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कार्डिनल जोवन्नी बत्तिस्ता रे कार्डिनल जोवन्नी बत्तिस्ता रे   (@Vatican Media)

कार्डिनल जोवन्नी रे- हम पवित्र आत्मा से प्रार्थना करें

काथलिक कलीसिया के वैश्विक धर्मगुरू नये संत पापा की नियुक्ति के पूर्व ख्रीस्तयाग की अगुवाई कार्डिनलमंडल के अध्यक्षता करते हुए मान्यवर कार्डिनल जोवन्नी बत्तिस्ता रे ने पवित्र आत्मा से प्रार्थना का आहृवान किया।

वाटकिन सिटी

कार्डिनल मंडल के अध्यक्ष कार्डिनल जोवन्नी बत्तिस्ता रे ने नये संत पापा के चुनाव का मिस्सा बलिदान अर्पित किया।

कार्डिनल रे ने अपने प्रवचन में कहा कि हम प्रेरित चरित में पढ़ते हैं कि येसु के स्वर्गारोहण उपारंत प्रेरितगण येसु की माता मरियम के संग मिलकर पेन्तेकोस्त पवित्र आत्मा के आने की प्रतीक्षा में एकजुट होकर प्रार्थना कर रहे थे। 

प्रेरित संत पेत्रुस की कब्र के ऊपर निर्मित इस महागिरजाघर के बगल की बेदी में, माता मरियम की निगाहों तले, कॉनक्लेव को शुरू करने के कुछ घंटों पूर्व हम भी वही कर रहे थे।

हम अपने को ईशप्रजा के संग विश्वास, संत पापा के लिए प्रेम और उम्मीद की भावना में संयुक्त पाते हैं।

पवित्र आत्मा की चाह

कार्डिनल रे ने कहा कि हम यहाँ पवित्र आत्मा की सहायता मांगने, उनकी ज्योति और शक्ति की चाह लिए आते हैं जिससे नवनियुक्त होने वाले संत पापा वे हों जिसे कलीसिया और मानवता के इतिहास- इस कठिन,जटिल और उथल-पुथल दौर में जरूरी है।

पवित्र आत्मा का आहृवान करते हुए प्रार्थना करना ही हमारे लिए सही और उचित मनोभाव है जब हम कार्डिनल निर्वाचकों को सर्वोच्च मानवीय और कलीसियाई जिम्मेदारी का कार्य करने और अतिविशिष्ट चुनाव के लिए तैयार पाते हैं। यह मानवीय कार्य है जो हमें व्यक्तिगत विचारों से पृथक होने और सिर्फ येसु ख्रीस्त को दिल और दिमाग में तथा कलीसिया और मानवता की भलाई को ध्यान में रखने की मांग करता है।

येसु का संदेश  

कार्डिनल जोवन्नी बत्तिस्ता रे ने कहा कि सुसमाचार जिसकी घोषणा की गई, हमारे हृदय में उन वचनों को ध्वनित करता है जो येसु के संदेश और साक्ष्य को हमारे लिए लाते हैं जिसे उन्होंने संध्या अंतिम व्यारी की कोठरी में अपने प्रेरितों से कहा, “यह मेरी आज्ञा है तुम एक दूसरे को प्रेम करो जैसा कि मैंने तुम्हें किया है।” यहाँ हम इस बात की स्पष्टता को पाते हैं, “जैसा कि मैंने तुम्हें प्रेम किया है” येसु इसे और अधिक स्पष्ट करते हुए कहते हैं, “इससे बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिए अपने प्राण अर्पित कर दे।”

यह हमारे लिए प्रेम का संदेश है जिसे येसु हमारे लिए एक “नयी” आज्ञा के रुप में देते हैं। यह नयी आज्ञा है क्योंकि हम इसमें पुराने विधान के नियम जिसमें कहा गया था, "दूसरों के साथ वैसा मत करो जैसा तुम नहीं चाहते कि तुम्हारे साथ किया जाए” कुछ सकारात्मक और एक वृहृद विस्तार को पाते हैं।

येसु का प्रेम अनंत

कार्डिनल ने कहा कि येसु के द्वारा प्रकट किये जाने वाले प्रेम की कोई सीमा नहीं है, और यह विचारों और कार्यों में परिलक्षित होने की मांग करता है। यह हमें अपने सच्चे प्रेम को व्यवहार में और एक नयी संस्कृति के निर्माण में निष्ठामय तरीके से व्यक्त करने का आहृवान करता है, जैसे कि संत पापा पॉल 6वें ने इसे “प्रेम की सभ्यता” निरूपित किया। दुनिया को बदले की शक्ति सिर्फ प्रेम में है।

येसु ने हमें इस प्रेम का साक्ष्य अंतिम भोज के शुरू में एक आश्चर्यजनक निशानी में दिया: उन्होंने दूसरों की सेवा में अपने को नम्र बनाया, बिना किसी भेदभाव के उन्होंने प्रेरितों के पैर धोए, उन्होंने यूदस को भी अपने से अलग नहीं किया, जो उन्हें धोखा देने वाला था।

