पोप सामीप्य के लिए आभार प्रकट करते और शांति के लिए प्रार्थना का आग्रह करते हैं
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, रविवार, 2 मार्च 25 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस इस समय जेमेली अस्पताल में भर्ती हैं। वे अपने स्वस्थ में गिरावट के बाद इलाज करा रहे हैं। इसके बावजूद वे अपने काम जारी रखे हैं और विश्वासियों को अपना रविवारीय संदेश टेक्स्ट के रूप में प्रदान किये हैं।
पोप अपने संदेश में लिखते हैं,
प्रिय भाइयो और बहनो,
इस रविवार के सुसमाचार में (लूका 6:39-45) येसु हमें पाँच इन्द्रियों में से दो पर चिंतन करने के लिए कहते हैं: दृष्टि और स्वाद।
आँखों को प्रशिक्षित करना
दृष्टि के सम्बन्ध में, वे हमसे कहते हैं कि हम अपनी आँखों को प्रशिक्षित करें ताकि हम संसार को अच्छी तरह देख सकें और दूसरों का न्याय उदारता से कर सकें। वे कहते हैं: “पहले अपनी ही आँख की धरन निकालो। तभी तुम अपने भाई की आँख का तिनका निकालने के लिए अच्छी तरह देख सकोगे।” (पद 42)।
पोप कहते हैं केवल निंदा की नहीं, बल्कि देखभाल की इस दृष्टि से ही भ्रातृत्वपूर्ण सुधार एक सद्गुण हो सकता है। क्योंकि यदि यह भ्रातृत्वपूर्ण नहीं है, तो यह सुधार नहीं है!”
बोलने से सावधानी
स्वाद के सम्बन्ध में, येसु हमें याद दिलाते हैं कि "हर पेड़ अपने फल से पहचाना जाता है" (पद 44)। और मनुष्य का फल, उसके शब्द हैं, जो उसके होठों पर पकते हैं, "क्योंकि जो हृदय में भरा है, वहीं तो मुँह से बाहर आता है।" (पद 45)। बुरे फल हिंसक, झूठे, अश्लील शब्द हैं; जबकि अच्छे शब्द, सही और वफादारी के हैं और हमारी बातचीत में मिठास भरते हैं।
चिंतन के लिए आमंत्रित करते हुए संत पापा कहते हैं, हम अपने आप से पूछें: मैं दूसरे लोगों को, जो मेरे भाई-बहन हैं, किस नजर से देखता हूँ? और जब वे मुझे देखते हैं तो मुझे कैसा लगता है? क्या मेरे शब्द अच्छे हैं, या वे कड़वाहट और घमंड से भरे हैं?
प्रार्थना और सामीप्य के लिए धन्यवाद
इसके बाद जेमेली अस्पताल के चिकित्साकर्मियों के प्रति अपना आभार प्रकट करते हुए पोप कहते हैं, “बहनो और भाइयो, मैं आपको ये चिंतन पुनः अस्पताल से भेज रहा हूँ, जहाँ जैसा कि आप जानते हैं, मैं कई दिनों से भर्ती हूँ, डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी, जिस सावधानी से मेरी देखभाल कर रहे हैं, उसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूँ। मैं अपने हृदय में उस “आशीर्वाद” को महसूस करता हूँ जो नाजुकता के भीतर छिपा हुआ है, क्योंकि ठीक इन्हीं क्षणों मेके दिलों से प्रभु के लिए की गई प्रार्थनाओं के लिए आपको धन्यवाद देना चाहता हूँ: मैं आपका सारा स्नेह और आपकी निकटता महसूस करता हूँ और, इस विशेष क्षण में, मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं ईश्वर के सभी लोगों द्वारा “उठाया” और समर्थित हूँ। आप सभी का धन्यवाद!
मैं दुनिया के अनेक हिस्सों से इतने सारे विश्वासियों के दिलों से प्रभु के लिए की गई प्रार्थनाओं के लिए आपको धन्यवाद देना चाहता हूँ: मैं आपका सारा स्नेह और आपकी निकटता महसूस करता हूँ और, इस विशेष क्षण में, मुझे ऐसा लगता है कि मैं ईश्वर के लोगों के द्वारा “उठाया” और समर्थित हूँ। आप सभी को धन्यवाद!
मैं भी आपके लिए प्रार्थना करता हूँ। और सबसे बढ़कर मैं शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ। यहां से युद्ध और भी अधिक बेतुका प्रतीत होता है। हम पीड़ित यूक्रेन, फिलिस्तीन, इजरायल, लेबनान, म्यांमार, सूडान, किवु के लिए प्रार्थना करते हैं।
हम पूरे विश्वास के साथ अपने आपको हमारी माता मरियम के हाथों में सौंपते हैं। रविवार की शुभकामनाएँ और अलविदा।
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