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रोम के पुरोहितों से मुलाकात करते संत पापा लियो 14वें रोम के पुरोहितों से मुलाकात करते संत पापा लियो 14वें  (ANSA)

रोम के पुरोहितों से पोप : कलीसिया से प्रेम करें; आदर्श बनें

रोम के पुरोहितों का वाटिकन में स्वागत करते हुए, पोप लियो 14वें ने उनके विश्वास और सेवा के लिए उनकी सराहना की, उनसे कलीसिया से प्रेम करने और अनुकरणीय बनने का आग्रह किया, और जोर देकर कहा, "आप सभी ईश्वर की दृष्टि में और उनकी योजना की पूर्ति में मूल्यवान हैं।"

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 12 जून 25 (रेई) : संत पापा लियो 14वें ने बृहस्पतिवार को रोम धर्मप्रांत के पुरोहितों से मुलाकात करते हुए कहा, "मैं आपको स्वर्गराज की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने, प्रतिदिन के परिश्रम, प्रेरिताई को बड़ी उदारता के साथ सम्पन्न करने और उन सभी चीजों के लिए धन्यवाद देता हूँ जिसको आप चुपचाप पूरा करते हैं, और कभी-कभी दर्द या गलतफहमी के साथ।"

'ईश्वर की दृष्टि में अनमोल'

पुरोहितों को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने कहा कि वे उनका स्नेह और मित्रता के साथ स्वागत करते हैं, और बतलाया कि वे उनसे मिलना चाहते हैं ताकि उन्हें और करीब से जान सकें और उनके साथ मिलकर चलना शुरू कर सकें।

उनके द्वारा किये जा रहे विभिन्न सेवाओं पर गौर करते हुए उन्होंने जोर देते हुए कहा, “आप ईश्वर की दृष्टि में मूल्यवान हैं और उनकी योजना को साकार कर रहे हैं।” रोम धर्मप्रांत उदारता और एकता में कार्य करता है, तथा आप में से प्रत्येक के सहयोग से, धर्माध्यक्ष के साथ अनुग्रह के बंधन में तथा ईश्वर के सभी लोगों के साथ फलदायी सह-जिम्मेदारी में अपना मिशन पूरा कर रहा है।

रोम के पुरोहितों से मुलाकात करते संत पापा लियो 14वें
रोम के पुरोहितों से मुलाकात करते संत पापा लियो 14वें   (ANSA)

हमारे आध्यात्मिक जीवन की रक्षा करनी चाहिए

संत पापा ने याद किया कि रोम धर्मप्रांत वास्तव में खास है, क्योंकि यहाँ कई पुरोहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आते हैं, और उन्होंने कहा, “इसी सार्वभौमिक दृष्टिकोण से जो रोम प्रदान करता है, मैं आपके साथ कुछ विचार साझा करना चाहूँगा, पहला बिंदु, जो मेरे दिल के बहुत करीब है, वह है एकता और साम्य।

पोप लियो ने जोर देकर कहा कि प्रभु अच्छी तरह जानते हैं कि जब पुरोहित केवल उनके (प्रभु) साथ और आपस में एकजुट होते हैं, तो फलप्रद हो सकते हैं और दुनिया को एक विश्वसनीय गवाही दे सकते हैं।

उन्होंने कहा कि पुरोहित को समन्वय का व्यक्ति कहा जाता है, क्योंकि वह इसे सबसे पहले खुद जीता है और इसे लगातार विकसित करता है। हम जानते हैं कि यह समन्वय आज एक सांस्कृतिक माहौल से बाधित है जो अलगाव या आत्म-संदर्भ को बढ़ावा देता है।

उन्होंने कहा कि हममें से कोई भी इन जालों से मुक्त नहीं है जो हमारे आध्यात्मिक जीवन की दृढ़ता को खतरे में डालते हैं।

इस बात को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने आश्वस्त किया, "मैं आपकी मदद करना चाहता हूँ, आपके साथ चलना चाहता हूँ, ताकि हर कोई अपनी प्रेरिताई में शांति प्राप्त कर सके; लेकिन इसके लिए, मैं आपसे पुरोहिती भाईचारे में एक नए सिरे से प्रयास करने की सलाह देता हूँ, जो एक ठोस आध्यात्मिक जीवन, प्रभु के साथ मुलाकात और उनका वचन सुनने में निहित है।

उन्होंने कहा कि इस धर्मप्रांत के भीतर एकता को प्रतिबद्धता में तब्दील किया जाना चाहिए, क्योंकि साथ-साथ चलना हमेशा सुसमाचार के प्रति निष्ठा की गारंटी है।

रोम के पुरोहितों से मुलाकात करते संत पापा लियो 14वें
रोम के पुरोहितों से मुलाकात करते संत पापा लियो 14वें

आदर्श और विश्वसनीय होना चाहिए

इसके बाद उन्होंने आदर्श होने के दूसरे बिंदु की ओर रुख किया। पोप ने 31 मई को सम्पन्न पुरोहित अभिषेक के अवसर पर कहे गये, जीवन की पारदर्शिता के महत्व को याद किया, जो संत पौलुस के शब्दों पर आधारित है, जो एफेसुस के बुजुर्गों से कहते हैं: "आप जानते हैं कि मैंने कैसे जीवन जिया।"

उन्होंने आग्रह करते हुए कहा, "मैं आपसे एक पिता और एक पुरोहित के दिल से आग्रह करता हूँ, हम सभी विश्वसनीय और आदर्श पुरोहित बनने के लिए प्रतिबद्ध रहें!"

