संत पापाः हम शीघ्रता से येसु को खोजें
वाटकिन सिटी
कार्डिनल कोमेस्त्री ने 20 अप्रैल को पास्का रविवार का समरोही मिस्सा बलिदान ख्रीस्त विश्वासियों और तीर्थयात्रियों के संग अर्पित किया।
संत पापा फ्रांसिस ने अपने प्रवचन में कहा कि मरिया मगदलेना खाली कब्र को देखकर दौड़ते हुए पेत्रुस और योहन के पास जाती है। विस्मय करने वाले समाचार को सुन कर, दोनों शिष्य भी एक साथ दौड़ते हुए वहाँ जाते हैं जैसे कि सुसमाचार हमें बतलाता है। पास्का के वृतांत में हम मुख्य पात्रों को दौड़ता हुआ पाते हैं। वहीं एक ओर, “दौड़ना” हमारे लिए इस बात की ओर इंगित करता है कि येसु के शरीर को ले जाया गया है, तो वहीं दूसरी ओर हम इसमें मरिया मगदलेना, पेत्रुस और योहन के हृदय की तीव्र चाह को व्यक्त होता पाते हैं, जो येसु की खोज करते हैं। वास्तव में, वे मृत्यु में जी उठे हैं और यही कारण है कि वे कब्र में नहीं हैं। हममें उन्हें दूसरी जगह खोजना चाहिए।
येसु को खोजें
पास्का का संदेश यही है- हमें उन्हें दूसरी जगह खोजना चाहिए। येसु मृत्यु में से जी उठे हैं, वे जीवित हैं। वे मृत्यु के गुलाम नहीं हैं। वे छलटी की पट्टियों में लपेटे हुए नहीं हैं, और इसलिए हम उसे किसी परिकथा तक सीमित नहीं रख सकते, हम उसे प्राचीन दुनिया का नायक नहीं बना सकते, या उसे किसी संग्रहालय में रखी मूर्ति के रूप में नहीं देख सकते। इसके विपरीत, हमें उसकी तालाश करने की जरुरत है और यही कारण है कि हम स्थिर नहीं रह सकते हैं। हमें कार्य करते हुए उन्हें अपने जीवन में खोजने की जरुरत है, अपने भाई-बहनों के चेहरों में, अपने हर दिन के कार्यों में, हम उन्हें कब्र को छोड़कर सभी जगह खोजने की जरुरत है।
येसु की उपस्थिति
संत पापा ने कहा कि हमें उन्हें बिना थकें खोजना है। क्योंकि यदि वे पुनर्जीवित हैं तो वे सभी जगह उपस्थित हैं। वे हमारे बीच में निवास करते हैं, वे अपने को गुप्त रखते और रोज दिन हमारे लिए अपने को प्रकट करते हैं, हमारे भाई-बहनों में अपने को प्रकट करते हैं जिनके संग हम अपने रोज दिन के जीवन में मिलते हैं, हमारे जीवन की अति सामान्य और अप्रत्याशित परिस्थितियों में हमसे मिलते हैं। वे जीवन हैं और सदैव हमारे संग रहते हैं, वे उनके संग आंसू बहते हैं जो दुःख सहते हैं, वे हमारे छोटे कार्यो के द्वारा हमारे लिए जीवन की सुन्दरता को लाते हैं।
हम प्रभु को खोजने दौड़ें
यही कारण से, पास्का का विश्वास, जो हमें पुनर्जीवित प्रभु के साथ मुलाकात हेतु खोलता है और हमें अपने जीवन में उनके स्वागत हेतु तैयार करता है, किसी भी तरह के “धार्मिक आश्वासन” में आत्मसंतुष्ट होने से कहीं बढ़कर है। इसके विपरीत,पास्का हमें कार्य करने को प्रेरित करता है, मरियम मगदलेना और शिष्यों की तरह दौड़ने के लिए; यह हमें वे आँखें बनने के लिए प्रेरित करता है जो “परे देख सकती हैं”, येसु को देखने के लिए, जो जीवित हैं, ईश्वर के रूप में जो खुद को प्रकट करते हैं और आज भी हमारे बीच में उपस्थित हैं। वे हमसे बातें करते हैं, हमारे आगे चलते हैं, हमें आश्चर्यचकित करते हैं। मरियम मगदलेना की तरह, हम हर दिन प्रभु को खोने का अनुभव कर सकते हैं, लेकिन हर दिन हम उन्हें फिर से खोजने के लिए दौड़ भी सकते हैं, इस निश्चितता के साथ कि वे खुद को खोजने देंगे और वे हमें अपने पुनरुत्थान की ज्योति से भर देंगे।
