राष्ट्रपति मत्तरेल्ला का संत पापा को पत्र: न केवल कलीसिया के बल्कि समस्त मानवता के लिए बारह वर्षों की सेवा
वाटिकन समाचार
रोम, बुधवार 19 मार्च 2025 : सभी इतालवी लोगों की ओर से आभार, “स्नेही” निकटता, “शीघ्र स्वस्थ होने” की शुभकामनाएं। ये वे भावनाएं हैं जो इतालवी गणराज्य के राष्ट्रपति सरजो मत्तरेल्ला ने संत पापा फ्राँसिस को उनके परमाध्यक्षीय कार्यकाल की शुरुआत की बारहवीं वर्षगांठ के अवसर पर संबोधित एक संदेश में व्यक्त कीं। राष्ट्रपति सरजो मत्तरेल्ला ने संत पापा को, जो 14 फरवरी से जेमेली पॉलीक्लिनिक में भर्ती हैं, अपनी कृतज्ञता का आश्वासन दिया "इन बारह वर्षों के लिए, जिनमें उन्होंने न केवल काथलिक कलीसिया बल्कि समस्त मानवता की निरंतर सेवा करते हुए, सुसमाचारी मूल्यों की सबसे प्रामाणिक गवाही दी है।"
राष्ट्रपति सरजो मत्तरेल्ला ने कहा, "संत पापा मैं विशेष स्नेहपूर्ण निकटता की भावना के साथ आपके परमाध्यक्षीय कार्यकाल के शुभारंभ के अवसर पर आपको अपनी शुभकामनाएं देता हूँ। मेरे साथ-साथ, इतालवी लोग भी इन बारह वर्षों के लिए आपके आभारी हैं, जिनमें आपने न केवल काथलिक कलीसिया बल्कि समस्त मानवता की निरंतर सेवा करते हुए, सुसमाचारी मूल्यों की सबसे प्रामाणिक गवाही दी है।”
संत पापा की आवाज़ पहले से कहीं ज़्यादा आवश्यक है
राष्ट्रपति सरजो मत्तरेल्ला ने विश्वपत्र "दिलेक्सिट नोस" को प्रेरणादायक बताया, जिसमें प्रत्येक महिला और प्रत्येक अच्छे इरादे वाले पुरुष को व्यक्तिगत लाभ की सीमाओं को पार करने और मानवीय भाईचारे के उस बंधन द्वारा खुद को दूसरों से जुड़ा हुआ मानने का निमंत्रण दिया गया है, जो भौगोलिक निकटता या सांस्कृतिक आत्मीयता के विचारों से स्वतंत्र है।
राष्ट्रपति मत्तरेल्ला ने इस संबंध में, उन नए चिंतन बिंदुओं को याद किया जिन्हें महत्वपूर्ण बहुपक्षीय मंचों पर बहस के केंद्र में रखा है: जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के पक्षों के सम्मेलन में, इटली की अध्यक्षता में जी-7 शिखर सम्मेलन में, जी-20 में, संत पापा ने आशा की पुनः खोज, बल और दुरुपयोग के तर्क को अलग रखने, नई प्रौद्योगिकियों के नैतिक उपयोग द्वारा खोले गए नवीनीकरण के उदाहरणों के लिए एक जीवंत आह्वान किया।
राष्ट्रपति मत्तरेल्ला ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कानून के आधार तथा राज्यों के बीच सह-अस्तित्व की सही अभिव्यक्ति कमजोर होती जा रही है, ऐसी परिस्थिति में संत पापा की आवाज पहले से कहीं अधिक आवश्यक है।
जुबली और अकुतिस एवं फ्रैसाती की आगामी संत घोषणाएँ
जुबली वर्ष के आरम्भ में रोमन कारागार रेबिबिया में पवित्र द्वार का उद्घाटन, साथ ही आने वाले महीनों में युवा पीढ़ी के अति प्रिय धन्य कार्लो अकुतिस और धन्य पियर जोर्जियो फ्रैसाती को संत घोषित करने के निर्णय से रोम और इटली के वासी संत पापा के प्रति कृतज्ञ हैं, वे सभी इटली के प्रति संत पापा की विशेष चिंता को महसूस करते हैं।
अंत में राष्ट्रपति मत्तरेल्ला ने परमाध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान संत पापा की खुशहाली के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दिया तथा शीघ्र स्वस्थ लाभ की कामना की।
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