पोप लियो ने कहा "हम अपने स्वभाव की सीमाओं से अवगत हैं" और "प्रभु हमें गहराई से जानते हैं"; "लेकिन हमें एक असाधारण अनुग्रह प्राप्त हुआ है, हमें एक अनमोल खजाना सौंपा गया है जिसके हम सेवक हैं। और सेवक से वफादार होने की अपेक्षा की जाती है।"

पोप ने प्रोत्साहित करते हुए कहा, "आईये, हम एक बार फिर गुरु के आह्वान से आकर्षित हों, ताकि शुरू के प्रेम को महसूस कर सकें और जी सकें, जिसने आपको मजबूत विकल्प और साहसी त्याग करने के लिए प्रेरित किया।" उन्होंने कहा, "यदि हम एक साथ मिलकर विनम्र जीवन में अनुकरणीय बनने का प्रयास करते हैं, तो हम प्रत्येक पुरुष और महिला के लिए सुसमाचार की नवीकरण शक्ति को व्यक्त करने में सक्षम होंगे।"

चुनौतियों से न भागें

उन्होंने पुरोहितों को अंतिम सुझाव दिया, कि वे हमारे समय की चुनौतियों को "भविष्यसूचक कुंजी में" देखें।

उन्होंने कहा, "हम दुनिया में हर दिन होनेवाली हर घटना से चिंतित और दुःखी हैं: हिंसा जो मौत को जन्म देती, हमें घायल करती, असमानताएँ बढ़ाती, गरीबी, सामाजिक हाशिए के इतने सारे रूप व्यापक पीड़ा के रूप में हमें चुनौती देती हैं जो अब किसी को नहीं छोड़ रही है।'

उन्होंने कहा कि ये घटनाएँ केवल दूर में ही नहीं होतीं, बल्कि हमारे रोम शहर से भी संबंधित हैं।

पोप लियो ने उनसे कहा कि प्रभु ने उन्हें ऐसे समय में बुलाया है, जो चुनौतियों से भरा है, जो कभी-कभी हमारी शक्ति से बड़ी लगती हैं, और इसलिए इसे स्वीकार करने, उन्हें सुसमाचार के रूप में व्याख्या करने, उन्हें गवाही के अवसरों के रूप में जीने के लिए कहा जाता है, इसलिए "हमें उनसे दूर नहीं भागना चाहिए!"

संत पापा ने पुरोहितों से कहा कि अध्ययन की तरह ही प्रेरितिक प्रतिबद्धता भी सभी के लिए 'एक स्कूल' बननी चाहिए, जिसमें हम "एक जटिल और प्रेरक इतिहास के आज में ईश्वर के राज्य का निर्माण करना सीख सकें।"

रोम के पुरोहितों से मुलाकात करते पोप लियो 14वें
रोम के पुरोहितों से मुलाकात करते पोप लियो 14वें   (ANSA)

‘आप लोगों के साथ चलने की मेरी चाह’

उन्होंने याद किया कि विगत वर्षों में कई पुरोहित संत घोषित किये गये हैं। जो जानते थे कि इतिहास के प्रति जुनून को सुसमाचार की घोषणा के साथ कैसे जोड़ा जाए, उन्होंने कहा, "आइए हम इन उदाहरणों से शक्ति ग्रहण करें और अपने शहर में पवित्रता के बीज बोना जारी रखें।" उन्होंने जोर देकर कहा, "प्यारो, मैं आपको अपना सामीप्य, अपना स्नेह और आपके साथ चलने की इच्छा का आश्वासन देता हूँ।"

साथ ही, उन्हें अपने पुरोहित जीवन को प्रभु को सौंपने और उनसे एकता, अनुकरणीयता और अपने समय की सेवा करने के लिए भविष्यसूचक प्रतिबद्धता में बढ़ने में हमारी मदद करने का आग्रह किया।

संत पापा ने प्रार्थना करते हुए कहा कि पुरोहितों को संत ऑगस्टीन की निम्नलिखित अपील के साथ चलना चाहिए:

“इस कलीसिया से प्रेम करें, इस कलीसिया में रहें, कलीसिया बनें। भले चरवाहे, सुंदर दूल्हे से प्रेम करें, जो किसी को धोखा नहीं देता और नहीं चाहता कि कोई नष्ट हो। बिखरी हुई भेड़ों के लिए भी प्रार्थना करें: कि वे भी आएँ, कि वे भी पहचानें, कि वे भी प्यार करें, ताकि एक झुंड और एक चरवाहा हो।”

रोम के पुरोहितों से मुलाकात करते पोप लियो 14वें
रोम के पुरोहितों से मुलाकात करते पोप लियो 14वें   (ANSA)

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12 जून 2025, 16:33