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2025.02.08 मानव तस्करी के खिलाफ नाइजीरियाई धर्मबहनें लागोस के सड़कों  पर मार्च करती हुई  2025.02.08 मानव तस्करी के खिलाफ नाइजीरियाई धर्मबहनें लागोस के सड़कों पर मार्च करती हुई  

नाइजीरिया मानव तस्करी के खिलाफ धर्मबहनों का सम्मेलन बखिता दिवस मनाया

हर साल 8 फरवरी को काथलिक कलॶसिया में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव तस्करी के पीड़ितों की संरक्षिका, संत जोसफिन बखिता के पर्व के रूप में मनाया जाता है। उस दिन काथलिक धर्मबहनें अपने सहयोगियों के साथ मानव तस्करी के खिलाफ प्रार्थना सभा आयोजत करती हैं, लोगों को जागरूक करती हैं और मानव तस्करी के खिलाफ अपने रुख की पुष्टि करती हैं।

सिस्टर तेरेसा एनी, सीएम  

लागोस, गुरुवार 13 फरवरी 2025 : मानव तस्करी के खिलाफ नाइजीरियाई धर्मबहनों के सम्मेलन का नेटवर्क (एनसीडब्ल्यूआरएएचटी)  मानव तस्करी को खत्म करने के लिए नाइजीरिया के आठ प्रांतों में अग्रिम मोर्चे पर काम करता है।

लागोस की सड़कों पर मार्च

पिछले तीन वर्षों से, धर्मबहनों के नेटवर्क ने ‘एराइज़’ फ़ाउंडेशन के साथ मिलकर और समर्थन करके एक मजबूत तालमेल बनाया है, और इसका प्रभाव अब और भी स्पष्ट है। एनसीडब्ल्यूआरएएचटी की रणनीति प्रार्थना के साथ-साथ कार्रवाई को भी जोड़ना है।

हाल ही में लागोस की सड़कों पर मार्च का उद्देश्य सड़कों, गिरजाघरों और बाजारों में लोगों को एनसीडब्ल्यूआरएएचटी  के अस्तित्व और मानव तस्करी के खिलाफ़ इसके काम के बारे में जागरूक करना है। नेटवर्क का इरादा मानवीय गरिमा को बढ़ावा देने वाला सबसे बड़ा प्रोत्साहक बनना है। इसका उद्देश्य लोगों की भागीदारी और शिक्षा के ज़रिए मानव तस्करी के अस्तित्व के बारे में लोगों तक संदेश पहुँचाना भी है।

टाउन हॉल मीटिंग, सड़कों पर मार्च और सोशल मीडिया के ज़रिए जागरूकता अभियान चलाने की मौजूदा रणनीति सफल साबित हुई है।

नाइजीरिया में मानव तस्करी के खिलाफ मार्च
नाइजीरिया में मानव तस्करी के खिलाफ मार्च

आपकी आवाज़, हमारी आवाज़ मायने रखती है

इसके अलावा, मानव तस्करी के खिलाफ नाइजीरियाई धर्मबहनों के सम्मेलन का नेटवर्क गरीब युवाओं को शोषण से बचाने के लिए उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास करता है।

"जब हम तस्करों से लोगों को बचाते हैं, तो हम उन्हें आश्रय देते हैं, उन्हें कौशल प्रदान करते हैं, और समाज में उनके पुनः एकीकरण का समर्थन करते हैं। जैसा कि हम संत बाखिता का पर्व मनाते हैं, हमारा संदेश आपके लिए है कि 'आशावादी बनें' और 'अपने भाइयों और बहनों के रक्षक बनें, आप स्वतंत्र हैं। कृपया यह न कहें कि यह मेरा काम नहीं है। नहीं! आपकी आवाज़, हमारी आवाज़, मायने रखती है। आइए हम एकजुट हों और मानव तस्करी को नकारें।"

संत बाखिता प्रेरणा देना जारी रखती हैं

जो कोई भी संत बखिता की कहानी जानता है,  तो वह इस बात से सहमत होगा कि वह जश्न मनाने की हकदार है।

संत बाखिता दिवस कीमती शराब, वीणा और डफली के साथ नहीं मनाया जाता है,  बल्कि आधुनिक गुलामी से लड़ने की नई प्रतिबद्धता के साथ मनाया जाता है। छोटी सी उम्र से ही त्रासदी और कठिनाई के बीच, वह एक दृढ़ दास लड़की बनी रही, जिसकी आत्मा तब भी मुक्त रही, जब वह कठोर बंधन में थी। हम एक ऐसी महिला का जश्न मनाते हैं, जो गुलाम होने के अपने अनुभव से, तस्करी के शिकार लोगों को सुकून देने वाले शब्द बोलती है। हम एक ऐसी महिला का जश्न मनाते हैं, जिसकी परिस्थितियाँ उसके सुनहरे दिल को कैद करने में सक्षम नहीं थीं। हम काथलिक धर्मबहन के रूप में मानवता के लिए उनके योगदान की गहरी प्रशंसा के साथ जश्न मनाते हैं। आशा के इस जयंती वर्ष में, उसका जीवन और भी अधिक अर्थ रखता है। वे निराश लोगों के लिए आशा और कमज़ोर और असुरक्षित लोगों के लिए शक्ति का प्रतीक बनकर उभरी हैं। यह आशा की जाती है कि, 'कल सब ठीक होगा, भले ही आज सब अंधकारमय हो' उन लोगों के लिए जो अपने तस्करों के हाथों में जकड़े हुए हैं।

इस अफ़्रीकी संत की कहानी पढ़ने लायक है। अधिक जानकारी के लिए । वह मानव तस्करी के पीड़ितों के लिए वे वैसी ही हैं जैसे  असीसी के संत फ्रांसिस गरीबों के लिए हैं - आशा की किरण। आइए! मानव तस्करी के खिलाफ़ लड़ाई में एनसीडब्ल्यूआरएएचटी का समर्थन करें।

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13 फ़रवरी 2025, 12:16