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कार्डिनल लियोनार्दो सांद्री कार्डिनल लियोनार्दो सांद्री   (AFP or licensors)

कार्डिनल सांद्री : पोप फ्राँसिस ने सेवा और दर्शन की विरासत छोड़ दी है

दिवंगत पोप फ्राँसिस की स्मृति में पांचवें नोवेनदियालेस ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता करते हुए, कार्डिनल सांद्री ने पोप फ्राँसिस की विनम्र सेवा के साक्ष्य के साथ-साथ कलीसिया के भविष्य के लिए उनके द्वारा छोड़े गए स्थायी दृष्टिकोण पर भी चिंतन किया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 1 मई 2025 (रेई) : कार्डिनल लियोनार्दो सांद्री ने पांचवें नोवेनदियालेस ख्रीस्तयाग के दौरान अपने प्रवचन की शुरुआत "ख्रीस्त जी उठे हैं" की घोषणा के साथ की। उन्होंने कहा कि इस पास्का के समय में कलीसिया दो महत्वपूर्ण क्षणों के बीच है: पोप फ्राँसिस के परमाध्यक्षीय काल का अंत और एक नए परमाध्यक्षीय काल की शुरुआत। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों में कार्डिनल प्रोटोडीकन एक बार फिर संत पेत्रुस महागिरजाघर के झरोखे से नए पोप के नाम की घोषणा करने बाहर आएंगे। कार्डिनल सांद्री ने कहा कि यह भूमिका "ख्रीस्त के पास्का अनुभव में अपना अर्थ पाती है।"

एक साथ याद करना, एक साथ प्रार्थना करना

कार्डिनल सांद्री ने बताया कि नोवेनदियालेस ख्रीस्तायग केवल शोक मनाने का समय नहीं है, बल्कि कलीसिया के लिए एक साथ आने, प्रार्थना करने, याद करने और पुनरुत्थान में अपने विश्वास की पुष्टि करने का क्षण है। उन्होंने कहा कि कार्डिनल न केवल पोप के सहयोगी के रूप में इकट्ठे होते हैं, बल्कि अपने साथ दुनिया भर के लोगों की प्रार्थनाएँ भी लेकर आते हैं: टोंगा से मंगोलिया तक, तेहरान से येरुसालेम तक और उन जगहों से जहाँ ख्रीस्तीयों की एक छोटी लेकिन वफादार उपस्थिति है, जैसे मोरक्को और अल्जीरिया।

कार्डिनल ने पोप फ्राँसिस का हवाला देते हुए कहा, "हमें हर दिन इस सच्चाई को याद रखने और सचेत होकर जीने के लिए कहा जाता है कि शासन करने का अर्थ है सेवा करना।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसी भावना के साथ पोप फ्राँसिस ने अपना पद संभाला: अपने कार्यों, अपनी यात्राओं और हाशिये पर पड़े लोगों की निरंतर देखभाल के माध्यम से।

कार्डिनल ने कहा कि पोप ग्रेगरी महान द्वारा इस्तेमाल की गई उपाधि "ईश्वर के सेवकों का सेवक" पोप फ्राँसिस के लिए महत्वपूर्ण थी, जो कलीसिया को याद दिलाते रहे कि उसके दिल में हमेशा सेवा भावना होनी चाहिए।

कार्डिनल सांड्री का मिस्सा-5वाँ दिन

धर्मग्रंथ से लेकर आज तक

प्रेरित चरित से दिन के पाठ पर चिंतन करते हुए, कार्डिनल सांद्री ने कहा कि पेंतेकोस्ट पर पेत्रुस का भाषण न केवल इसलिए चुना गया था क्योंकि यह कलीसिया की शुरुआत को चिह्नित करता है, बल्कि इसलिए भी क्योंकि यह पूर्णता की बात करता है। यह भी दोहराता है कि जिस तरह पेंटेकोस्ट ने प्रेरितों के लिए एक नई शुरुआत को चिह्नित किया, उसी तरह आज कलीसिया एक नए अध्याय की तैयारी कर रही है।

इसके बाद उन्होंने नबी योएल के ग्रंथ से उस पद की ओर ध्यान आकृष्ट किया, जिसे अक्सर पोप फ्राँसिस उद्धृत करते थे: "मैं अपनी आत्मा सभी लोगों पर डालूँगा। आपके बेटे और बेटियाँ भविष्यवाणी करेंगे, आपके बूढ़े लोग सपने देखेंगे, आपके युवा दर्शन देखेंगे।"

कार्डिनल सांद्री ने कहा कि पोप फ्राँसिस इस पंक्ति को अक्सर पीढ़ियों को जोड़ने के महत्व से जोड़ते थे। उन्होंने कहा कि "बूढ़े और युवा के बीच इस मेल-जोल के बिना कोई भविष्य नहीं है।"

कलीसिया के लिए एक सपना

अपने प्रवचन को समाप्त करते हुए, कार्डिनल सांद्री ने कहा कि पोप फ्राँसिस ने कलीसिया के भविष्य के लिए पहले ही एक दर्शन छोड़ दिया है। 2025 की जयंती के लिए बुल ऑफ इंडिकशन में, उन्होंने एक और बड़ी घटना की ओर देखा: येसु ख्रीस्त के दुःखभोग, मृत्यु और पुनरुत्थान के 2000 साल पूरा होने की घटना, जिसे 2033 में मनाया जाएगा।

कार्डिनल ने कहा, "यह पवित्र वर्ष ख्रीस्तीयों के रास्ते का मार्गदर्शन करेगा... ताकि आध्यात्मिक रूप से, हम सभी पवित्र भूमि के तीर्थयात्री बन सकें, और एक बार फिर घोषणा कर सकें: 'प्रभु सचमुच जी उठे हैं और सिमोन को दिखाई दिए हैं!'"

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01 मई 2025, 16:01