पोप लियो का "संत मर्था" वृद्धाश्रम दौरा
वाटिकन न्यूज
रोम, मंगलवार, 22 जुलाई 2025 (रेई) : पोप लियो 14वें ने अल्बान पहाड़ी में बुजुर्गों के लिए बने "संत मर्था" आवास में वहाँ के निवासियों और धर्मबहनों से मुलाकात की, तथा उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनके लिए आशा और चिंतन के शब्द कहे।
पोप लियो 14वें ने सोमवार सुबह कास्तेल गंदोल्फो स्थित संत मर्था वृद्धाश्रम का दौरा किया और वहाँ रहनेवाली महिलाओं और उनकी देखभाल करनेवालों को सांत्वना, प्रोत्साहन और आध्यात्मिक निकटता प्रदान की।
एक तार संदेश में, वाटिकन प्रेस कार्यालय ने बताया कि पोप का स्वागत उन धर्मबहनों के समुदाय ने किया जो इस आश्रम की देखभाल करती हैं। यह आश्रम विला बारबेरिनी क्षेत्र में स्थित है, जहाँ पोप कुछ समय के लिए ग्रीष्मकालीन विश्राम कर रहे हैं। पोप समुदाय की सुपीरियर के साथ प्रार्थनालय गये, जहाँ उन्होंने मौन प्रार्थना की।
इसके बाद, संत पापा ने आश्रम में रहनेवाली 80 से 101 वर्ष की आयु की बीस वृद्ध महिलाओं से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। उन्होंने सभी निवासियों और उनकी देखभाल करनेवाली धर्मबहनों से बात की, उनकी कहानियाँ सुनीं और स्नेह भरे शब्द कहे।
एक युवा नर्स ने स्वागत के शब्द कहे, जिसके बाद भजन गाते हुए एक सामूहिक प्रार्थना की गई। उसके बाद, उपस्थित सभी लोगों को संबोधित करते हुए, पोप लियो ने पिछले दिन के ख्रीस्तयाग में सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया, जिसमें गीतों और धर्मग्रंथों के विषयों का उल्लेख किया।
"हम में से प्रत्येक में मार्था का एक अंश और मरियम का एक अंश है," पोप ने उन दो बहनों के सुसमाचार वृत्तांत का उल्लेख करते हुए कहा जिन्होंने येसु का अपने घर में स्वागत किया था। उन्होंने आगे कहा, "जीवन का यह चरण हमारे भीतर की 'मरियम' को अपनाने का एक अनमोल समय है - येसु के चरणों में बैठने, उनके वचन सुनने और प्रार्थना करने का।"
उन्होंने बुजुर्गों की प्रार्थनाओं के लिए आभार व्यक्त किया और कलीसिया के जीवन में उनके महत्व की पुष्टि की।
प्रार्थना का महत्व
संत पापा ने कहा, “प्रार्थना बहुत महत्वपूर्ण है, हमारी कल्पना से कहीं अधिक। उम्र मायने नहीं रखती। येसु स्वयं हमारे निकट आते हैं। वे हमारे अतिथि बनते हैं और हमें अपने साक्षी बनने के लिए आमंत्रित करते हैं, चाहे हम युवा हों या युवा न हों।”
उन्हें विश्वास और भरोसे में दृढ़ रहने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, पोप लियो 14वें ने बुजुर्गों को कलीसिया और विश्व के लिए “आशा के प्रतीक” बताया।
उन्होंने कहा, “आपने अपने जीवन में बहुत कुछ दिया है, और आप साक्षी बने रहें, प्रार्थना, विश्वास के, एक ऐसे परिवार के साक्षी जो प्रभु को अपना सब कुछ अर्पित करता है।”
समुदाय के साथ मिलकर “हे हमारे पिता” प्रार्थना का पाठ करने के बाद, पोप ने केंद्र का दौरा किया तथा कर्मचारियों से भेंट की। वे सुबह 11:30 बजे से ठीक पहले विला बारबेरिनी स्थित अपने निवास पर लौट आए।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here