येसु का यह संदेश हमें आज के प्रथम पाठ से संयुक्त करता है जिसे हमने नबी इसायस के ग्रंथ में सुना जो प्रेरितों के जीवन का मूलभूत गुण है जो उन्हें पूर्ण बलिदान करने तक प्रेम करने की मांग करता है।

कलीसियाः एकता का निवास और विद्यालय

कार्डिनल रे ने कहा कि इस यूखारीस्तीय धर्मविधि के पाठ हमें भातृत्वमय प्रेम, आपसी सहयोग, कलीसिया की एकता और सार्वभौमिक मानवीय बंधुत्व के प्रति प्रतिबद्धता हेतु निमंत्रण देते हैं। पेत्रुस के उत्तराधिकारी के कार्यों में से एक है, एकता स्थापित करना: ख्रीस्त के संग सभी ख्रीस्तीयों की एकता, संत पापा का धर्माध्यक्षों के संग एकता, धर्माध्यक्षों के बीच आपसी एकता। यह कोई आत्म-संदर्भित एकता नहीं है, बल्कि यह पूर्णरूपेण व्यक्तियों, देशों और संस्कृतियों के बीच एकता है, जहाँ हम कलीसिया को सदैव “एकता का निवास और विद्यालय” स्वरूप पाते हैं।

कलीसियाई एकता ख्रीस्त की योजना

यह हमारे लिए कलीसिया द्वारा उस मार्ग में चलने की बात को मजबूत से व्यक्त करता है जिसका अनुसरण प्रेरितों ने किया। कलीसिया की एकता ख्रीस्त की योजना है, इस एकता का अर्थ अपने में एकरूपता नहीं है, बल्कि विभिन्नताओं में यह एक सुदृढ़ और गहरी एकता है बर्शते कि सुसमाचार के प्रति निष्ठा कायम रहे।

कार्डिनल ने कहा कि हर संत पापा, संत पेत्रुस और इसकी प्रेरिताई का एक मूर्त रुप होता है और इस भांति वह पृथ्वी पर ख्रीस्त का प्रतिनिधित्व करता है। वह एक चट्टान की भांति है जिस पर कलीसिया का नींव स्थापित की गई है।

नये संत पापा का चुनाव व्यक्तियों का एक साधारण उत्तराधिकार नहीं है, हांलकि इस चुनाव में हम सदैव प्रेरित पेत्रुस को लौटकर आता पाते हैं।

कॉनक्लेव का मिस्सा बलिदान

कार्डिनल निर्वाचकों के द्वारा सिस्टीन चैपल में मतदान दिया जायेगा, यह वह स्थल है जिसके संबंध में प्रेरितिक संविधान, यूनिभेरसी दोमीनीची ग्रेजिस कहता है, “हर चीज ईश्वरीय उपस्थिति के प्रति जागरूकता उत्पन्न करती है, जिनकी दृष्टि में प्रत्येक व्यक्ति का एक दिन न्याय किया जाएगा।”

संत पापा योहन पौलुस द्वितीय ने अपने रोमन त्रिपटिक में इस आशा को व्यक्त किया है कि इस गम्भीर निर्णय के लिए मतदान करना, हरएक को चित्रकार माइकेल अंजेलो द्वारा की गई चित्रकारिता न्यायाधीश येसु के छवि की याद दिलाये जिसे वे “महा कुंजियों” को सही व्यक्ति के हाथों में सुपुर्द करने की जिम्मेदारी लें।

प्रार्थना का आहृवान 

अतः, आइए हम प्रार्थना करें कि पवित्र आत्मा, जिन्होंने पिछले सौ वर्षों में हमारे लिए सच्चे पवित्र और महान संत पापाओं की एक श्रृंखला प्रदान की है, हमें कलीसिया और मानवता की भलाई के लिए ईश्वरीय हृदय के अनुसार अब एक संत पापा प्रदान करें।

आइए हम प्रार्थना करें कि ईश्वर कलीसिया को एक ऐसे संत पापा प्रदान करें जो इस बात से वाकिफ हों कि आज के समाज में सभों के विवेक, नैतिक तथा आध्यात्मिक ऊर्जा को किस तरह से जागृत किया जाए, जो बृहृद तकनीकी प्रगति से चिह्नित है, लेकिन जो ईश्वर को भूलने की प्रवृत्ति रखती है।

आज की दुनिया कलीसिया से उन मौलिक मानवीय और आध्यात्मिक मूल्यों की सुरक्षा के संबंध में बहुत अपेक्षा रखती है, जिनके बिना मानव सह-अस्तित्व बेहतर नहीं होगा और न ही यह भावी पीढ़ियों के लिए अच्छा होगा।

कुंवारी माता मरियम, कलीसिया की माता, हमारी प्रार्थना की बिचवई करें, जिससे पवित्र आत्मा कार्डिनल निर्वाचकों की बुद्धि को आलोकित करें और वे हमारे समय के लिए जरुरी संत पापा हेतु सहमत हो सकें। 

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07 मई 2025, 15:31