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संत पापा लियो फांसीसी वेदी सेवकों के संग संत पापा लियो फांसीसी वेदी सेवकों के संग  (ANSA)

संत पापा लियोः वेदी सेवकों की सेवा अद्वितीय

फ्रांस से आए वेदी सेवकों से मुलाकात करते हुए पोप लियो 14वें ने देश में पुरोहितों की कमी पर खेद व्यक्त किया तथा वेदी सेवकों की सेवा का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी सेवा विश्वासियों को पवित्र रहस्य के महानता की ओर ले जाने में मदद करती है।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, 25 अगस्त 2025 (रेई) संत पापा लियो ने सोमवार को जयंती वर्ष में फ्रांस से आये करीबन 360 वेदी सेवकों, उनके धर्मध्यक्षों और पुरोहितों से भेंट की।

उन्हें दिये गये अपने संदेश में संत पापा ने कहा कि पवित्र द्वार में प्रवेश करने की उनकी तीर्थयात्रा उन्हें ईश्वर की ओर अभिमुख होते हुए विश्वास और प्रेम में बढ़ने को मदद करे जिससे वे ख्रीस्त के और अधिक विश्वासी शिष्य बन सकें। संत पापा ने फ्रांसीसी युवा ख्रीस्तीयों को अपने हृदय की गहराई में येसु से प्रेम और वार्ता करने का निमंत्रण दिया।

येसु दोस्त बनना चाहते हैं

उन्होंने कहा, "वह आपके जीवन का हिस्सा बनने, उसे अंदर से प्रकाशित करने, आपका सबसे अच्छा और सबसे वफादार दोस्त बनने के अलावा और कुछ नहीं चाहते हैं। येसु के साथ जीवन सुंदर और आनंदमय हो जाता है।” संत पापा लियो ने जयंती के केंद्रबिंदु आशा की याद दिलाते हुए कहा कि दुनिया की अनेक समस्याएँ ईसाइयों को ईशशास्त्रीय गुण आशा की आवश्यकता की याद दिलाती है।

वैश्विक समस्याओं और खोने या चिंता के कारण व्यक्तिगत दर्द की स्थिति में संत पापा ने युवाओं को येसु की ओर देखने का आहृवान किया जिनमें बचाने की शक्ति है जो सदैव हमारे निकट रहते हैं क्योंकि वे हमें प्रेम करते हैं।

उन्होंने कहा, “इस बात का पक्का सबूत है कि येसु हमसे प्यार करते हैं और हमें बचाते हैं: उन्होंने क्रूस पर अपना जीवन अर्पित करके हमारे लिए अपने को दे दिया।” “वास्तव में, जिनसे हम प्यार करते हैं उनके लिए अपना जीवन कुर्बान करने से बड़ा कोई प्रेम नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि आशा जीवन भर हमारे साथ रहेगी और आने वाले तूफ़ानों और मुश्किलों में एक सहारा बनकर खड़ी रहेगी।

ईश्वर का प्रेम

ख्रीस्तीय विश्वास के सबसे आश्चर्यजनक बात की चर्चा करते हुए संत पापा ने कहा कि ये स्वयं ईश्वर हैं, “वे हम जो प्राणी हैं, उनके लिए कष्ट सहने और मरने को तैयार हैं। ईश्वर ने हमसे इतना प्रेम किया कि हमारे लिए प्राण निछावर कर दिया।”

उन्होंने कहा कि मानवता को ईश्वर से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, वे हमसे इतना प्रेम करते हैं कि वे निरंतर अपना अविनाशी जीवन हमें अर्पित करते हैं।

संत पापा लियो ने स्मरण दिलाया कि कलीसिया दैनिक ख्रीस्तयाग और परमप्रसाद के माध्यम से हमें बचाने के लिए येसु के बलिदान की स्मृति को आगे बढ़ाती है, जिसके अनुष्ठान में वेदी सेवक पुरोहितों की सहायता करते हैं।

मिस्सा बलिदान की सार्थकता

“प्रिय वेदी सेवकों, मिस्सा बलिदान हमें बचाता है। यह आज दुनिया को बचाता है। यह ख्रीस्तीय जीवन और कलीसिया के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि यही वह मिलन है जहाँ ईश्वर प्रेम से बार-बार हमें अपना सर्वस्व देते हैं।”

संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय किसी विवशता के कारण मिस्सा में शामिल नहीं होते, बल्कि प्रेम और जीवन में हमारी ईश्वर की आवश्यकता के कारण शामिल होते हैं। इसके बाद संत पापा लियो 14वें ने फ्रांसीसी वेदी सेवकों को उनके पल्ली के प्रति उनकी उदार सेवा के लिए धन्यवाद दिया और उनसे आग्रह किया कि वे “हमेशा मिस्सा बलिदान की महानता और पवित्रता को ध्यान में रखें।"

उन्होंने कहा, "आपका व्यवहार, आपकी शांति, आपकी सेवामय गरिमा, धार्मिक सौंदर्य, आपके मनोभाव और वैभव, विश्वासियों को उस पवित्र रहस्य के महानता की ओर ले जाए।"

खेद की बात

संत पापा ने युवाओं को पुरोहिताई या धार्मिक जीवन अपनाने पर विचार करने के लिए भी आमंत्रित किया और कहा कि "फ्रांस में पुरोहितों की कमी फ्रांस और कलीसिया के लिए एक बड़ी दुर्भाग्य की बात है"।

अंत में, उन्होंने कहा कि वेदी सेवक उस गौरव और आनंद के साक्षी हो सकते हैं जो मिस्सा में सेवा करने से मिलता है, उन्होंने उन्हें दुनिया को आशा का प्रतीक बने रहने का आह्वान किया।

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25 अगस्त 2025, 16:15