ऑर्थोडोक्स पुरोहितों से पोप : नैसिन धर्मसार सभी ख्रीस्तीयों को एकजुट करता है
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 6 फरवरी 2025 (रेई) : "हमारे साझा विश्वास की घोषणा के लिए सबसे पहले यह आवश्यक है कि हम एक-दूसरे से प्रेम करें।" पोप फ्राँसिस ने गुरुवार को रोम में अध्ययन यात्रा में भाग लेनेवाले ऑर्थोडोक्स पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करते हुए यही याद दिलाया। ख्रीस्तीय एकता को बढ़ावा देने के लिए गठित विभाग द्वारा संचालित, पांचवें अध्ययन दौरे में अर्मेनियाई, कॉप्टिक, इथोपियाई, इरिट्रियन, मलंकारा और सीरियाई पूर्वी ऑर्थोडोक्स कलीसियाओं के पुरोहित और मठवासी एक साथ आए।
संत मर्था प्रेरितिक आवास में दल से मुलाकात करते हुए, पोप ने वार्षिक यात्रा को "उपहारों का आदान-प्रदान" कहा, जो ईशशास्त्रीय संवाद को उदारता के संवाद के साथ-साथ चलने में मदद करता है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष निकिया की परिषद की 1,700वीं वर्षगांठ है, जो पहली विश्वव्यापी परिषद थी, जिसने सभी ख्रीस्तीयों द्वारा स्वीकार किए जानेवाले विश्वास के प्रतीक, नैसिन धर्मसार का निर्माण किया।
ख्रीस्तीय धर्म का 'प्रतीक'
पोप फ्राँसिस ने नैसिन धर्मसार के संदर्भ में "प्रतीक" शब्द के अर्थ का प्रकाश डाला।
ईशशास्त्रीय स्तर पर धर्मसार “ख्रीस्तीय धर्म के प्रमुख सच्चाईयों का समूह प्रस्तुत करता है, जो सामंजस्यपूर्ण रूप से एक दूसरे के पूरक हैं।”
उन्होंने कहा कि नैसिन धर्मसार कलीसिया द्वारा बनाया गया पहला संश्लिष्ट प्रतीक था, और इसलिए यह "अनुकरणीय और अद्वितीय" था। पोप ने कहा कि धर्मसार का एक चर्च संबंधी महत्व भी है, क्योंकि यह सत्य और विश्वासियों दोनों को एक ख्रीस्तीय प्रजा के रूप में एकजुट करता है।
उन्होंने कहा, "प्राचीन काल में, ग्रीक शब्द सिम्बोलन का मतलब था दस्तावेज़ का आधा हिस्सा जो दो भागों में टूटा हुआ था, जिसे पहचान के संकेत के रूप में प्रस्तुत किया जाता था," उन्होंने कहा कि नैसिन धर्मसार हमारी पहचान और संवाद का संकेत दर्शाता है।
पोप ने कहा कि प्रत्येक ख्रीस्तीय के पास प्रतीक का एक टुकड़ा होता है, जिसे पूरी तरह से तभी व्यक्त किया जा सकता है जब वह सभी अन्य टुकड़ों के साथ पूरी तरह से जुड़ जाए, जैसा कि नैसिन धर्मसार के मूल को बहुवचन रूप में देखा गया है: "हम विश्वास करते हैं।"
उन्होंने कहा, "इस छवि को एक कदम आगे बढ़ाते हुए, मैं कहूँगा कि हम ख्रीस्तीय, जो अभी भी विभाजित हैं, 'टुकड़ों' की तरह हैं, जिन्हें एक विश्वास के अंगीकार में एकता पुनः प्राप्त करनी होगी।"
भाईचारे के प्रेम में ख्रीस्तीय एकता की तलाश
इसके बाद पोप फ्राँसिस ने विश्वास के प्रतीक के आध्यात्मिक महत्व पर चिंतन किया, याद दिलाते हुए कि यह मुख्य रूप से प्रशंसा की प्रार्थना है जो ख्रीस्तीयों को ईश्वर से जोड़ती है।
उन्होंने कहा, "ईश्वर के साथ मिलन अनिवार्य रूप से हम ख्रीस्तीयों के बीच एकता के माध्यम से होता है जो एक ही विश्वास का प्रचार करते हैं।" पोप ने ख्रीस्तीयों से आग्रह किया कि जब हम नैसिन धर्मसार की घोषणा करके अपने विश्वास का प्रचार करते हैं तो हमें सभी परंपराओं के ख्रीस्तीयों के साथ एकजुट महसूस करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि पूर्वी रीति की धर्मविधि में एक वाक्यांश है जो धर्मसार के पाठ से पहले आता है: "आइए हम एक दूसरे से प्रेम करें, ताकि आत्मा की एकता में हम पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा में अपने विश्वास को स्वीकार कर सकें।"
अंत में, पोप फ्राँसिस ने अपनी आशा व्यक्त की कि ऑर्थोडॉक्स पुरोहित और मठवासी की अध्ययन यात्रा कलीसिया के पूर्ण एकता की ओर बढ़ने के क्रम में एकता के "प्रतीक" के रूप में काम करेगी जिसके लिए येसु ने प्रार्थना की थी।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here