लाओदातो सी लौटेंगे। यह यात्रा कलीसिया की आध्यात्मिक यात्रा के एक भाग के रूप में समग्र पारिस्थितिकी के प्रति प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक दूसरा कदम है।

कहा गया कि सुसमाचार में उल्लिखित येसु के शब्द कि "मेरी स्मृति में ऐसा करो", वास्तविक उपस्थिति और सेवा बन जाते हैं, इसलिये कि ग़रीबों के साथ भोजन करना, अन्तिम भोज से प्रेरित, एक गहन सुसमाचार-केंद्रित कार्य है, जहाँ येसु ने न केवल प्रथम यूखारिस्त मनाया, बल्कि अपने शिष्यों के पैर भी धोए और उन्हें अपना गुरु मंत्र प्रदान किया: "जैसा मैंने तुम्हारे लिए किया है, वैसा ही तुम भी करो।"

कार्डिनल फाबियो बाज्जियो

इसी बीच, बोर्गो लाओदातो सी के महानिदेशक कार्डिनल फाबियो बाज्जियो ने उक्त पहल के साथ जारी एक सन्देश प्रकाशित कर लिखाः "प्रभु की मेज़ हमें हाशिये पर जाने के लिए मजबूर करती है, विशेष रूप से ग़रीबी, अकेलेपन और बहिष्कार से चिह्नित जगहों पर। यहीं, उन लोगों के सामने जो सम्मान और सुनने के लिए कान चाहते हैं, हम सचमुच मसीह के चेहरे का सामना करते हैं।"

उन्होंने लिखाः ख्रीस्तीय कर्म की नींव काथलिक सामाजिक शिक्षा में मूलबद्ध है और यह साझा भोज इस बात की पुष्टि करता है कि सृष्टि की देखभाल को ईश्वर में हमारे विश्वास और प्रत्येक व्यक्ति की देखभाल से अलग नहीं किया जा सकता, विशेषकर उन लोगों की जो भुला दिए गए हैं, बहिष्कृत हैं, या त्याग दिए गए हैं। जैसा कि सन्त पापा फ्राँसिस ने लाओदातो सी में लिखा है: "सामाजिक न्याय के बिना कोई वास्तविक पारिस्थितिकी नहीं हो सकती"।

इसी प्रकार, इससे भी बहुत पहले, सन्त पापा लियो 13 वें ने हमें अपने विश्व पत्र "रेरुम नोवारुम" में स्मरण दिलाया था कि "ख्रीस्तीय दान हमेशा न्याय के साथ होना चाहिए"। उन्होंने लिखा कि यदि इस दृष्टि से देखा जाये तो काथलिक सामाजिक शिक्षा में गहराई से जड़ीभूत सन्त पापा लियो 14 वें की पहल एक भविष्यसूचक आयाम ग्रहण करती है।

उन्होंने लिखा, "व्यक्तिवाद और उदासीनता से ग्रस्त इस दुनिया में, सन्त पापा लियो 14 वें का ग़रीबों के साथ भोजन करना प्रेम के लिए एक ऐसा निमंत्रण है जो ठोस कार्यों और पूर्ण समर्पण के माध्यम से प्रकट होता है।"

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16 अगस्त 2025, 10:54