संत पापा हम डूब रहे हैं : गुआम के महाधर्माध्यक्ष
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, शनिवार, 5 जुलाई 2025 (रेई) : पिछले रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर में पालियुम (प्राचीन धार्मिक वस्त्र जो पोप के साथ उनके संबंध को दर्शाता है) प्राप्त करनेवाले 54 महाधर्माध्यक्षों में से एक, गुआम स्थित अगाना के महाधर्माध्यक्ष रयान जिमेनेज भी थे।
फिलीपींस के मूल निवासी 53 वर्षीय महाधर्माध्यक्ष, प्रशांत क्षेत्र के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीईपीएसी) के प्रमुख हैं, जो क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा धर्माध्यक्षीय सम्मेलन है।
17 धर्मप्रांतों और प्रान्तों से मिलकर बना यह सम्मेलन पश्चिम में गुआम के अमेरिकी क्षेत्र से लेकर दक्षिण-पूर्व में ताहिती के फ्रेंच-भाषी द्वीप तक प्रशांत महासागर के एक विशाल क्षेत्र को शामिल करता है।
कठिनाइयाँ
"यह एक बहुत ही विविधतापूर्ण क्षेत्र है," महाधर्माध्यक्ष ने वाटिकन न्यूज़ को दिए एक साक्षात्कार में बताया।
इस विशाल क्षेत्र में धर्माध्यक्ष होने के साथ गंभीर प्रशासनिक कठिनाइयाँ हैं। द्वीपों के बीच हवाई यात्रा, यहाँ तक कि जो द्वीप एक दूसरे के अपेक्षाकृत करीब हैं, वे भी बहुत महंगी हो सकती है, और क्षेत्र के धर्माध्यक्ष हर दो साल में केवल एक बार मिलते हैं।
महाधर्माध्यक्ष जिमेनेज़ ने अपने मिशन के शुरुआती दिनों में देखा कि एक धर्माध्यक्ष हमेशा सीईपीएसी की बैठकों में अनुपस्थित रहता था - केवल यह कहकर कि वह उड़ानों का खर्च वहन करने में असमर्थ है।
यहाँ तक कि इंटरनेट से ऑनलईन सम्पर्क करना भी समस्या-मुक्त नहीं है, धर्माध्यक्ष ज़ूम मीटिंग से अचानक गायब हो जाते हैं।
जलवायु परिवर्तन और प्रवासन
शायद इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या जलवायु परिवर्तन है, जिसके कारण समुद्र का स्तर बढ़ रहा है - जो कि प्रशांत महासागर के निचले द्वीपों के लिए एक गंभीर समस्या है - साथ ही समुद्र के तापमान में वृद्धि और अनियमित मौसम की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
महाधर्माध्यक्ष जिमेनेज़ ने पालियुम प्राप्त करने के कुछ दिनों बाद बुधवार को पोप लियो 14वें एक व्यक्तिगत मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इससे ठीक पहले उन्हें तुवालु में एक सहकर्मी से संदेश मिला: "कृपया संत पिता को बताएँ कि हम डूब रहे हैं।"
इस अवसर पर, महाधर्माध्यक्ष की पोप के साथ मुलाकात में जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ प्रवासन भी एजेंडे में प्रमुखता से शामिल था।
महाधर्माध्यक्ष ने दोनों घटनाओं के बीच गहरे संबंध पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि कई प्रशांत द्वीपवासियों को ऑस्ट्रेलिया में प्रवास करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "वहाँ एक तनाव है, क्योंकि आप अपनी जड़ों से चिपके रहना चाहते हैं, क्योंकि यह हमारा घर है। दूसरी ओर, इसे छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि घर धीरे-धीरे पानी से भर रहे हैं। लेकिन आपके पास हमेशा घर की लालसा रहती है।"
रंग और सुंदरता
जब साक्षात्कार समाप्त होनेवाला था, तो महाधर्माध्यक्ष जिमेनेज़ ने जोर देकर कहा कि वे प्रशांत क्षेत्र में रहने की चुनौतियों पर बहुत अधिक ध्यान नहीं देना चाहते: "खुशियों पर चर्चा करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।"
इनमें से, उन्होंने गुआम में चमोरो से लेकर चालन कनोआ में अपने पिछले धर्मप्रांत में कैरोलिनियन तक विभिन्न आदिवासी समुदायों की उपस्थिति को सूचीबद्ध किया।
महाधर्माध्यक्ष ने जोर देते हुए कहा, "यह एक उपहार है, क्योंकि प्रत्येक स्थानीय कलॶसिया आदिवासी संस्कृतियों की विशिष्टता को व्यक्त करता है, और यह विशिष्टता कलॶसिया की सार्वभौमिकता में एक महत्वपूर्ण घटक भी हो सकती है।" महाधर्माध्यक्ष ने यह भी कहा कि प्रशांत क्षेत्र में कलॶसिया में जो कमी है वह है काथलिक कलॶसिया अधिकांश क्षेत्र में अल्पसंख्यक है, लेकिन गुणवत्ता के मामले में लंबी, सुंदर और रंगीन" पूजन पद्धतियों के साथ पूरी हो जाती है।
रविवार को जब उन्हें पैलियुम मिला, तो महाधर्माध्यक्ष जिमेनेज ने बतलाया कि उन्हें पोप के साथ संक्षिप्त बातचीत करने का मौका मिला। पोप लियो ने उनसे कहा, "आपके महाधर्मप्रांत में आपके सामने कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन ईश्वर आपके साथ है।"
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