डेनवर के महाधर्माध्यक्ष ने हिंसा को समाप्त करने का आह्वान किया
वाटिकन न्यूज
डेनवर, मंगलवार, 3 जून 2025 (रेई) : डेनवर के महाधर्माध्यक्ष सामुएल अक्विला ने कहा कि हमास द्वारा इजरायली बंधकों को रिहा करने की मांग करनेवाले प्रदर्शन पर हमले की खबर से वे "बहुत दुखी" हैं, "खासकर, ऐसा लगता है कि हमारे यहूदी भाइयों और बहनों को निशाना बनाया गया।"
यह हमला "रन फॉर देयर लाइव्स" रैली में हुआ जिसका उद्देश्य गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को याद करना था। रविवार को, एक 45 वर्षीय मिस्र के व्यक्ति ने "फ्री फिलिस्तीन" चिल्लाते हुए कोलोराडो के बोल्डर शहर में एकत्रित लोगों की भीड़ पर आग के गोले फेंके।
हमले में 12 लोग घायल हो गये जिनमें से 6 को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा; उनमें से 4 को बाद में छुट्टी दे दी गई।
संदिग्ध ने एक वर्ष से अधिक समय से हमले की योजना बनायी थी, तथा उसने विशेष रूप से "ज़ायोनी समूह" को निशाना बनाया था।
कोलोराडो जिले के कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी जे. बिशप ग्रेवेल ने सोमवार को एक समाचार सम्मेलन के दौरान कहा, "जब हमले के बारे में उनसे पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वे चाहते थे कि वे सभी मर जाएँ, उन्हें कोई पछतावा नहीं है, और वे वापस जाकर फिर ऐसा ही करेंगे।" अधिकारियों ने संदिग्ध के खिलाफ हत्या के प्रयास, हमला और संघीय घृणा अपराध सहित आरोप दायर किए हैं। और भी आरोप लगने की उम्मीद है।
'इस तरह की हिंसा का अंत होना चाहिए'
सोमवार को अपने बयान में, महाधर्माध्यक्ष अक्विला ने कहा, "इस तरह की हिंसा का अंत होना चाहिए, क्योंकि यह केवल नफरत को बढ़ावा देती है।"
उन्होंने "इस भयानक हमले से प्रभावित सभी लोगों के लिए" प्रार्थना करने का आह्वान किया, और कहा, "हम ऐसी नफरत के सामने प्रभु से दिलासा, चंगाई और शांति लाने के लिए प्रार्थना करते हैं। आइए हम ईश्वर की आवाज सुनें जो हमें एक-दूसरे से प्यार करने के लिए बुलाती है!"
महाधर्माध्यक्ष अक्विला का बयान द्वितीय वाटिकन महासभा की शिक्षा के अनुरूप है, जिसमें कहा गया है, कि "किसी भी व्यक्ति के खिलाफ किसी प्रकार के उत्पीड़न की अस्वीकृति में, कलॶसिया, यहूदियों के साथ साझा की गई अपनी विरासत को ध्यान में रखते हुए, और राजनीतिक कारणों से नहीं बल्कि सुसमाचार के आध्यात्मिक प्रेम से प्रेरित होकर, किसी भी समय और किसी के द्वारा यहूदियों के खिलाफ निर्देशित घृणा, उत्पीड़न, यहूदी-विरोधी प्रदर्शन की निंदा करता है।"
कलॶसिया और अन्य धर्मों पर महासभा के दस्तावेज नोस्त्रा एताते में आगे कहा गया है, "कलॶसिया, लोगों के प्रति किसी भी प्रकार के भेदभाव या उनकी जाति, रंग, जीवन की स्थिति या धर्म के आधार पर उनके उत्पीड़न को ख्रीस्त के मन के विपरीत मानता है।"
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