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राखबुध की धर्मविधि सम्पन्न करते कार्डिनल अंजेलो दी दोनातिस राखबुध की धर्मविधि सम्पन्न करते कार्डिनल अंजेलो दी दोनातिस  (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

पोप : राख हमें वास्तविकता की ओर वापस ले जाती है

राख बुधवार के लिए तैयार अपने प्रवचन में, जिसे कार्डिनल अंजेलो दी दोनातिस पढ़े, पोप फ्राँसिस ने कहा है कि राख लगाना हमें “अपने भीतर देखने” और अपनी नाजुकता को याद करने की याद दिलाता है - “हम मिट्टी से बने हैं और मिट्टी में ही मिल जाएंगे।”

वाटिकन न्यूज

रोम, बृहस्पतिवार, 6 मार्च 25 (रेई) : राख “हमारे अंदर इस बात की याद ताजा करती है कि हम क्या हैं”, लेकिन साथ ही “हम क्या होंगे इसकी आशा भी जगाती है।”

पोप फ्राँसिस ने रोम के संत सबीना महागिरजाघर में आयोजित इस साल के राख बुधवार की प्रार्थना के लिए अपने प्रवचन की शुरुआत इन्हीं शब्दों से की।

चूँकि पोप वर्तमान में द्विपक्षीय निमोनिया के इलाज के लिए अस्पताल में हैं, इसलिए उनके प्रवचन को प्रेरितिक दण्डमोचन विभाग के प्रमुख कार्डिनल अंजेलो दी दोनातिस पढ़े।

प्रवचन से पहले कार्डिनल दी दोनातिस ने उपस्थित लोगों को इस अवसर पर पोप फ्राँसिस के शब्दों को सुनने के लिए आमंत्रित किया और कहा, "हम इस क्षण उनके साथ गहराई से जुड़े हुए महसूस करते हैं, और हम पूरी कलीसिया और पूरे विश्व की भलाई के लिए उनकी प्रार्थना और उनके कष्टों के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं।"

मानवीय नाजुकता

संत पापा अपने उपदेश में इस बात की ओर ध्यान आकृष्ट करते हैं कि राख लगाना किस तरह हमें अपने बारे में गहरी वास्तविकताओं की याद दिलाता है।

उन्होंने कहा, "हम राख ग्रहण करने के लिए अपना सिर झुकाते हैं, मानो खुद को देख रहे हों, अपने भीतर झांक रहे हों। वास्तव में, राख हमें यह याद करने में मदद करती है कि हमारा जीवन नाजुक और महत्वहीन है: हम धूल हैं, धूल से ही हम बने हैं, और धूल में ही मिल जाएंगे।"

पोप ने कहा कि यह नाज़ुकता कई रूप लेती है: थकावट, कमज़ोरियाँ, डर, असफलताएँ, असफल सपने, बीमारी, गरीबी, पीड़ा और निश्चय ही मृत्यु।

हालाँकि हम कभी-कभी इन वास्तविकताओं से भागने की कोशिश करते हैं, पोप फ्राँसिस ने कहा, राख लगाना "हमें याद दिलाता है कि हम कौन हैं।"

उन्होंने जोर देकर कहा कि अपनी नाजुकता को याद करना अच्छा है क्योंकि यह हमें अहंकार को रोकने में मदद करती है, और हमें वास्तविकता में वापस लाती है, जिससे हम "अधिक विनम्र होते और एक-दूसरे की मदद के लिए उदार बनते हैं।”

हमारी आशा

संत पापा ने कहा, हालाँकि, राख हमें हमारी कमज़ोरी की याद दिलाती है, लेकिन यह हमें आशा बनाये रखने के कारणों की भी याद दिलाती हैं।

पोप ने कहा, "राख हमें उस आशा की याद दिलाती है, जिसके लिए हम ईश्वर के पुत्र येसु में बुलाये गये हैं, जिन्होंने धरती की धूल को अपने ऊपर लिया और उसे स्वर्ग की ऊंचाइयों तक पहुँचाया।"

पोप फ्राँसिस ने कहा कि यह आशा महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बिना हम "अपनी मानवीय स्थिति की नाजुकता को निष्क्रिय रूप से सहन करने" और अपनी नश्वरता के सामने "दुःख और वीरानी में डूब" सकते हैं।

पोप फ्राँसिस ने अपने प्रवचन को "पूरे दिल से ईश्वर की ओर लौटने" के आह्वान के साथ समाप्त किया। उन्होंने ने कहा, "आइए हम उन्हें अपने जीवन के केंद्र में रखें, ताकि हम जो हैं उसकी स्मृति (हवा में बिखरी राख की तरह नाजुक और नश्वर) अंततः हमें पुनर्जीवित प्रभु की आशा से भर दे।"

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06 मार्च 2025, 14:40