संत पापा ने उपयाजकों से कहा: खुशी और प्यार से काम करते रहें
वाटिकन न्यूज़
रोम, सोमवार 24 फरवरी 2025 : "मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप खुशी के साथ अपने प्रेरितिक कार्य को जारी रखें और - जैसा कि आज का सुसमाचार कहता है - एक ऐसे प्रेम का प्रतीक बनें जो सभी को गले लगाता है, जो बुराई को अच्छाई में बदल देता है और एक भाईचारे वाली दुनिया बनाता है।"
संत पापा फ्राँसिस ने रविवार, 23 फरवरी 2025 को अपने देवदूत प्रार्थना के संबोधन में दुनिया भर के उपयाजकों को यह प्रोत्साहन दिया।
संत पापा डबल निमोनिया के कारण रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती हैं। गत रविवार की तरह इस रविवार को भी संत पापा ने वाटिकन प्रेस कार्यालय से अनुरोध किया कि वे देवदूत प्रार्थना के लिए तैयार उनके संदेश को प्रकाशित करें, ताकि सभी विश्वासियों को यह उपलब्ध हो सके।
संबोधन में संत पापा ने वाटिकन में चल रहे स्थायी उपयाजकों की जयंती को याद किया, और विशेष रूप से, रविवार सुबह संत पेत्रुस महागिरजाघऱ में आयोजित पवित्र मिस्सा को याद किया, जिसमें 23 उपयाजकों का अभिषेक शामिल था।
संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "मैं उन्हें और इन दिनों वाटिकन में आयोजित उपयाजकों की जयंती में भाग लेने वालों को बधाई देता हूँ," उन्होंने कहा, "मैं इस कार्यक्रम की तैयारी के लिए याजकों और सुसमाचार प्रचार के लिए गठित विभागों को धन्यवाद देता हूँ।"
संत पापा ने उन्हें उनके समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा "प्रिय भाईयो, आप वचन की घोषणा और दया के कार्यों के लिए खुद को समर्पित करते हैं।"
संत पापा ने "कलीसिया को ईश वचन की घोषणा और दया के कार्यों के साथ आगे बढ़ाने, सभी के लिए ईश्वर का प्रेम और दया लाने" के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा की।
इस भावना में, संत पापा ने उनसे खुशी और प्यार के साथ जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "प्यार को जोखिम में डालने से न डरें!"
"मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप अपने प्रेरितिक कार्य को खुशी के साथ जारी रखें और - जैसा कि आज का सुसमाचार कहता है - एक ऐसे प्रेम का संकेत बनें जो सभी को गले लगाता है..."
संत पापा ने कहा, "मैं जेमेली अस्पताल में आत्मविश्वास के साथ रह रहा हूँ, आवश्यक उपचार प्राप्त कर रहा हूँ और आराम भी चिकित्सा का हिस्सा है!"
इस भावना के साथ, संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "मैं इस अस्पताल के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को उनके द्वारा दिखाए जा रहे ध्यान और स्नेह के लिए और जिस समर्पण के साथ वे बीमारों के बीच अपनी सेवा करते हैं, तहे दिल से धन्यवाद देता हूँ।"
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here