तालिथा कुम : विश्वास और कार्य के द्वारा मानव तस्करी से संघर्ष
वाटिकन न्यूज
सिस्टर एबी अवेलिनो के संचालन में तालिखा कुम नेटवर्क विश्वभर के करीब 6000 विश्वासियों को एक साथ लाता है। उनका काम महाद्वीपों तक फैला हुआ है, जो जागरूकता बढ़ाने, पीड़ितों को बचाने, और तस्करों के नेटवर्क को खत्म करने और पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने हेतु नीति निर्माताओं के साथ जुड़कर काम करते हैं। इस साल के अंतर्राष्ट्रीय प्रार्थना और मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता दिवस से पहले रोम में बोलते हुए, सिस्टर एबी ने इस छिपे हुए अपराध से निपटने में वैश्विक एकजुटता के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “इस वर्ष के अभियान का विषय है 'आशा के दूत, मानव तस्करी के खिलाफ एक साथ।' यह जयंती वर्ष के आशा के तीर्थयात्री बनने के आह्वान के अनुरूप है, जो हमें याद दिलाता है कि हम सभी को पीड़ितों और बचे हुए लोगों, विशेषकर महिलाओं, बच्चों और कमजोर युवाओं के लिए आशा लाने के लिए बुलाया गया है।"
सिस्टर एबी ने तस्करों की बढ़ती हुई चालाकी को रेखांकित किया, जिससे अपराध का पता लगाना कठिन होता जा रहा है। "मानव तस्करी एक छिपा हुआ अपराध है, और तस्करों को पकड़ना अधिक कठिन हो रहा है। यही कारण है कि जागरूकता अभियान, शिक्षा, और सरकारों तथा संगठनों के साथ सहयोग महत्वपूर्ण है।"
संघर्ष का नेतृत्व बचे हुए लोगों से
तालिता कुम की युवा राजदूत और केन्याई संगठन रीबर्थ ऑफ ए क्वीन (एक रानी का पुनः जन्म) की संस्थापक पौलिन अकिन्यू जुमा, मानव तस्करी की भयावहता को प्रत्यक्ष रूप से जानती हैं। उनका संगठन यौन हिंसा और मानव तस्करी के पीड़ितों को सशक्त बनाता है, उन्हें आर्थिक अवसर प्रदान करता है और अपनी कहानियाँ साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
उन्होंने बतलाया कि केन्या में अभी भी बहुत सारे लोग मानव तस्करी की सच्चाई को नहीं जानते। पीड़ित न्याय के लिए संघर्ष करते हैं और हम अक्सर हमारे काम के लिए भय का सामना करते हैं। उनके आश्रय गृह में वर्तमान में 38 पीड़ित रह रहे हैं, तथा अधिक लोगों की सहायता के लिए सीमित संसाधन हैं। उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा वित्तपोषित आश्रय गृहों के बिना, पीड़ितों के पास अक्सर भागने के लिए कोई जगह नहीं होती है," उन्होंने बेहतर सुरक्षा तंत्र की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।
चुनौतियों के बावजूद पौलिन आशावान बने हुए हैं। “जब मैंने पाँच साल पहले रीबर्थ ऑफ ए क्वीन की स्थापना की, इसका उद्देश्य पीड़ितों के लिए सहायता प्रणाली तैयार करना था। तलिथा कुम के साथ मिलकर वैश्विक रणनीति पर काम करना, हमें शक्ति और उम्मीद देता है।"
एक वैध दृष्टिकोण : रोमानिया का संघर्ष
रोमानिया के एक कानूनी कार्यकर्ता मारियो, तस्करी से बचे लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं। वे मनोवैज्ञानिकों, वकीलों और कानून प्रवर्तन के साथ मिलकर पीड़ितों के लिए कानूनी कार्यवाही का समन्वय करते हैं।
उन्होंने कहा, "कई लोग मानव तस्करी को सिर्फ यौन शोषण के रूप में देखते हैं, लेकिन इसमें जबरन मज़दूरी, बाल पोर्नोग्राफ़ी और जबरन भीख मंगवाना भी शामिल है।" "हमारी भूमिका पीड़ितों को कानूनी प्रणाली से निपटने में मदद करना है, साथ ही संस्थाओं को ज़्यादा सहानुभूतिपूर्ण और सहायक बनने में मदद करना है।"
उन्होंने बताया कि एक बड़ी बाधा अधिकारियों पर भरोसा है। उन्होंने कहा, "पीड़ित हम पर भरोसा करते हैं, लेकिन वे कानूनी व्यवस्था पर भरोसा करने के लिए संघर्ष करते हैं। हमें कानूनी प्रक्रियाओं को अधिक पीड़ित-केंद्रित बनाने की आवश्यकता है, जिससे गरिमा और समझ सुनिश्चित हो सके।"
जापान में जागरूकता बढ़ाना
नाना, एक मैक्सिकन युवा राजदूत जो पहले जापान में रहती थी, शिक्षा और वकालत पर ध्यान केंद्रित करते हुए रोकथाम के प्रयासों पर तलिथा कुम के साथ काम करती है।
उन्होंने बतलाया, "जापान में पीड़ित अक्सर बेहतर अवसरों की तलाश में रहनेवाले प्रवासी होते हैं, जो जोखिमों से अनजान होते हैं। भाषा संबंधी बाधाओं और अलगाव के कारण उनके लिए मदद मांगना और भी मुश्किल हो जाता है।"
उनकी टीम युवाओं को तस्करी के जोखिमों के बारे में शिक्षित करने के लिए स्कूलों और युवा समूहों का दौरा करती है। उन्होंने कहा, "हम तस्करी के मामलों पर प्रतिक्रिया देने के बजाय रोकथाम पर काम करते हैं, ताकि कम लोग ही इन जालों में फंसें।"
कार्य करने का आह्वन
मानव तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस जब नजदीक पहुँच रहा है तालिथा कुम ने लोगों और संस्थाओं से अपील की है कि वे शब्दों से आगे बढ़कर ठोस कार्य करें।
पौलिन का संदेश स्पष्ट है: "हम युवा लोगों के पास बदलाव लाने के लिए समय और ऊर्जा है। हमें जागरूकता से आगे बढ़कर कार्रवाई, समर्थन और मदद का एक नेटवर्क बनाना चाहिए।" सिस्टर एबी ने इस भावना को दोहराते हुए, तस्करी के खिलाफ लड़ाई में एकता का आह्वान किया। "चाहे हमारा विश्वास या पृष्ठभूमि कुछ भी हो, हमें मानवीय गरिमा को बनाए रखने और आशा के राजदूत बनने के लिए बुलाया जाता है।"
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here