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लेबनान की सिस्टर अंतोइनेते असाफ लेबनान की सिस्टर अंतोइनेते असाफ   (Raghida Skaff - CNEWA)

अमेरिकी फंडिंग में कटौती के बावजूद मध्य पूर्व की सेवा में कलीसिया

अमेरिका की विदेशी सहायता निधि में भारी कटौती के बावजूद, काथलिक सहायता संगठन मध्य पूर्व में जरूरतमंद समुदायों को मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखने के लिए काम कर रहे हैं।

वाटिकन न्यूज

बेरूत, बुधवार, 13 अगस्त 2025 (रेई) : बेरूत से लगभग 6 मील उत्तर में, संत एंथोनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रवेश द्वार पर एक स्टिकर लगा है, जिस पर लिखा है, "यूएसएआईडी - अमेरिकी लोगों की ओर से - अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा कोर।" यह नाम अब लागू नहीं होता।

20 जनवरी को, अमेरिकी प्रशासन ने एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें कई विभागों और अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) के माध्यम से सभी सरकारी विदेशी सहायता को, शुरुआत में तीन महीने के लिए, रोक दिया गया। इस आदेश के साथ एक बयान भी जारी किया गया, जिसमें संकेत दिया गया कि "विदेशी सहायता उद्योग और नौकरशाही अमेरिकी हितों के अनुरूप नहीं हैं और कई मामलों में अमेरिकी मूल्यों के विपरीत हैं।"

हजारों मानवीय परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण अमेरिकी सरकारी फंडिंग में अचानक रोक (2024 में दुनिया भर में अमेरिकी विदेशी सहायता कुल 56 बिलियन डॉलर थी) ने दुनिया भर में हलचल मचा दी और गैर-लाभकारी एजेंसियों और उनके लाभार्थियों को स्तब्ध कर दिया।

यह निर्णय संत अंथोनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुँच गया। गुड शेफर्ड की धर्मबहनों द्वारा संचालित इस केंद्र को अंतरराष्ट्रीय मेडिकल ईकाई से काम रोकने का आदेश मिला, जो 2008 से इस स्वास्थ्य केंद्र को अमेरिकी सरकार से धन मुहैया करा रहा था।

औषधालय की चिकित्सा निदेशक डॉ. जोएल खलीफ ने कहा, "रविवार की रात को, उन्होंने हमें एक संदेश भेजा जिसमें बताया गया था कि सोमवार से वे परामर्श, रक्त परीक्षण, दवाइयाँ, चिकित्सा उपकरण और चिकित्सा इमेजिंग सेवाएँ बंद कर देंगे।"

शुरुआत में, अंतरराष्ट्रीय मेडिकल ईकाई ने फंड रोका, जो स्वास्थ्य केंद्र के वार्षिक बजट का एक तिहाई था। उन्होंने कहा, "दो हफ़्ते बाद, टीम ने हमें बहुत ही विनम्रता से बताया कि उनके साथ हमारा अनुबंध समाप्त कर दिया गया है।"

स्वास्थ्य केंद्र, जो हर महीने 2,000 लोगों की देखभाल करता है, उसके लिए इसके परिणाम तुरंत सामने आए।

डॉ. खलीफ़ ने कहा, "जब हमने अपने मरीज़ों से अंतरराष्ट्रीय मेडिकल ईकाई द्वारा कवर की जानेवाली राशि के बराबर शुल्क लेना शुरू किया, तो उनमें से कुछ ने आना बंद कर दिया।" "हमारे मरीज़ हमारे पास इसलिए आते हैं क्योंकि उनके पास निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने के लिए वित्तीय साधन नहीं हैं।"

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13 अगस्त 2025, 16:53