MAP

पोर्ट मोरेस्बी में  पापा का स्वागत पोर्ट मोरेस्बी में पापा का स्वागत   (AFP or licensors)

कलीसिया में पापुआ न्यू गिनी के पहले संत और अर्मेनियाई शहीद धर्माध्यक्ष शामिल होंगे

संत पापा फ्राँसिस ने पापुआ न्यू गिनी के शहीद लोकधर्मी पीटर टू रोट, अर्मेनियाई नरसंहार के दौरान मारे गए महाधऱ्माध्यक्ष इग्नासियुस चौकराल्लाह मालोयान और वेनेजुएला की एक धर्मसमाज की संस्थापिका मदर मारिया देल मोंते कार्मेलो को संत बनाने से संबंधित आदेशों को मंजूरी दी।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, सोमवार 31 मार्च 2025 : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को संत घोषित करने के कई आदेशों के प्रकाशन को अधिकृत करने के बाद कलीसिया को जल्द ही तीन नए संत और एक नया धन्य, साथ ही एक नया ईश सेवक मिलेगा।

संत पापा ने वर्तमान पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) में विश्वास के लिए शहीद हुए एक लोकधर्मी धन्य पीटर टू रोट को संत घोषित करने की अनुमति दे दिया।

पापुआ के  प्रथम संत

5 मार्च, 1912 को जन्मे धन्य पीटर ने ख्रीस्तीय धर्म में शिक्षा प्राप्त की और एक धर्मशिक्षक बन गए और वे जीवन भर दया, विनम्रता, गरीबों और अनाथों के प्रति समर्पित थे।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पीएनजी पर जापानी कब्जे के दौरान, धन्य पीटर ने जोड़ों को विवाह के लिए तैयार करना जारी रखा क्योंकि मिशनरियों को कैद कर लिया गया था। जब उनकी प्रेरितिक गतिविधि पर प्रतिबंध लगा दिया गया, तो उन्होंने गुप्त रूप से अपना धर्मप्रचार किया, पूरी तरह से जानते हुए कि वह अपने जीवन को जोखिम में डाल रहे थे।

उन्होंने विवाह की पवित्रता का दृढ़ता से बचाव किया और बहुविवाह की प्रथा का विरोध किया, यहां तक ​​कि अपने बड़े भाई का भी सामना किया, जिसने दूसरी पत्नी लाया था। धन्य पीटर के भाई ने उनकी शिकायत पुलिस से की और उन्हें दो महीने की जेल की सजा सुनाई गई, जहां जुलाई 1945 में जहर से उनकी मृत्यु हो गई।

संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने 17 जनवरी, 1995 को पोर्ट मोरेस्बी में ईश सेवक पीटर टू रोट को धन्य घोषित किया।

नरसंहार के दौरान अर्मेनियाई महाधर्माध्यक्ष शहीद हो गए

संत पापा ने धन्य इग्नासियुस चौकराल्लाह मालोयान को संत बनाने की अनुमति दे दी। जिनका जन्म 1869 में मार्डिन में हुआ था, जो आज के तुर्की में है।

1883 में लेबनान में पुरोहितअभिषेक के बाद, उन्होंने ख्रीस्तीय नाम इग्नासियुस रखा। वे अरबी और तुर्की दोनों भाषाओं में एक उत्कृष्ट उपदेशक के रूप में जाने गए।  उन्होंने खुद को मिस्र के अलेक्जेंड्रिया में पल्ली के प्रेरितिक कार्यों और पवित्र ग्रंथों के अध्ययन में समर्पित कर दिया।

1911 में, संत पापा पियुस दसवें ने रोम में अर्मेनियाई धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के दौरान उन्हें मार्डिन का महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किया।  युवा तुर्क आंदोलन के उदय के बाद तुर्की में स्थिति की जांच की गई थी।

तुर्की सेना के प्रथम विश्व युद्ध में प्रवेश करने के बाद,  महाधर्माध्यक्ष मालोयान को 13 पुरोहितों और 600 अन्य ख्रीस्तियों के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिसमें ख्रीस्तियों, विशेष रूप से अर्मेनियाई ख्रीस्तियों की जबरन भर्ती और उत्पीड़न शामिल था।

महाधर्माध्यक्ष मायोलान और उनके साथियों को 3 जून, 1915 को मृत्युदंड दे दिया गया, क्योंकि उन्होंने धर्म त्यागने से इनकार कर दिया था। 7 अक्टूबर, 2001 को संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने उन्हें धन्य घोषित किया।

वेनेजुएला में जन्मी पहली संत

वेनेजुएला को भी अपना पहला स्थानीय संत मिलेगा, क्योंकि संत पापा ने धन्य मारिया देल मोंते कार्मेलो के चमत्कार को मान्यता दी है, जिनका जन्म 11 अगस्त, 1903 को काराकास में कारमेन एलेना रेंडाइल्स मार्टिनेज के रूप में हुआ था।

वे 1927 में धन्य संस्कार के येसु के सेवकों के धर्मसमाज में शामिल हुईं और फिर 1946 में कई अन्य लैटिन अमेरिकी बहनों के साथ धर्मसमाज से निकलकर, येसु की सेविकाओं के धर्मसमाज की स्थापना की।

उन्होंने 1974 में एक कार दुर्घटना के बाद अपने जीवन के अंतिम वर्ष व्हीलचेयर पर बिताए और 9 मई, 1977 को उनकी मृत्यु हो गई।

उनकी मध्यस्ता से 2015 में काराकास में हृदय की बीमारी से पीड़ित एक युवती को चमत्कारिक चंगाई मिली।

इतालवी पुरोहित का चमत्कार, ब्राजील के पुरोहित के वीरोचित गुण

संत पापा फ्राँसिस ने बारी के एक इतालवी पुरोहित फादर कार्मेलो दी पाल्मा के चमत्कार को भी मान्यता दी, जिनका जन्म 27 जनवरी, 1876 को हुआ था।

बेनेडिक्टाइन करिस्मा से प्रेरित होकर, ईशसेवक दी पाल्मा ने खुद को पुरोहितों, धर्मबहनों और सेमिनारियों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए समर्पित कर दिया और उन्हें "पापमोचक के नायक" के रूप में जाना जाने लगा।

उनकी मध्यस्ता से 2013 में एक दुर्बल करने वाली अपक्षयी बीमारी से पीड़ित एक बेनेडिक्टिन धर्मबहन को चमत्कार्क चंगाई मिली।

सोमवार को, पसंत पापा ने 19वीं सदी के ब्राजील के राजनेता से पुरोहित बने ईशसेवक जोस अंतोनियो दी मारिया इबियापिना के वीरोचित गुणों को भी मान्यता दी।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

31 मार्च 2025, 16:03