संत पापाः ऊरबी एत ओरबी, शांति हेतु अपील
वाटिकन सिटी
संत पापा फ्रांसिस ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के झरोखे से सभों का अभिवादन किया और सभों को पास्का पर्व की शुभकामनाएं प्रदान कीं।
ख्रीस्त जी उठे हैं, प्रिय भाइयो एवं बहनों आप सभों को खुश पास्का पर्व।
कलीसिया में आज अंततः हम अल्लेलूया के गान को सुनते हैं, जो एक से दूसरे के लब और हमारे हृदय से दूसरों के हृदय में प्रसारित होता है। यह विश्व भर के लोंगो में आनंद के आंसू लाता है।
येरुसालेम की खाली कब्र से हम अप्रत्याशित खुशखबरी को सुनते हैं जहाँ येसु क्रूस पर चढ़ाये गये थे, “वे जी उठे हैं वे यहाँ नहीं है।” येसु कब्र में नहीं हैं वे जीवित हैं।
प्रेम की जीत
संत पापा ने कहा कि घृणा पर प्रेम की जीत हुई है, अंधकार पर ज्योति और झूठ पर सत्य की विजय हुई है। बदले की भावना पर क्षमा की जीत हुई है। इतिहास से बुराई खत्म नहीं हुई है यह अंत तक बनी रहेगी लेकिन इसका हमारे ऊपर कोई प्रभाव नहीं रह गया है। वे जो आज कृपा को स्वीकार करते हैं उनके ऊपर इसका कोई प्रभाव नहीं होता है।
मेमने की जीत
प्रिय भाइयो एवं बहनों, आप जो अपने में दुःख और उदासी का अनुभव करते हैं, आपकी पुकार सुनी गई है और आप के आंसूओं की गिनती हुई है, उनमें से एक भी व्यर्थ नहीं गया है। येसु के दुःखभोज और मृत्यु में ईश्वर ने सारी चीजों को अपने ऊपर ले लिया है उनकी अनंत करूणा में सभी बुराइयों की हार हुई है। उन्होंने शैतान के घमंड को उखाड़ फेंका है जो मानव के हृदय को जहरीला बना देता और हर तरह हिंसा और भ्रष्टचार उत्पन्न करता है। ईश्वर का मेमना अपने में विजयी हुआ है। यही कारण है आज हम खुशी में यह घोषित कर सकते हैं, “ख्रीस्त हमारी आशा, पुनर्जीवित है।”
पुनरूत्थान आशा का आधार
संत पापा ने कहा कि येसु का यह पुनरूत्थान हमारे लिए आशा का आधार है। इस ज्योति में हम आशा को धूमिल होता नहीं पाते हैं। हम क्रूस और पुनर्जीवित येसु ख्रीस्त के प्रति कृतज्ञ हैं जो हमें कभी निराश नहीं करते हैं। वह आशा कोई छलवा नहीं, बल्कि एक चुनौती है; वह हमें भ्रमित नहीं करती, बल्कि सशक्त बनाती है।
वे जो अपने कमजोर हाथों को ईश्वर के शक्तिशाली और मजबूत हाथों में रखते हैं वे अपने में ऊपर उठाये जाते और अपने जीवन यात्रा में आगे बढ़ते हैं। वे पुनर्जीवित येसु के संग अपने जीवन की तीर्थयात्रा में आगे बढ़ते हैं, वे आशा के तीर्थयात्री बनते हुए प्रेम की जीत और निहत्थे हाथ का साक्ष्य देते हैं।
हर जीवन मूल्यवान
ख्रीस्त जीवित हैं, ये शब्द हमारे सम्पूर्ण जीवन को अर्थ प्रदान करते हैं क्योंकि हम मृत्यु के लिए नहीं बल्कि जीवन के लिए बनाये गये हैं। पास्का जीवन का समारोह है। ईश्वर ने हमें जीवन के लिए बनाया है और वे हमारे पुनर्जीवन की चाह रखते हैं। उनकी आंखों में हर किसी का जीवन मूल्यवान है। माता के गर्भ में एक बच्चे के जीवन के साथ बुजुर्गों और बीमारों का जीवन जो बहुत सारे देशों में छोड़े जाने का शिकार होते हैं।
दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में, युद्ध के कारण हम हर दिन मौत और हत्या की कितनी बड़ी प्यास को देखते हैं। हम अक्सर परिवारों में भी, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ़ कितनी हिंसा देखते हैं। कमज़ोर, हाशिए पर पड़े लोगों और प्रवासियों के प्रति कितनी तिरस्कार की भावनाएँ पैदा होती हैं।
