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जेसुइट रिफ्यूजी सर्विस (जेआरएस) दक्षिणी सूडान जेसुइट रिफ्यूजी सर्विस (जेआरएस) दक्षिणी सूडान  (JRS)

विश्वास कार्य में : अमेरिकी सहायता कटौती के बीच जेआरएस शरणार्थियों के साथ

हाल ही में अमेरिकी सरकार की विदेशी सहायता को रोकने के निर्णय ने मानवीय संगठनों में हलचल मचा दी है, जिससे हजारों कमजोर शरणार्थी संकटपूर्ण परिस्थितियों में फंस गए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित संगठनों में जेसुइट रिफ्यूजी सर्विस (जेआरएस) भी शामिल है, जो दुनियाभर में विस्थापित लोगों को सहायता प्रदान करती है।

वाटिकन न्यूज

अमरीका, मंगलवार, 18 फरवरी 2025 (रेई) : "आज एक समूह से सम्मान वापस लेने से कल हम सभी के साथ ऐसा हो सकता है" यह बात जेसुइट रिफ्यूजी सर्विस (जेआरएस) के अंतर्राष्ट्रीय निदेशक ब्रदर माइकल स्कोप ने वाटिकन रेडियो के साथ एक साक्षात्कार में कही। वे नए राष्ट्रपति के कार्यभार संभालने के बाद अमेरिकी सरकार की विदेशी सहायता निधि के अचानक और तत्काल बंद करने के निर्णय पर टिप्पणी कर रहे थे।

अमेरिकी सरकार द्वारा सभी विदेशी सहायता राशि को बंद करने के निर्णय को "बहुत अचानक व्यवधान" बताते हुए, स्कोप ने कहा कि इससे चाड, इथियोपिया, इराक, दक्षिण सूडान सहित नौ देशों में कमजोर लोगों के लिए परियोजनाओं पर तत्काल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि 18 मिलियन डॉलर के कुल वार्षिक बजट वाली परियोजनाओं ने 100,000 से अधिक शरणार्थियों को सहायता प्रदान की, मुख्य रूप से शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और आपातकालीन सहायता में।

ब्रादर स्कोप ने बताया, "हमें 24 जनवरी को अमेरिकी सरकार से पत्र मिला, जिसमें कहा गया था कि हमारी सभी परियोजनाएँ तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई हैं।" "अचानक इस तरह के निर्णय से हमें तैयारी या बदलाव का कोई अवसर नहीं मिला, जिसे हमें अपने साथ आए शरणार्थियों को समझाना बेहद मुश्किल है।"

सबसे ज्यादा प्रभावित कार्यक्रमों में पूर्वी चाड में व्यापक शिक्षा पहल शामिल है, जो "एक बहुत ही अस्थिर क्षेत्र" है, जहाँ जेआरएस 10,000 से ज्यादा छात्रों को स्कूली शिक्षा प्रदान करता है और 450 शिक्षकों को रोजगार देता है।

स्कोप ने कहा, "सोमवार से उस शिक्षा कार्यक्रम को जारी रखने के लिए, न तो छात्रों के लिए और न ही शिक्षकों को देने के लिए पैसे हैं, जब आप स्कूल वापस आएंगे।"

बिना फंडिंग के, इन छात्रों का भविष्य अनिश्चित है। उन्होंने कहा कि आप निश्चित हो सकते हैं कि बहुत बड़ी संख्या में - यदि सभी नहीं - स्कूल छोड़ देंगे, और यह उन्हें बहुत ज्यादा जोखिम में डाल देगा क्योंकि उनके पास पूरे दिन करने के लिए कुछ नहीं होगा और वे तस्करों के लिए आसान शिकार बन जाएँगे।

कटौती से 500 छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य समर्थन और परिवारों के लिए समुदाय-आधारित आय-उत्पादक गतिविधियों पर भी असर पड़ेगा।

इस प्रकार, स्कोप ने कहा, "इस नई नीति का एक सामान्य प्रभाव यह होगा कि जीवन के पुनर्निर्माण की संभावना के बिना, तनाव बढ़ेगा और शरणार्थियों एवं प्रवासी समुदायों के बीच, शांति खतरे में पड़ जाएगी। इस समय हम जो देख रहे हैं वह अविश्वसनीय संख्या में लोगों की दुर्बलता में अविश्वसनीय वृद्धि है।"

