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संत पापा लियो 14वें ने सोमवार को वाटिकन में दिव्य दया की पुत्रियों, संत बसिल महान के धर्मसमाज की धर्मबहनों, एम्पारो की अगुस्टीनियन धर्मबहनों और पवित्र हृदय की फ्रांसिस्कन धर्मबहनों से मुलाकात की संत पापा लियो 14वें ने सोमवार को वाटिकन में दिव्य दया की पुत्रियों, संत बसिल महान के धर्मसमाज की धर्मबहनों, एम्पारो की अगुस्टीनियन धर्मबहनों और पवित्र हृदय की फ्रांसिस्कन धर्मबहनों से मुलाकात की  (ANSA)

संत पापा लियो 14 वें धर्मबहनों से : पूछें, 'क्या ईश्वर ही मेरा सबकुछ है?'

संत पापा लियो 14वें रोम में धर्मबहनों से आग्रह करते हैं कि वे अपनी महासभा या जुबली के लिए मसीह में निहित रहें और यह सुनिश्चित करें कि ईश्वर, हर तरह से, उनका सबकुछ रहे।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, सोमवार 30 जून 2025 : "संत अगुस्टीन, ख्रीस्तीय जीवन में ईश्वर की प्रधानता की बात करते हुए, पुष्टि करते हैं कि, 'ईश्वर ही सबकुछ है, आपका सबकुछ। अगर आप भूखे हैं, तो ईश्वर आपकी रोटी है; अगर आप प्यासे हैं, तो ईश्वर आपका पानी है; अगर आप अंधेरे में हैं, तो ईश्वर आपका कभी न मिटने वाला प्रकाश है; अगर आप नंगे हैं, तो ईश्वर आपका वस्त्र है।" वास्तव में, हमें खुद से पूछना चाहिए: ये शब्द मेरे लिए किस हद तक सच हैं? प्रभु मेरे जीवन, प्रेम या प्रकाश की प्यास को कितना संतुष्ट करते हैं?'"

संत पापा लियो 14वें ने सोमवार को वाटिकन में दिव्य दया की पुत्रियों, संत बसिल महान के धर्मसमाज की धर्मबहनों, एम्पारो की अगुस्टीनियन धर्मबहनों और पवित्र हृदय की फ्रांसिस्कन धर्मबहनों को दिये अपने संदेश में यह टिप्पणी की।

संत पापा लियो 14वें  वाटिकन में धर्मबहनों  के साथ
संत पापा लियो 14वें वाटिकन में धर्मबहनों के साथ   (ANSA)

मसीह में मजबूती

अपनी टिप्पणी में, संत पापा ने उल्लेख किया, कि "मसीह में यह मजबूती ही है जिसने उन लोगों को प्रेरित किया जो हमसे पहले गए - हमारे जैसे पुरुष और महिलाएं, हमारे जैसे उपहार और सीमाओं के साथ - उन चीजों को करने के लिए जिनके बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे हासिल कर सकते हैं।"

इसके अलावा, इसने उन्हें अच्छाई के बीज बोने में सक्षम बनाया, जो सदियों और महाद्वीपों में टिके हुए, अब व्यावहारिक रूप से पूरी दुनिया तक पहुँच चुके हैं, जैसा कि आपकी यहाँ उपस्थिति दर्शाती है।

पवित्रता से प्रेरित

उन्होंने याद दिलाया कि कुछ धर्मबहनें अपने धर्मसमाज की महासभा के कारण उपस्थित थीं, और अन्य अपनी जयंती तीर्थयात्रा के लिए, जबकि दोनों मामलों में, वे संत पेत्रुस की कब्र पर "प्रभु के प्रति अपने प्रेम और कलीसिया के प्रति आपकी निष्ठा को नवीनीकृत करने के लिए" आई हैं।

यह देखते हुए कि उनका धर्मसमाज अलग-अलग समय और अलग-अलग परिस्थितियों में स्थापित की गई थीं, संत पापा ने याद दिलाया कि उनके इतिहास "एक सामान्य सूत्र साझा करते हैं जिसे आध्यात्मिक जीवन के ऐसे महान ऐतिहासिक गवाहों के प्रकाश में देखा जा सकता है जैसे कि संत अगुस्टीन, संत बसिल और संत फ्रांसिस, जिनके तप, साहस और जीवन की पवित्रता ने आपके संस्थापकों को दूसरों की सेवा करने के नए तरीकों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया।"

उन्होंने कहा, यह बच्चों, गरीब लड़कियों और लड़कों, अनाथों, प्रवासियों और हाल ही में बुजुर्गों और बीमारों के साथ-साथ दया के कई अन्य मंत्रालयों सहित सबसे कमजोर लोगों की देखभाल में प्रकट होता है।

उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा, "आपके सामने महत्वपूर्ण विकल्प हैं जो आपके, आपकी धर्मबहनों और कलीसिया के भविष्य को निर्धारित करेंगे।" "इस कारण से, हम सभी के लिए, एफेसियों के ख्रीस्तियों को संबोधित करते हुए संत पौलुस द्वारा व्यक्त की गई सुंदर आशा को दोहराते हुए निष्कर्ष निकालना सबसे उपयुक्त लगता है। संत पौलुस लिखते है, 'मैं प्रार्थना करता हूँ कि "मसीह विश्वास के माध्यम से आपके दिलों में निवास करे, क्योंकि आप प्रेम में निहित और आधार बन रहे हैं। मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप सभी संतों के साथ, चौड़ाई और लंबाई और ऊंचाई और गहराई को समझने की शक्ति प्राप्त करें और मसीह के प्रेम को जानें जो ज्ञान से परे है, ताकि आप ईश्वर की संपूर्णता से भर जाएं।'

संत पापा लियो 14वें  वाटिकन में धर्मबहनों के साथ
संत पापा लियो 14वें वाटिकन में धर्मबहनों के साथ   (@Vatican Media)

अंत में, अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान करने से पहले, संत पापा लियो ने धर्मबहनों को उनके काम और निष्ठा के लिए धन्यवाद दिया और प्रार्थना की कि धन्य कुंवारी माता मरिया उनके साथ रहें।

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30 जून 2025, 15:29