अंतिम व्यारी भोजः हम येसु की भांति यूख्रारीस्तीय जन बनें
वाटिकन सिटी
कार्डिनल गैम्बेत्ती ने वाटिकन के संत पेत्रुस महागिरजाघर में पुण्य बृहस्पतिवार की धर्मविधि की अगुवाई करते हुए पास्का पर चिंतन करने का आहृवान करते हुए कहा कि ईश्वर झुक कर हमारे पैरों को धोते हैं।
प्रथम यूख्रारीस्तीय
कार्डिनल ने पुण्य बृहस्पतिवार की धर्मविधि में इस बात पर विचार किया कि कैसे प्रथम पास्का विजय के क्षण में नहीं,“बल्कि गुलामी, उत्पीड़न और पीड़ा के बीच” हुआ। निर्गमन की पुस्तिका में नबी मूसा को याहवे के द्वारा दिये गये निर्देशों की याद करते हुए उन्होंने कहा, “जब मैं खून देखूंगा, तो मैं तुम्हारे पार जाऊँगा।” अतः इस्राएलियों के लिए दरवाजों पर खून न केवल सुरक्षा की चिन्ह बना बल्कि यह ईश्वरीय उपस्थिति को प्रकट करता है - एक दिव्य निकटता जो दंड देने के बजाय सुरक्षा के कवच को प्रकट करता है।
ख्रीस्त के पास्का में यह निकटता और भी अधिक स्पष्ट हो जाती है, जिसे कार्डिनल ने “महिमा का क्षण नहीं, बल्कि अन्याय, भय और विश्वासघात का क्षण” बताया। हालांकि, वे अपने जीवन की अंतिम समय में अपने मित्रों के संग भोजन साझा करने की चाह रखते हैं।
कार्डिनल ने कहा, “उनके इर्द-गिर्द रहने वाले का समूह मानवीय है।” यहाँ हम उनके शिष्यों में कुछ को उत्साही, कुछ को अभिमानी कुछ को डरपोक पाते हैं। लेकिन येसु सभों को अपना प्रेम प्रदर्शित करते हैं। वे जानते थे कि उनमें से एक उन्हें धोखा देगा, फिर भी वे घुटने टेकते हुए उसके पैर को धोते हैं। कार्डिनल ने कहा, “यह विनम्रता और प्रेम की चरम को व्यक्त करताहै जो मसीह के सच्चे पुरोहिताई को प्रकट करता है।” आज दुनिया को ऐसी ही पुरोहितिक सेवा की जरुरत है “कलीसिया में हम सभी ऐसा ही बनने हेतु बुलाये गये हैं।
आज की स्थिति वैसे ही
कार्डिनल ने कहा कि आज भी हम अपने बीच में धोखा को पाते हैं। “हमारे बीच में सदैव एक यूदस है।” दुनिया की ऐसी व्यवस्था जहाँ हम लोगों में जनहित की अपेक्षा लाभ की प्राथमिकता को पाते हैं, लोगों में आराम और दूसरों को प्रभावित करने की चाह है, हम अपने बीच में पवित्र चीज़ों को बेचने का ख़तरा पाते हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में भी येसु, आज भी घुटने टेकते और हमें प्रेम दिखाते हैं। कार्डिनल ने कहा कि वे हमसे पूर्णता की मांग नहीं करते हैं बल्कि वे हमारा साथ चाहते हैं।
उन्होंने अपने संदेश में कलीसिया को एक-दूसरे के लिए प्रेम का साधन बनने का आहृवान किया, जहाँ हम अपने को तोड़ते हुए दूसरों के लिए देने हेतु बुलाये जाते हैं। उन्होंने प्रार्थना करते हुए, “प्रभु हम तेरा धन्यवाद करते हैं तू रोटी और दाखरस के रूप में प्रति दिन हमारे जीवन में आता है। हमें भी यूख्रारीस्तीय कलीसिया होने में मदद कर।
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