आगे बढ़ें
प्रिय भाइयो एवं बहनों, संत पापा ने कहा कि यह हमारे जीवन की सबसे बड़ी आशा है, हम सभी कोई इसे अपने जीवन में जी सकते हैं, क्योंकि उन्होंने मृत्यु पर, हमारे जीवन के अधंकार में विजयी पाई है, और वे हमारी दुनिया पर विजय प्राप्त करते हुए हमारे जीवन को सदा के लिए अपने संग आनंद में भरते हैं। यह वह लक्ष्य है जिसकी ओर हम आगे बढ़ते हैं, जैसा कि प्रेरित पौलुस कहते हैं, “जो पीछे रह गया है हम उसे भूलकर आगे की ओर बढ़ते हैं।” मरियम मगदलेना, प्रेत्रुस और योहन की तरह हम येसु के मिलने हेतु शीघ्रता से निकलते हैं।
येसु में मिली अमूल्य निधि खोजें
जयंती हमें आशा के उपहार को नवीनीकृत करने, अपने दुःखों और चिंताओं को आशा के हवाले करने, अपनी जीवन यात्रा में मिलने वालों के संग इसे साझा करने और अपने जीवन के भविष्य और मानवता के भाग्य को आशा के हवाले करने हेतु आमंत्रित करती है। और इसलिए हम इस दुनिया की क्षणभंगुर चीजों से संतुष्ट नहीं हो सकते हैं या दुःख के आगे नहीं झुक सकते; हमें खुशी से भरकर दौड़ने की आवश्यकता है। आइए हम येसु की ओर दौड़ें, आइए हम उनके मित्र होने के कारण हमें मिलने वाले अमूल्य अनुग्रह की पुनः खोज करें। आइए हम उनके जीवन और सत्य वचनों को अपने जीवन में चमकने दें। जैसा कि महान धर्मशास्त्री हेनरी डी लुबैक ने कहा है, “यह समझने के लिए पर्याप्त है, ख्रीस्त ख्रीस्तीयता के सार हैं। और वास्तव में, इसके अलावा और कुछ नहीं है।” मसीह में हमारे पास सब कुछ है"
मसीह जीवन की आशा हैं
और यह “सब कुछ” जो कि जी उठे मसीह हैं, हमारे जीवन को आशा के लिए खोलती है। वे जीवित हैं, वे आज भी हमारे जीवन को नवीनीकृत करना चाहते हैं। पाप और मृत्यु के विजेता, हम उनसे कहना चाहते हैं: “प्रभु, पर्व के इस दिन हम तूझ से यह उपहार मांगते हैं: हम भी नए बन जाएं, जिससे हम इस शाश्वत नवीनता का अनुभव कर सकें। हे ईश्वर, हमें आदतन निराश के धूल से, थकान और हमारी उदासीनता से शुद्ध कर। हमें हर सुबह आश्चर्य के साथ उठने का आनंद प्रदान कर, हमारी आखें सुबह के नए रंगों को देखने के लिए तैयार रहें, जो अद्वितीय और अपने में भिन्न हैं। सब कुछ नया है, प्रभु, और कुछ भी एक जैसा नहीं है, कुछ भी पुराना नहीं है।”
बहनो और भाइयो, पास्का के आश्चर्यजनक विश्वास में, अपने दिलों में शांति और मुक्ति की हर उम्मीद को लेकर, हम कह सकते हैं: हे प्रभु, तेरे संग, सब कुछ नया है। तेरे साथ, सब कुछ फिर से पुनः शुरू होता है।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here