MAP

पोप लियो : उन बातों को पहचाना और अस्वीकार करना सीखें जो हमें मसीह से दूर ले जाती हैं

पोप के विश्वव्यापी प्रार्थना नेटवर्क ने संत पापा लियो 14वें के जुलाई माह के लिए प्रार्थना की प्रेरिताई का वीडियो प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने विश्वासियों को आत्मपरख करने सीखने के लिए प्रेरित किया है।

वाटिकन न्यूज

जुलाई महीने की प्रार्थना की प्रेरिताई हेतु पोप के वीडियो में, पोप लियो 14वें ने एक प्रार्थना पढ़ी है, जिसमें पवित्र आत्मा से आत्मपरख सीखने की कृपा मांगी गई है।

“एक ऐसी दुनिया में जो लगातार बदल रही है, सही निर्णय लेने के लिए आत्मपरख पहले से कहीं ज्यादा जरूरी है।”

पोप की प्रार्थना की प्रेरिताई नेटवर्क द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि “यह उद्देश्य, जिसे संत पापा ने अपने विश्वव्यापी प्रार्थना नेटवर्क को सौंपा है, आत्मपरख को विकसित करने के लिए समर्पित है।”

हम जीवन में अनंत संभावनाओं का सामना करते हैं जो हमें डराती और पंगु बनाती हैं, जिससे हमें जंगल में खोए हुए खोजकर्ताओं जैसा महसूस होता है। हम जानते हैं कि कहीं न कहीं एक रास्ता है, लेकिन हम हमेशा इसे आसानी से नहीं खोज पाते हैं।

ब्रुकलिन धर्मप्रांत के सहयोग से पोप के विश्वव्यापी प्रार्थना नेटवर्क द्वारा निर्मित, जुलाई के लिए पोप वीडियो विशेष रूप से इस परिदृश्य को संबोधित करता है कि जंगल में चल रही एक युवती खो जाती है और उसे अपना रास्ता खोजने की जरूरत होती है। चारों ओर देखने, रुकने और खुद को अनावश्यक बोझ से मुक्त करने के बाद, वह मानचित्र का उपयोग करके फिर से चलना शुरू करती है। लेकिन वह फिर से रुकती है, इस बार सुसमाचार खोलती है, एक ग्रोटो पहुँचती है जहाँ माता मरियम की एक प्रतिमा है - वह चुपचाप प्रार्थना करती और सुनती है, ताकि उसे सही रास्ता मिल सके।

अपने आप को जानना ताकि ईश्वर को जान सकें

इन तस्वीरों के साथ पोप लियो 14वें एक प्रार्थना पढ़ रहे हैं जिसके साथ श्रद्धालु पवित्र आत्मा से, "हमारी समझ के प्रकाश" और "हमारे निर्णयों में कोमल साँस" के लिए प्रार्थना करते हैं, ताकि वे यह जान सकें कि कैसे रुककर उन्हें ध्यान से सुनना है और अपनी भावनाओं, विचारों और कार्य करने के तरीकों के बारे में सचेत होना है। पोप प्रार्थना करते हैं, "मैं अपने विकल्पों के लिए तरसता हूँ, जो मुझे सुसमाचार के आनंद की ओर ले जाएँ। भले ही मुझे संदेह और थकान के क्षणों से गुजरना पड़े, भले ही मुझे संघर्ष करना पड़े, चिंतन करना पड़े, खोज करनी पड़े और फिर से शुरू करना पड़े..." और वे निष्कर्ष निकालते हैं, "मुझे इस बात की गहरी समझ प्रदान कर कि मुझे क्या प्रेरित करता है, ताकि मैं उन चीजों को अस्वीकार कर सकूँ जो मुझे मसीह से दूर ले जाती हैं, और उनसे प्यार कर सकूँ और उनकी पूरी तरह से सेवा कर सकूँ।"

येसु की आवाज पहचानना

पोप की प्रार्थना में, हम संत अगुस्टीन की प्रसिद्ध प्रार्थना की प्रतिध्वनि सुनते हैं: "हे ईश्वर, मुझे स्वयं को जानने दीजिए ताकि मैं तुझे जान सकूँ!" संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि संत अगुस्टीन के अनुसार, स्वयं का ज्ञान ईश्वर के ज्ञान की ओर ले जाता है। आत्मपरख करने के लिए, ईश्वर के सामने स्वयं को सत्य में रखना, अपने अंदर प्रवेश करना, अपनी कमजोरियों को स्वीकार करना और प्रभु से चंगाई के लिए प्रार्थना करना आवश्यक है। ये कदम ईश्वर के साथ एक सच्चे संबंध के माध्यम से पुनः जन्म लेना है।

कलीसिया ने अपने इतिहास की शुरुआत से ही आत्मपरख का अभ्यास किया है। संत पॉल ने अपने पत्रों में इस विषय पर कई बार लिखा है। उदाहरण के लिए, रोम 12:1-2 में, वे लिखते हैं, "ताकि तुम परखकर जान सको कि ईश्वर की इच्छा क्या है, जो भली, ग्रहणयोग्य और सिद्ध है।"

बयान में कहा गया है कि आज आत्मपरख की प्राचीन कला शायद पहले से कहीं ज्यादा जरूरी है। आज जिस गति से चीजें बदल रही हैं, उपलब्ध जानकारी की विशाल मात्रा (जो हमेशा सच नहीं होती), AI द्वारा बनाई गई स्पष्ट वास्तविकता और वैश्विक चुनौतियों की जटिलता के साथ-साथ अन्य चीज़ों के कारण, सही निर्णय लेने के लिए एक आत्मपरक की आवश्यकता है जो हमें अच्छी तरह जीने और ईश्वर के करीब आने की अनुमति देता है।

ब्रुकलिन के धर्माध्यक्ष, रॉबर्ट जे. ब्रेनन कहते हैं कि "रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी में, हमें रुकना और प्रार्थना के लिए समय बनाने सीखना चाहिए।"

अमेरिका के इस धर्मप्रांत ने संचार और मीडिया में सक्रिय धर्मप्रांतीय संगठन, डीसेल्स मीडिया के रचनात्मक सहयोग से इस वीडियो का निर्माण संभव बनाया है। बिशप ब्रेनन आगे कहते हैं, "ध्यानपूर्वक सुनने के इन शांत स्थानों में ही हम पाते हैं कि कौन से रास्ते वास्तव में मायने रखते हैं और यह चुनने की समझ पाते हैं कि वास्तव में कौन सी चीज़ खुशी की ओर ले जाती है जो केवल ईश्वर से आती है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

03 जुलाई 2025, 15:42