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बेल्जियम में पवित्र मिस्सा अर्पित करते संत पापा फ्राँसिस बेल्जियम में पवित्र मिस्सा अर्पित करते संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

पोप ने लेबनान, गाजा, फिलिस्तीन, इजरायल में तत्काल युद्ध विराम की अपील की

पोप फ्राँसिस ने मध्य पूर्व में संघर्ष के “बढ़ने और तीव्र होने” पर गहरी चिंता व्यक्त की है तथा तत्काल युद्ध विराम की अपील की है।

वाटिकन न्यूज

बेल्जियम की अपनी प्रेरितिक यात्रा के समापन पर ब्रुसेल्स के किंग बाउडौइन स्टेडियम में पवित्र मिस्सा के बाद सम्बोधित करते हुए, पोप फ्राँसिस ने मध्य पूर्व में चल रहे युद्ध में शामिल सभी पक्षों से अपील की कि वे “लेबनान, गाजा, शेष फिलिस्तीन और इजरायल में तुरंत युद्ध विराम करें।”

मैं सभी पक्षों से लेबनान, गाजा, शेष फिलिस्तीन और इजरायल में तत्काल संघर्ष विराम लागू करने का अनुरोध करता हूँ।

उन्होंने कहा, "बंधकों को रिहा किया जाना चाहिए और मानवीय सहायता की अनुमति दी जानी चाहिए।"

पोप ने यह कहते हुए अपनी अपील शुरू की, "लेबनान में संघर्ष के बढ़ने और तीव्र होने पर वे पीड़ा और बड़ी चिंता के साथ नज़र रख रहे हैं।"

उन्होंने पवित्र मिस्सा में मौजूद 30,000 से ज़्यादा लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "लेबनान एक संदेश है, लेकिन इस समय, यह एक ऐसा संदेश है जिसे तोड़ा जा रहा है।"

पोप की यह अपील ऐसे समय में दोहराई गई है जब इजरायल की सेना ने कहा कि उसने रविवार को लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर और हमले किए, जिसमें हिजबुल्लाह के एक और शीर्ष नेता की मौत हो गई, एक दिन पहले ही आतंकवादी समूह ने हसन नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की थी, जिससे व्यापक युद्ध की आशंकाएँ बढ़ गई हैं। हमलों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हज़ारों लोग घायल हुए हैं। 11 महीनों की लगातार बमबारी में गज़ा को तबाह करनेवाले इस्राएल ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर घातक हमास हमले के बाद महीनों तक चली सीमा वार्ता के बाद सोमवार को लेबनान में आक्रमण शुरू किया।

पोप फ्राँसिस ने आगे कहा, "इस युद्ध का जनता पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है: मध्य पूर्व में दिन-ब-दिन बहुत से लोग मर रहे हैं।"

पीड़ितों एवं उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करने का आग्रह करते हुए, और सभी सद्भावना रखनेवाले पुरुषों और महिलाओं को यूक्रेन की पीड़ा को न भूलने की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा, "आइए हम शांति के लिए प्रार्थना करें।"

विश्व प्रवासी एवं शरणार्थी दिवस

संत पापा ने रविवार को 110वें विश्व अप्रवासी एवं शरणार्थी दिवस के अवसर पर मनाए गए समारोह को भी याद किया, जिसका विषय था "ईश्वर अपने लोगों के साथ चलते हैं।"

उन्होंने कहा, "इस देश, बेल्जियम से, जो कई प्रवासियों का गंतव्य रहा है और अभी भी है, मैं यूरोप और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपनी अपील को दोहराता हूँ कि वे प्रवास की घटना को भाईचारे में एक साथ बढ़ने के अवसर के रूप में देखें।"

"और मैं सभी को आमंत्रित करता हूँ कि वे हर प्रवासी भाई-बहन के चेहरे पर येसु का चेहरा देखें, जो हमारे बीच एक अतिथि और तीर्थयात्री बन गए।"

राजा बौदौइन को संत घोषित करना

पोप ने रोम लौटने पर अपने इरादे की भी घोषणा की, "राजा बौदौइन को संत घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए, जिनका एक विश्वास के व्यक्ति के रूप में उदाहरण, नेताओं को आलोकित करेगा।"

उन्होंने कहा, "मैं बेल्जियम के धर्माध्यक्षों से इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए आग्रह करता हूँ।"

“राजा बौडोइन, एक निष्ठावान व्यक्ति, जिनका उदाहरण नेताओं को प्रेरणा करे।” शांति और भाईचारे के लिए पोप की अपील तब आई जब उन्होंने अपने बेल्जियम के मेजबानों को उनके आतिथ्य के लिए और उनकी यात्रा का आयोजन करनेवाले सभी लोगों के काम के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने उन अनेक श्रद्धालुओं का भी आभार व्यक्त किया जो "नीदरलैंड, जर्मनी और फ्रांस से इस दिन को मनाने आए थे" और कुँवारी मरियम से शांति के वरदान के लिए प्रार्थना करते हुए कहा, "माता मरियम की मध्यस्थता से, आइए हम ईश्वर से युद्धग्रस्त यूक्रेन, फिलिस्तीन और इजरायल, सूडान, म्यांमार और युद्ध से प्रभावित सभी देशों के लिए शांति का वरदान मांगें।"

 

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29 सितंबर 2024, 15:16