MAP

इस्राएली हमले के बाद फिलीस्तीन से पलायन करता एक परिवार इस्राएली हमले के बाद फिलीस्तीन से पलायन करता एक परिवार   (ANSA)

गज़ा के बच्चे पूछते हैं : हम कहाँ जा रहे हैं?

पवित्र भूमि के संरक्षक फ्रांसेस्कन फादर इब्राहिम फलतास ने गज़ा में बच्चों की दुर्दशा पर अपने विचार व्यक्त किए हैं, जो बार-बार विस्थापन और अनिश्चितता की स्थिति में रहने को मजबूर हैं। उन्होंने शिक्षाविदों, परिवारों और समाज से अपील की है कि वे नई पीढ़ी को शांति की सच्ची संस्कृति में बढ़ने दें और सभी से कहा कि “हमेशा विश्वास रखें, प्रार्थना करते रहें और शांति की उम्मीद बनाये रखें।”

फादर इब्राहिम फलतास ओएपएम, पवित्र भूमि के संरक्षक

गज़ा, बृहस्पतिवार, 11 सितम्बर 2025 (रेई) : गज़ा के बच्चों की लगातार हो रही त्रासदी को एक सवाल में समेट सकते हैं: “अब हम कहाँ जाएँगे?” एक बार फिर घर की सुरक्षा और सुकून छोड़कर जाने पर मजबूर होने के बाद, बच्चा अपने पिता से यही सवाल पूछता है। नए ठिकाने और सुरक्षित आश्रय की तलाश के बाद भी, परिवार बार-बार विस्थापित हो जाते हैं।

असुरक्षा का यह लगातार तनाव, मौत, दर्द और अभाव में और बढ़ जाता है। सबसे ज़्यादा नुकसान बच्चों को होता है। जीवन के शुरुआती साल ऐसे होते हैं जब परिवार, स्कूल और समाज बच्चे को मूल्य, स्थिरता और विकास के लिए जरूरी चीजें सिखाते हैं। लेकिन गज़ा के बच्चे अपने शुरुआती साल दुःख, तकलीफ और डर में बिता रहे हैं।

हर दिन, मुझे यह महसूस होता है कि हमारे बच्चों और युवाओं को ऐसे साधन उपलब्ध कराना जरूरी है, जो असली शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की राह दिखा सकें। यह एक कठिन जिम्मेदारी है, लेकिन इसका परिणाम भी अच्छा होता है, क्योंकि इससे ठोस नतीजे मिलते हैं: बच्चों में यह स्वाभाविक क्षमता होती है कि वे अच्छा-बुरे का फर्क पहचान सकें, और दूसरों से अलग विचारों को स्वीकार कर सकें, न कि उनकी बुराई करें।

लेकिन गज़ा में माता-पिता के पास "हम आगे कहाँ जाएँगे?" इस सवाल का कोई भरोसेमंद जवाब नहीं है। उन्हें भी नहीं पता कि उनकी ज़िंदगी में ऐसा क्या हो रहा है। वे अपने बच्चों को यह भरोसा नहीं दिला सकते कि वे किसी सुंदर जगह जा रहे हैं, क्योंकि उनके आस-पास का विनाश उनकी ज़मीन को बर्बाद कर चुका है। वे यह वादा भी नहीं कर सकते कि वे आखिरकार सुरक्षित रहेंगे और नफरत और बदले की भावना को पीछे छोड़कर, शांतिपूर्ण ज़िंदगी जी सकेंगे, क्योंकि उन्हें हिंसा की नई लहर के हिसाब से इधर-उधर किया जाता है।

फादर फाल्तास ने कहा, पवित्र भूमि की नई पीढ़ी को शांतिप्रिय स्त्री-पुरुष के रूप में शिक्षित करने और उनका सही मार्गदर्शन करने के लिए बहुत देखभाल और ध्यान की आवश्यकता होगी। यह शिक्षाविदों, परिवारों, नागरिक समाज और शांति में विश्वास रखनेवाली सरकारों की महत्वपूर्ण और जटिल जिम्मेदारी है।

इन मुश्किल दिनों में, जब हिंसा का जवाब और भी बड़ी हिंसा से दिया जाता है, तो यह विश्वास करना और उम्मीद करना मुश्किल है कि जीवन की सुंदरता को बुराई की गहराई में धकेलने वाला यह सिलसिला रोका जा सकता है। फिर भी, मैं इस सवाल का जवाब देना चाहूँगा - "हम आगे कहाँ जा रहे हैं?" - उम्मीद की शक्ति से।

मैं उस बच्चे से, और बड़ों की गैर-जिम्मेदारियों के कारण पीड़ित सभी बच्चों से कहना चाहता हूँ कि बुरे सपने का अंत हो गया है। वे अपने घर, अपने प्रियजनों के पास, अपने दोस्तों, शिक्षकों, खेल, किताबों, पेंसिल और नोटबुक के पास वापस जा रहे हैं। मैं बड़ों से भी कहना चाहता हूँ: बुरा सपना खत्म हो गया है। आइए, हम शांति के लिए विश्वास करते रहें, प्रार्थना और उम्मीद करते रहें।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

11 सितंबर 2025, 15:40