शांति हेतु संत पापा की आपील
संत पापा ने कहा कि आज के इस दिन, मैं सभी लोगों से यही कामना करना चाहूँगा कि हम दूसरों पर अपने विश्वास को जागृत करें, उन सभों में भी जो हम से भिन्न हैं, या वे जो हमारे बीच में दूसरे देशों, संस्कृतियों के आये हैं, और एक अलग जीवन और विचारों को धारण करते हैं। क्योंकि हम सभी ईश्वर की संतान हैं।
हम अपने में इस आशा को नवीन बनायें की शांति अपने में संभव है। पवित्र कब्र के पुनरूत्थान गिरजाघर से, जहाँ काथलिकों और ओर्थोडक्स कलीसिया एक साथ पास्का मना रही है, शांति की ज्योति येरूसालेम और पृथ्वी के सीमांतों तक प्रसारित हो। मैं इस्रराएल और फिलीस्तीन में दुःख के शिकार ख्रीस्तीयों को अपना समीप्य प्रदान करता हूँ। दुनिया भर में यहूदी-विरोधी भावना का बढ़ता माहौल चिंताजनक है। फिर भी, मैं गाजा के लोगों और विशेष रूप से उसके ख्रीस्तीय समुदाय के बारे में सोचता हूँ, जहाँ भयानक युद्ध मौत और विनाश का कारण बनी हुई है जहाँ हम एक नाटकीय और दयनीय मानवीय स्थिति को पाते हैं। मैं युद्ध संलग्न पक्षों से अपील करता हूँ, कि वे युद्ध विराम की घोषणा करें, बंधकों को रिहा करें और भूख से मर रहे लोगों की सहायता करें जो शांति की कामना करते हैं।
लेबनान और सीरिया
संत पापा ने कहा कि हम लेबनान और सीरिया में ख्रीस्तीय समुदायों के लिए प्रार्थना करें, जो वर्तमान में अपने इतिहास में एक नाजुक बदलाव के दौर से होकर गुजर रहे हैं। वे स्थिरता और अपने-अपने राष्ट्रों के जीवन में भागीदारी की आकांक्षा रखते हैं। मैं पूरे कलीसिया से आग्रह करता हूँ कि वे मध्य पूर्वी प्रांत के ख्रीस्तीयों को अपने विचार और प्रार्थनाओं में रखें।
यमन की स्थिति
मैं यमन के लोगों के बारे में भी विशेष रूप से सोचता हूँ, जो युद्ध के कारण दुनिया के सबसे गंभीर और लंबे समय से चली आ रहे मानवीय संकटों का सामना कर रहे हैं। मैं सभी को रचनात्मक बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने के लिए आमंत्रित करता हूँ।
पुनर्जीवित मसीह युद्ध से तबाह यूक्रेन को शांति का पास्का उपहार प्रदान करें, और इसमें शामिल सभी पक्षों को न्यायपूर्ण और स्थायी शांति स्थापना के प्रयास हेतु प्रोत्साहित करें।
अर्मेनिया और अज़रबैजान
इस त्योहार के दिन, आइए हम दक्षिण काकेशस को याद करें और प्रार्थना करें कि अर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच अंतिम शांति समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर हो और उसे लागू किया जाए, तथा इस क्षेत्र में लंबे समय से प्रतीक्षित सुलह हो। संत पापा फ्रांसिस ने पश्चिमी बाल्कन प्रांत में सद्भाव और शांति स्थापना की कामना की।
पुनर्जीवित मसीह जो हमारी आशा हैं, अफ्रीका के लोगों को शांति और सांत्वना प्रदान करें जो हिंसा और संघर्ष के शिकार हैं। संत पापा ने विशेष रूप से कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, सूडान और दक्षिण सूडान के अलावे, साहेल, हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका और ग्रेट लेक्स क्षेत्र में तनाव से पीड़ित लोगों की लोगों की याद की। वे ख्रीस्तीय जो अपने विश्वास की अभिव्यक्त में कठिनाई का सामना कर रहे हैं उन्हें सहायता मिले, क्योंकि धार्मिक, विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बिना हम शांति की कामना नहीं कर सकते हैं।
