दादा-दादी विश्व दिवस का विषयः “धन्य है वह जिसने अपनी आशा नहीं खोई
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बुधवार 5 फरवरी 2025 : “धन्य है वह व्यक्ति जिसने अपनी आशा नहीं खोई है।” यह विषय संत पापा द्वारा दादा-दादी एवं बुजुर्गों के पांचवें विश्व दिवस के लिए चुना गया है, जो इस वर्ष रविवार 27 जुलाई को मनाया जाएगा। इसकी घोषणा लोकधर्मी, परिवार और जीवन हेतु गठित परिषद की एक प्रेस विज्ञप्ति में की गई। "हम पढ़ते हैं कि सिराख की पुस्तक से लिए गए ये शब्द बुजुर्गों के धन्य होने को व्यक्त करते हैं और प्रभु में रखी गई आशा में ख्रीस्तीय और सुलह किये हुए बुढ़ापे का मार्ग दर्शाते हैं।" 2021 में संत पापा फ्राँसिस द्वारा स्थापित दादा-दादी और बुजुर्गों का विश्व दिवस पर इस वर्ष आशा की जयंती पर, इस बात पर चिंतन करने का अवसर प्रदान करता है कि किस प्रकार दादा-दादी और बुजुर्गों की उपस्थिति प्रत्येक परिवार और कलीसियाई समुदाय में आशा का प्रतीक बन सकती है।
इस दिवस का उत्सव 30 मई से 1 जून तक परिवारों, बच्चों, दादा-दादी और बुजुर्गों की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाएगा। पिछले साल, दादा-दादी और बुजुर्गों के चौथे विश्व दिवस के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने जो संदेश लिखा था, उसका विषय था "बुढ़ापे में मुझे मत छोड़ो", संत पापा ने एक व्यक्तिवादी मानसिकता के प्रसार की निंदा की थी जिसमें बुजुर्गों को अक्सर समाज के लिए बोझ और अत्यधिक लागत के रूप में देखा जाता है। इसलिए, उन्होंने हमें इस दृष्टि पर काबू पाने के लिए आमंत्रित किया, पीढ़ियों के बीच गठबंधन के नाम पर एक अलग भविष्य के लिए काम करने का आग्रह किया।
लोकधर्मी, परिवार और जीवन के लिए गठित परिषद ने सभी लोगों के लिए संत पापा फ्राँसिस के निमंत्रण को दोहराया, कि वे प्रत्येक धर्मप्रांत में रविवार 27 जुलाई के दिन को बुजुर्गों को समर्पित करें, तथा पीढ़ियों के बीच मुलाकातों और बुजुर्गों से मुलाकातों के अवसरों को बढ़ावा दें।
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