MAP

बैंगलोर में रोज़री विनती पढ़ती एक श्रद्धालु, (प्रतीकात्मक तस्वीर) बैंगलोर में रोज़री विनती पढ़ती एक श्रद्धालु, (प्रतीकात्मक तस्वीर)   (ANSA)

आशा के तीर्थयात्रियों के रूप में एकत्रित हुए मरियम सैनिक

भारत के कोलार गोल्ड फील्ड्स में सन्त तेरेसा को समर्पित गिरजाघर की पल्ली में बैंगलोर महाधर्मप्रान्त की विभिन्न पल्लियों के लीजन ऑफ मेरीज़ सदस्यों ने 11 फरवरी को लूर्द की रानी मरियम के महापर्व के उपलक्ष्य में एक आध्यात्मिक समारोह में भाग लेकर माँ मरियम के प्रति भक्ति की पुनर्पुष्टि की।

वाटिकन सिटी

बैंगलोर, शुक्रवार, 14 फरवरी 2025 (रेई, वाटिकन रेडियो): भारत के कोलार गोल्ड फील्ड्स में सन्त तेरेसा को समर्पित गिरजाघर की पल्ली में बैंगलोर महाधर्मप्रान्त की विभिन्न पल्लियों के लीजन ऑफ मेरीज़ सदस्यों ने 11 फरवरी को लूर्द की रानी मरियम के महापर्व के उपलक्ष्य में एक आध्यात्मिक समारोह में भाग लेकर माँ मरियम के प्रति भक्ति की पुनर्पुष्टि की।  

बैंगलोर महाधर्मप्रान्त द्वारा आयोजित इस धर्मविधिक समारोह का एक अनूठा आकर्षण धन्य कुँवारी मरियम के विभिन्न स्वरूपों में सुसज्जित 60 से अधिक बच्चों की भागीदारी थी, जो मरियम के विभिन्न स्वरूपों और उपाधियों को दर्शाते रहे थे। शाम की शुरुआत मरियम सेना की प्रार्थना और कलॶसियाई जीवन में धन्य माता मरियम की  भूमिका पर चिंतन के साथ हुई।

कार्यक्रम

लीजन ऑफ मेरीज़ के युवाओं और बच्चों के नेतृत्व में एक भव्य जुलूस मरियम गुफा की ओर बढ़ा, जहाँ श्रद्धालु पवित्र ख्रीस्तयाग के लिए एकत्र हुए थे। पवित्र यूखारिस्तीय समारोह की अध्यक्षता फादर जेवियर थंगराज ने की, जिन्होंने अपने प्रवचन में मरियम के अटूट विश्वास और मध्यस्थता पर ज़ोर दिया, तथा श्रद्धालुओं को, विशेष रूप से इस जयंती वर्ष के दौरान, उनके मातृ मार्गदर्शन में अपनी भक्ति और विश्वास को और अधिक गहरा करने के लिए प्रोत्साहित किया।

शाम को मोमबत्ती की रोशनी में रोज़री विनती माला के साथ जुलूस जारी रहा, जिसमें सम्पूर्ण वातावरण मरियम भजनों एवं प्रार्थनाओं से गूँजता रहा। इस अवसर पर विशेष रूप से बीमारों के लिये प्रार्थना पढ़ी गई। कार्यक्रम का समापन एक भ्रातृत्व भोज से हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने जयन्ती वर्ष के आनन्द में हिस्सा लिया, सामुदायिक भावना को बढ़ावा दिया और अपने विश्वास को गहरा किया।

कोलार गोल्ड फील्ड्स डीनरी के अध्यक्ष फादर जेरोम स्टैनिस्लॉस ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह समारोह लोगों की अटूट आस्था का प्रमाण है और जयन्ती वर्ष 2025 की तीर्थयात्रा में एक सार्थक कदम है। उन्होंने कहा कि इसमें प्रार्थना, चिंतन और चंगाई प्रार्थनाओं द्वारा श्रद्धालुओं की मरियम भक्ति मजबूत हुई और जयंती वर्ष समारोह के लिए एक शक्तिशाली मिसाल कायम हुई है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

14 फ़रवरी 2025, 10:30