निरस्त्रीकरण की अपील
संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि निरस्त्रीकरण के बिना शांति संभव नहीं है, अपनी रक्षा के लिए खुद को तैयार करना हमें शस्त्रीकरण की दौड़ में शामिल न करे। पास्का की ज्योति हमें उन बाधाओं को तोड़ने के लिए प्रेरित करती है जो विभाजन पैदा करती है जो गंभीर राजनीतिक और आर्थिक परिणामों से भरी होती हैं। यह हमें एक-दूसरे की देखभाल करने, आपसी एकजुटता बढ़ाने और प्रत्येक मानव व्यक्ति के समग्र विकास के लिए काम करने को प्रेरित करे।
म्यांमार को सांत्वना
संत पापा ने म्यांमार के लोगों की याद की जो लंबे समय से सशस्त्र संघर्ष से त्रस्त हैं, जो साहस और धैर्य के साथ सागाइंग में विनाशकारी भूकंप के बाद की स्थिति से निपट रहे हैं, जिसके कारण हजारों लोगों की मौत हो गई। उन्होंने अनाथों और बुजुर्गों सहित बचे हुए पीड़ितों और उनके प्रियजनों की याद करते हुए उन्हें अपनी प्रार्थना का सामीप्य प्रदान किया। उन्होंने उदारवादी कार्यकर्ताओं और सभी स्वयंसेवकों के प्रति अपने हृदय के उद्गार प्रकट करते हुए युद्ध विराम की घोषणा पूरे म्यांमार के लिए आशा का संकेत बतलाया।
भूख से लड़ें
संत पापा ने राजनीतिक में जिम्मेदारी पदों पर बैठे सभी लोगों से अपील की कि वे डर के तर्क के आगे न झुकें जो दूसरों को अलगाव की ओर अग्रसर करती है, बल्कि जरूरतमंदों की मदद करें। उन्होंने कहा, “हम भूख से लड़ने और विकास को बढ़ावा देने वाली पहलों को प्रोत्साहित करने के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करें। ये शांति के “हथियार” हैं: वे हथियार जो मौत के बीज बोने के बजाय भविष्य का निर्माण करते हैं।”
मानवता का सिद्धांत हमारे दैनिक कार्यों की पहचान बनने से कभी न चूके। यदुध के दौरान निहत्थे लोगों, विद्यालयों, अस्पतालों, मानवतावादी कार्य में संलग्न लोगों पर क्रूर हमले की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए संत पापा ने कहा कि हम यह भूलें कि ये लक्ष्य नहीं है जिस पर हमला किया जाता है, बल्कि ये व्यक्ति हैं, जिनमें आत्मा और मानवीय गरिमा व्याप्त हैं।
जयंती के इस वर्ष में, संत पापा ने कैदियों की भी याद करते हुए कहा कि पास्का का यह काल उनके लिए राजनीति स्वतंत्रता अनुभव करने का समय बने।
हम येसु को जीवन समर्पित करें
अपने संदेश के अंत में संत पापा फ्रांसिस ने सभों का अभिवादन करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनों, प्रभु के पास्का रहस्य में, हम मृत्यु और जीवन के बीच एक जबरदस्त संघर्ष को देखते हैं, इसमें ईश्वर की हमेशा जीत होती और वे सदैव जीवित हैं। वे हमें इस निश्चितता से भर देते हैं कि हमें भी उस जीवन में हिस्सा लेने के लिए बुलाया गये हैं जिसका कोई अंत नहीं है, जहाँ हमें हथियारों की गड़गड़ाहट और मौत कभी नहीं सुनाई देगी। आइए हम खुद को उन्हें समर्पित करें, क्योंकि वही हैं जो सब कुछ नया बना सकते हैं। सभों का पास्का की शुभकामनाएँ।
रोम और विश्व को दिये गये अपने संदेश के अंत में संत पापा फ्रांसिस ने सभों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।
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