आशा स्वर्ग और पृथ्वी को जोड़ती है, सन्त पापा लियो
वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार, 14 जून 2025 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में जारी धर्मशिक्षा माला के अवसर पर शनिवार को सन्त पापा लियो 14 वें ने कहा कि आशा वह सदगुण है जो स्वर्ग और पृथ्वी को जोड़ता है।
आशा पर चिन्तन
सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा आरम्भ आशा विषय पर चिन्तन को जारी रखते हुए सन्त पापा लियो ने कहा कि मानव बने येसु ख्रीस्त के सदृश ही आशा का सुसमाचारी सदगुण स्वर्ग और पृथ्वी को तथा हमारे विश्व एवं ईश राज्य को एकसाथ जोड़ता है।
सन्त पापा ने कहा कि इसे हम दूसरी शताब्दी के महान धर्माध्यक्ष और धर्मशास्त्री, ल्योन के संत इरेनियस के जीवन में प्रतिबिंबित होते देखते हैं। एशिया माइनर में जन्म लेनेवाले और वहाँ की प्रेरितिक परम्पराओं में विकसित होनेवाले इरेनियस सुसमाचार प्रचार हेतु यूरोप चले गए थे। उनकी प्रेरिताई का उद्देश्य एकता का था, जिसकी आधारशिला सच्चे ईश्वर और सच्चे मनुष्य प्रभु येसु थे।
सन्त इरेनियस की शिक्षा
सन्त पापा ने कहा कि मानव शरीर धरकर प्रभु येसु ने हमें एक दूसरे से जोड़ा, विभाजनों को सुलझाया और हमें अपने सभी भाइयों और बहनों, विशेष रूप से गरीबों और ज़रूरतमंदों में उन्हें स्वीकार करने का आदेश दिया। सन्त पापा ने कहा कि संत इरेनियस की इस शिक्षा से प्रेरित होकर हम अपने समुदायों में एकता के लिए मिलकर काम करें, दीवारों के स्थान पर दरवाज़े खोलें और पुल बनाएँ, ताकि आशा के तीर्थयात्री रूप में हम येसु मसीह में एकता, मेल-मिलाप और शांति के सुसमाचार संदेश के जीवित गवाह बन सकें।
“आशा के मिशनरी” बनें
आशा पर अपनी धर्मशिक्षा जारी करने के उपरान्त सन्त पापा ने जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में संस्कृति एवं शिक्षा सम्बन्धी परमधर्मपीठीय़ परिषद द्वारा प्रायोजित "आशा की गति" शीर्षक से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय खेल सभा में भाग लेनेवालों का अभिवादन किया। उन्होंने उनसे कहा कि इन दिनों एकसाथ बिताया गया समय उन्हें एथलेटिक गतिविधि और आशा के गुण के बीच विद्यमान संबंध के बारे में सोचने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करेगा। इसी तरह उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय मोटरबाईक रैली में भाग लेनेवालों का भी अभिवादन किया तथा उनसे आग्रह किया कि वे अपने तरीके से, “आशा के मिशनरी” बनें, तथा अधिक से अधिक एकजुटता, स्वीकृति और भाईचारे की संस्कृति लाने के लिए काम करें।
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