पेरिस के सेवानिवृत्त कार्डिनल विंग्ट-ट्रॉइस का निधन
वाटिकन सिटी
पेरिस, शनिवार, 19 जुलाई 2025 9रेई, वाटिकन रेडियो): फ्रांस में कलॶसिया के प्रतिष्ठित व्यक्ति कार्डिनल आंद्रे विंग्ट-ट्रॉइ का 18 जुलाई को 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे 2007 से 2013 तक फ्राँस के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष और 2005 से 2017 तक पेरिस के महाधर्माध्यक्ष रहे थे।
शुक्रवार, 18 जुलाई की शाम पेरिस के नोत्र-दाम महागिरजाघर में दिवंगत कार्डिनल की आत्मा शांति के लिये एक सामूहिक प्रार्थना सभा आयोजित की गई तथा ख्रीस्तयाग अर्पित किया गया।
भरोसेमंद पुरुष
सात नवंबर, 1942 को पेरिस में जन्में और 1969 में पुरोहित अभिषिक्त किये गये आंद्रे विंग्ट-ट्रॉइ 1988 में अपने मूल धर्मप्रांत पेरिस के सहयोगी धर्माध्यक्ष नियुक्त किये गये थे। 1999 तक, वे कार्डिनल महाधर्माध्यक्ष जाँ मेरी लुस्तिजेर के सहायक रहे थे तथा कार्डिनल की लगातार विदेश यात्राओं के दौरान धर्मप्रांत के प्रशासन की निरंतरता को सुनिश्चित करते रहे थे। 1999 में विंग्ट-ट्रॉइ को पेरिस के महाधर्माध्यक्ष का दर्ज़ा प्रदान किया गया था। पेरिस महाधर्मप्रांत में उनके छह सालों के धर्माध्यक्षीय कार्यकाल की सबसे खास बात 2001 में इले बुखार्ड की तीर्थयात्राओं को आधिकारिक मान्यता मिलना था, जहाँ 1947 में पवित्र कुँवारी मरियम ने दर्शन दिये थे।
पेरिस महाधर्माध्यक्ष पद पर रहते कार्डिनल आंद्रे विंग्ट-ट्रॉइ फ्रांस में मीडिया और प्रमुख राजनीतिक नेताओं के लिए एक आवश्यक वार्ताकार की भूमिका निभाते रहे। 2007 से 2013 तक, उन्होंने फ्राँस के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। परिवार की रक्षा और विशेष रूप से समलैंगिक विवाह पर बहस के संदर्भ में, उनका धर्माध्यक्षीय कार्यकाल उल्लेखनीय रहा है।
बीमारी और सेवानिवृत्ति
मार्च 2017 से कार्डिनल आंद्रे विंग्ट-ट्रॉइ को अपनी गतिविधियों को सीमित करने के लिए मजबूर होना पड़ा, वे गुइलेन-बैरे सिंड्रोम नामक बीमारी से पीड़ित होने के कारण कमजोर हो गए थे, यह एक ऐसी बीमारी है जिससे व्यक्ति आंशिक पक्षाघात का पीड़ित हो जाता है।
24 नवम्बर 2007 के दौरान सन्त पापा बेनेडिक्ट सोलहवें द्वारा कार्डिनल नियुक्त किये गये तथा सान लूईजी दे फ्राँचेज़ी महागिरजाघर के कार्डिनल पुरोहित की उपाधि से सम्मानित किये गये कार्डिनल आंद्रे विंग्ट-ट्रॉइ परमधर्मपीठीय धर्माध्यक्षीय धर्मसंघ एवं पूर्वी रीति की कलॶसियाओं के लिये गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के सदस्य थे तथा 2014 और 2015 के दौरान परिवार पर आयोजित विश्व धर्माध्यक्षीय सम्मेलन में वे प्रतिनिधियों के अध्यक्ष की भूमिका निभाते रहे थे।
श्रद्धांजलि पेरिस कलॶसिया की
फ्राँस के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की वेबसाइट पर प्रकाशित एक संदेश में, पेरिस के वर्तमान महाधर्माध्यक्ष मोन्सिन्योर लॉराँ उलरिख ने उन प्रतिष्ठावान व्यक्ति को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो "हमारे महाधर्माध्यक्ष से कहीं बढ़कर एक पुरोहित, एक पिता, एक आदर्श थे; मेरे लिए, धर्माध्यक्षीय प्रेरिताई और सेवा में एक भाई और एक मित्र।" उन्होंने लिखाः "मैं निवेदन करता हूँ कि आज 18 जुलाई, शाम 5 बजे, हमारे नोत्र-दाम दे परी महाघिरजाघर का बड़ा घण्टा और हमारे धर्मप्रांत के सभी पल्ली गिरजाघरों की घंटियाँ उनके 82 वर्षों की याद में 82 बार बजाये जायें, ताकि पेरिस के श्रद्धालुओं को उनके सेवानिवृत्त महाधर्माध्यक्ष के ईश्वर की ओर लौटने की सूचना मिल सके।"
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