'स्वीडेन में प्रार्थना और मौन का एक स्थान'
मारियो गलगानो
ओमबर्ग, स्वीडेन, मंगलवार, 5 अगस्त 2025 (वाटिकन न्यूज) : ओमबर्ग के बेनेडिक्टिन मठ की मठाध्यक्षा सिस्टर काथरीन कहती हैं, "हम मरियम की तरह ईसा मसीह को भी दुनिया में लाना चाहते हैं।" वे अपने समुदाय की प्रेरणा का सार प्रस्तुत करती हैं: ईसा मसीह के पदचिन्हों पर जीवन, मौन, आतिथ्य और गहन आध्यात्मिक आधार से युक्त। यह मठ सदियों पुराना नहीं है, बल्कि एक विशेष इतिहास वाला "युवा" है।
मठ की उत्पत्ति स्वीडन में स्थापित "मेरीएंटॉचर इवांजेलिकल कम्युनिटी ऑफ सिस्टर्स" से हुई है। 1980 के दशक में, कई धर्मबहनों ने मठवासी परंपराओं का और गहराई से अध्ययन करना शुरू किया। सिस्टर काथरीन ने कहा, "जितना अधिक हम गहराई से अध्ययन करते गए, उतना ही यह हमारे लिए स्पष्ट होता गया: यही हमारी जड़ें हैं।" 1988 में, समुदाय काथोलिक कलॶसिया में शामिल हो गया - इस प्रक्रिया में लगभग 10 साल लगे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "हम मेल-मिलाप और प्रेम के साथ रहना चाहती थी। कोई मतभेद नहीं होना चाहिए।"
1997 में, धर्मबहनें अपने पहले के कोनवेंट को छोड़ दी और हेलिगा हर्टास में एक नवनिर्मित मठ में रहने लगीं। उन्होंने संत बेनेडिक्ट के नियमों का पालन करने का निर्णय लिया था। मठाध्यक्षा ने याद करते हुए कहा, "हमने कई मठों का दौरा किया, खासकर जर्मनी के मठों का, ताकि उनसे सीख सकें जो पहले से ही इस जीवन को जी रही हैं।" धर्मबहनों को जर्मनी के गुटरस्लोह (पैडरबोर्न महाधर्मप्रांत) के पास स्थित मठ से विशेष सहायता मिली, जिसके साथ उनका आज भी घनिष्ठ संबंध है।
वर्तमान में मठ में 40 से 85 वर्ष की आयु के बीच की 14 धर्मबहनें रहती हैं, जिनमें से 13 स्वीडेन की हैं, एक पोलिश मूल की धर्मबहन है। वे बेनेडिक्टिन पारंपरिक प्रार्थना और सामुदायिक कार्य करती हैं। सिस्टर काथरीन ने कहा, "हमारा लक्ष्य लोगों में, दुनिया में, जहाँ भी हम जाती हैं, ईश्वर की खोज करना है।" मठ मेहमानों का भी स्वागत करता है।
कई वर्षों से ये धर्मबहनें "मौन गृह" चला रही हैं, जहाँ वे व्यक्तियों और छोटे समूहों का स्वागत करती हैं, अक्सर ऐसे लोग आते हैं जिनका कोई धार्मिक संबंध नहीं होता, लेकिन जो आध्यात्मिकता की चाह रखते हैं। सिस्टर काथरीन ने कहा, "कई लोग नहीं जानते कि वे क्या खोज रहे हैं, लेकिन उन्हें यहाँ कुछ ऐसा मिलता है जो उन्हें छू जाता है।" उन्होंने आगे कहा, "लोग अक्सर कहते हैं कि वे आराम करने और प्रार्थनाएँ सुनने आते हैं।"
मांग बहुत ज़्यादा है, मठ की क्षमता से कहीं ज़्यादा। यहाँ 18 अतिथि कमरे हैं, जिनमें से तीन एकांत में हैं और पुरोहितों व धर्मबहनों के लिए आरक्षित हैं। मठ जानबूझकर छोटा बनाया गया है ताकि व्यक्तिगत बातचीत और आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए जगह बनाई जा सके। "हमारे कई अतिथि स्वास्थ्य सेवा या शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हैं। वे थके हुए और खाली महसूस करते हैं।" "वे कहते हैं, 'यहाँ हम ज़रूरी बातों पर बात कर सकते हैं'। यह सबसे बड़ा तोहफ़ा है।"
हेलिगा हजर्टस मठ धार्मिक समुदायों के लिए जाना-जाता है। डेनमार्क, नीदरलैंड और स्कैंडिनेविया के अन्य छोटे मठवासी समुदायों की धर्मबहनें नियमित रूप से आदान-प्रदान के लिए आती हैं। ओम्बर्ग की बेनेडिक्टिन धर्मबहनें बर्लिन के पास एलेक्ज़ेंडरडॉर्फ के बेनेडिक्टिन मठ से भी आध्यात्मिक संबंधों का एक ऐसा नेटवर्क साझा करती हैं जो स्वीडन से भी आगे तक फैला हुआ है।
हालाँकि वर्तमान में कोई नवशिष्य नहीं है, फिर भी नए बुलाहटों की प्रबल आशा है। सिस्टर काथरीन अभी भी आशान्वित हैं। युवतियाँ मठवासी जीवन में रुचि दिखा रही हैं। वे कहती हैं कि उनका कार्य गवाही देना है, भव्य हाव-भावों से नहीं, बल्कि साधारण दैनिक जीवन में। उन्होंने कहा, "हमें बड़े-बड़े काम करने की ज़रूरत नहीं है। बस इतना करना है कि मसीह के साथ रहें और अपने जीवन के माध्यम से उन्हें प्रसारित करें।"
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