पोप फ्राँसिस : युद्ध मूर्खता है आइये, हम पृथ्वी को हथियार मुक्त करें
प्यारे निदेशक,
मैं आपको सामीप्य के उन शब्दों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ जिनके द्वारा आपने बीमारी के इस क्षण में अपनी उपस्थिति व्यक्त की है, जहाँ से, जैसा कि मैंने पहले ही कहा है, युद्ध और भी मूर्खतापूर्ण लगता है। मानवीय दुर्बलता हमें इस बात को अधिक स्पष्ट रूप से समझने में मदद करती है कि क्या टिकाऊ है और क्या नश्वर, क्या जीवन देता है और क्या मारता है। शायद इसी कारण से, हम अक्सर सीमाओं और दुर्बलताओं को नकारते एवं घायल लोगों से बचते हैं: उनके पास उस दिशा पर सवाल उठाने की शक्ति है जिसे हमने व्यक्तिगत और समुदाय दोनों के रूपों में चुना है।
मैं आपको और उन सभी लोगों को प्रोत्साहित करना चाहूँगा जो संचार साधनों के माध्यम से सूचना देने के लिए अपना काम और बुद्धिमत्ता समर्पित करते हैं, जो शब्दों के पूर्ण महत्व को महसूस करने के लिए अब हमारी दुनिया को वास्तविक समय में जोड़ते हैं। वे कभी भी केवल शब्द नहीं होते: वे तथ्य होते हैं जो मानवीय परिस्थिति को आकार देते हैं। वे जोड़ सकते हैं या विभाजित कर सकते हैं, सत्य की सेवा कर सकते हैं या अन्य उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। हमें शब्दों को निरस्त्र करना, दिमाग को अस्त्रहीन करना और पृथ्वी को हथियारों से मुक्त करना चाहिए। हमें चिंतन, शांति और जटिलता के प्रति जागरूकता की बहुत आवश्यकता है।
युद्ध केवल समुदायों और पर्यावरण को तबाह करता है, संघर्षों का समाधान नहीं देता, कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को नई जीवन शक्ति और विश्वसनीयता की आवश्यकता है। इसके अलावा, धर्म लोगों की आध्यात्मिकता से भाईचारे और न्याय की इच्छा एवं शांति की आशा को फिर जगाये।
इन सबके लिए प्रतिबद्धता, काम, मौन और शब्दों की आवश्यकता है। आइए, हम इस प्रयास में एकजुट महसूस करें, ताकि स्वर्गीय अनुकम्पा प्रेरित करे और साथ देता रहे।
पोप फ्राँसिस
रोम, पॉलीक्लिनिक जेमेली, 14 मार्च 2025
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