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कस्तेल गंदोल्फो में देवदूत प्रार्थना का पाठ करते संत पापा लियो 14वें कस्तेल गंदोल्फो में देवदूत प्रार्थना का पाठ करते संत पापा लियो 14वें  (ANSA)

देवदूत प्रार्थना में पोप : अनन्त जीवन पाने के लिए जीवन की सेवा करें

अपने ग्रीष्मावकाश के दौरान रविवार 13 जुलाई को पोप लियो 14वें ने रोम के कास्तेल गंदोल्फो में विश्वासियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा ख्रीस्तीयों को याद दिलाया कि हम दूसरों की सेवा और देखभाल, प्रेम से करके अनन्त जीवन प्राप्त कर सकते हैं, न कि मृत्यु को धोखा देकर।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, सोमवार, 14 जुलाई 2025 (रेई) : पोप लियो 14वें ने रविवार 13 जुलाई को रोम के कस्तेल गंदोल्फो से देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, “प्रिय भाइयो और बहनो, शुभ रविवार।”

आज का सुसमाचार पाठ येसु से पूछे गए एक सुंदर सवाल से शुरू होता है: "गुरूवर! अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?" (लूका 10:25)

संत पापा ने कहा, “मानव हृदय जो आशा करता है, उसे "विरासत में" प्राप्त होनेवाली वस्तु के रूप में वर्णित किया गया है: जिसे न तो बलपूर्वक जीता जा सकता, न ही नौकर के रूप में भीख मांगकर या अनुबंध के माध्यम से हासिल किया जा सकता है। अनन्त जीवन जिसे सिर्फ ईश्वर दे सकते हैं, पिता से पुत्र तक मनुष्य को विरासत के रूप में हस्तांतरित किया जाता है।

यही कारण है कि येसु हमारे सवाल का जवाब देते हैं कि ईश्वर का वरदान प्राप्त करने के लिए, हमें उनकी इच्छा को स्वीकार करना होगा। जैसा कि संहिता में लिखा है: "अपने प्रभु-ईश्वर को अपने सारे हृदय, अपनी सारी आत्मा, अपनी सारी शक्ति और अपनी सारी बुद्धि से प्यार करो और अपने पड़ोसी को अपने समान प्यार करो"। (लूका 10:27)। ऐसा करके, हम पिता के प्रेम को प्रकट करते हैं: वास्तव में, ईश्वर की इच्छा जीवन का वह नियम है जिसे ईश्वर सबसे पहले हम पर लागू करते हैं, अपने पुत्र येसु में हमें अपने पूरे अस्तित्व से प्रेम करते हैं।

संत पापा ने कहा, “प्यारे भाइयो एवं बहनो, आइये हम उनकी ओर देखें! येसु ईश्वर और मानवता के लिए सच्चे प्रेम को प्रकट करते हैं: ऐसा प्रेम जो देता और अधिकार नहीं रखता, प्रेम जो क्षमा करता और मांग नहीं करता, ऐसा प्रेम जो सहायता करता और कभी त्यागता नहीं। ख्रीस्त में ईश्वर हर पुरुष और स्त्री के पड़ोसी बने: इसलिए, हममें से हर कोई अपने रास्ते में मिलनेवाले लोगों के पड़ोसी बन सकते हैं और बनना भी चाहिए। संसार के उद्धारकर्ता, येसु के उदाहरण का अनुसरण करते हुए, हमें भी सांत्वना और आशा प्रदान करने के लिए बुलाया गया है, खासकर, उन लोगों के लिए जो निराश और हताश हैं।

इसलिए, अनन्त जीवन पाने के लिए हमें मौत को धोखा देना नहीं बल्कि जीवन की सेवा करनी चाहिए, अर्थात् हमारे पास जो समय है, उसमें दूसरों को ध्यान देना। यह सर्वोच्च नियम है, जो हर सामाजिक नियम से पहले आता है और उसे अर्थ देता है।

तब संत पापा ने कुँवारी मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा, “आइये, हम कुँवारी मरियम, करूणा की माता से प्रार्थना करें कि वे हमें ईश्वर की इच्छा का स्वागत अपने हृदयों में करने में मदद करें। जो हमेशा प्रेम और उद्धार की इच्छा है, ताकि हम हर दिन शांति स्थापित करने वाले बन सकें।”

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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14 जुलाई 2025, 16:07