पोप फ्राँसिस ने नये संतों की घोषणा के मार्ग प्रशस्त किये
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 25 फरवरी 2025 (रेई) : वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीएत्रो पारोलिन और सामान्य मामलों के स्थानापक महाधर्माध्यक्ष एडगर पेना पारा के साथ एक मुलाकात में पोप फ्राँसिस ने संत प्रकरण विभाग को विभिन्न आज्ञप्तियाँ जारी करने के लिए अधिकृत किया।
संत पापा ने ईश सेवक, फादर एमिल जोसेफ कपाउन, जो द्वितीय विश्व युद्ध और कोरियाई युद्ध के दौरान अमेरिका की सेना के चैपलिन के रूप में कार्य किये; और इतालवी लोकधर्मी साल्वो दी अक्विस्तो के "जीवन दान" को मान्यता दी।
"जीवन दान" शहादत और विरोचित सदगुणों की श्रेणी से अलग है जिसने नये उम्मीदवारों के लिए धन्य घोषणा और संत घोषणा के रास्ते को खोल दिया है। इस मामले को 2017 में पोप फ्राँसिस ने संत के रूप में मान्यता देने के लिए पेश किया था "उन ख्रीस्तियों के लिए, जिन्होंने प्रभु येसु के पदचिन्हों और शिक्षाओं का गहराई से पालन करते हुए, स्वेच्छा से और स्वतंत्र रूप से दूसरों के लिए अपना जीवन अर्पित किया है और मृत्यु तक इस दृढ़ संकल्प में मजबूत बने रहे।"
फादर इमिल कपाउन
20 अप्रैल 1916 को कैनसस में जन्मे एमिल जोसेफ कपाउन द्वितीय विश्व युद्ध के बर्मा थिएटर में चैपलिन थे, उन्होंने कोरिया में अमेरिकी सेना के साथ पुरोहित के रूप में भी सेवा दी, जहाँ उन्हें पकड़ लिया गया। वहीं प्योकटोंग जेल कैंप में युद्ध बंदी के रूप में उनकी मृत्यु हो गई।
फादर इमिल का पुरोहिताभिषेक 1940 में हुआ था जिसके बाद 1944 में वे अमेरिकी सेना के चैपलिन दल में शामिल हुए। कोरिया में युद्ध बंदी के रूप में जाने पर, उन्होंने साथी कैदियों की सेवा की।
साल्वो दी अक्वीस्तो
संत पापा ने ईश सेवक साल्वो दी'अक्विस्तो के जीवन बलिदान को मान्यता दी, जो 15 अक्टूबर 1920 को नेपल्स में पैदा हुए थे और 23 सितंबर 1943 को इटली के पालिदोरो में उनका निधन हो गया। ईश सेवक साल्वो दी'अक्विस्तो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इतालवी सैनिक दल के सदस्य थे।
विरोचित सदगुण को मान्यता
इसके अलावा, पोप ने तीन ईश सेवकों के विरोचित सदगुणों को मान्यता दी:
- मिखाएले मौरा मोंटेनर, धर्मप्रांतीय पुरोहित और कॉन्ग्रेगशॉन डे लास हेरमानस सेलाडोरस डेल कल्टो यूकारिस्टिको के संस्थापक थे। उनका जन्म 6 सितंबर, 1843 को पाल्मा डी मल्लोर्का (स्पेन) में हुआ था और 19 सितंबर, 1915 को उनकी मृत्यु हो गई।
- ईश सेवक डिडाको बेस्सी एक धर्मप्रांतीय पुरोहित और रोजरी की संत मरिया की दोमिनिकन धर्मबहनों के धर्मसंघ के संस्थापक थे। जिनका जन्म 5 फरवरी, 1856 को इओलो (इटली) में हुआ था और 25 मई, 1919 को वहीं उनकी मृत्यु हो गई थी।
- ईश सेवक कुनेगोंदा सिविक एक लोकधर्मी थी, जिनका जन्म 28 मई, 1876 को पोलैंड में हुआ था और वहीं 27 जून, 1955 को उनकी मृत्यु हो गई।
संत घोषणा
इसके अलावा, पोप ने दो धन्यों की संत घोषणा को भी मंजूरी दी:
- धन्य जुसेप्पे ग्रेगोरियो हर्नांडेज़ सिस्नेरोस, एक लोकधर्मी थे, जिनका जन्म 26 अक्टूबर 1864 को वेनेजुएला में हुआ था और 29 जून 1919 को कराकास (वेनेजुएला) में उनकी मृत्यु हो गई।
- धन्य बार्तोलो लोंगो, एक लोकधर्मी थे, जिनका जन्म 10 फरवरी, 1841 को इटली में हुआ था और 5 अक्टूबर, 1926 को पोम्पेई (इटली) में उनकी मृत्यु हो गई।
धन्य बार्तोलो, नेपल्स के वकील थे, जिन्होंने शुरू में कलीसिया का तिरस्कार किया था, लेकिन बाद में धर्म परिवर्तन कर लिया और पोम्पेई में पवित्र रोजरी माला के तीर्थस्थल की स्थापना की।
उन्होंने आगामी संत घोषणा के संबंध में एक धर्मसभा (कनसिस्ट्री) बुलाने का फैसला किया है।
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