"इस नई नीति का एक सामान्य प्रभाव यह होगा कि जीवन के पुनर्निर्माण की संभावना के बिना, तनाव बढ़ेगा और शांति खतरे में पड़ जाएगी।"

व्यापक मानवीय संकट मंडरा रहा है

जेआरएस से भी बढ़कर, फंडिंग फ्रीज व्यापक मानवीय सहायता नेटवर्क को खतरे में डालता है, जिसमें यूएनएचसीआर और अन्य भागीदार संगठन शामिल हैं जो अमेरिकी योगदान पर निर्भर हैं। यू.एस. द्वारा कुल वैश्विक विकास सहायता का 40% से अधिक प्रदान किए जाने के साथ, इसके परिणाम अकेले जेआरएस से कहीं आगे तक फैले हुए हैं।

ब्रदर स्कोप ने चेतावनी दी, "यह केवल पहली लहर है।" "एक बार जब अन्य संगठन यह तय कर लेंगे कि वे फंडिंग फ्रीज पर कैसे प्रतिक्रिया देंगे, तो व्यवधानों की दूसरी लहर आएगी। पूरा नेटवर्क पीड़ित है।"

इन कटौतियों के परिणाम भयंकर हैं। शरणार्थी बच्चे न केवल शिक्षा तक पहुँच खो देते हैं, बल्कि, जैसा कि उल्लेख किया गया है, स्कूलों द्वारा प्रदान की जानेवाली सुरक्षा और स्थिरता भी खो देते हैं। कई बच्चों को स्कूल में ही भोजन मिलता है, जो फंडिंग पर रोक के कारण मानवीय संकट बन रही है।

यह परिदृश्य इस बात की समझ पर भी चर्चा करता है कि "जीवन-रक्षक" का क्या अर्थ है, क्योंकि ब्रदर स्कोप ने बताया कि परियोजना के पैसे की जाँच नए अमेरिकी प्रशासन द्वारा की जाएगी, जो "जीवन-रक्षक" गतिविधियों के बारे में कुछ छूट की उम्मीद करता है।

"तो लाईफ सेविंग क्या है? अगर आपके पास पीने और खाने के लिए कुछ है, तो क्या यह लाईफ सेविंग का अंत है?" वे कहते हैं, "क्योंकि संभवतः आप मरनेवाले नहीं हैं। या क्या आप सोचेंगे कि शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ, जो आपको अपना जीवन फिर से बनाने में मदद करती हैं, वे भी जीवन-रक्षक हैं और जीवित रहने के लिए आवश्यक हैं? मुझे लगता है कि इस समय यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है जिस पर चर्चा हो रही है।"

कार्रवाई का आह्वान

वास्तविकता चाहे जो भी हो, जेआरएस शरणार्थियों के साथ जाने और जहाँ भी संभव हो, सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

ब्रदर स्कोप ने पुष्टि की कि "हम केवल सेवा प्रदाता नहीं हैं - हम एक ऐसा संगठन हैं जो शरणार्थियों के साथ चलते हैं।" "संकट के समय में, हम भागने के लिए मजबूर लोगों के साथ अटूट एकजुटता में खड़े हैं।"

उन्होंने इस बात पर विचार किया कि कैसे नया संदर्भ जेआरएस को नाजुक स्थिति में डालता है जिसका अनुभव शरणार्थी कई तरीके से करते हैं।

उन्होंने कहा, "हमारे लिए, उनके साथ मिलकर इस नाजुक स्थिति को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है," उन्होंने कहा कि, यह वास्तव में क्रिसमस का अनुभव है।

उन्होंने पुष्टि की, "क्रिसमस की कहानी हमें बताती है कि ईश्वर जानबूझकर मनुष्य बनना चाहे, ताकि सबसे अनिश्चित परिस्थितियों में भी वे उनके साथ जुड़ सके। मुझे लगता है कि जेसुइट शरणार्थी सेवा के तौर पर हमें यही करने के लिए कहा गया है।"

आपातकालीन अपील

जेआरएस ने अपने दानदाताओं से आपातकालीन अपील की है, जिससे अगले दो महीनों के लिए तत्काल फंडिंग की कमी को पूरा करने के लिए $1.5 से $2 मिलियन जुटाने की उम्मीद है। हालांकि, ब्रदर स्कोप ने स्वीकार किया कि यह केवल एक अस्थायी समाधान है और यह उस संरचनात्मक समर्थन की जगह नहीं ले सकता जो कभी बहुपक्षीय सहयोग प्रदान करता था।

जो लोग सोच रहे हैं कि वे मदद कैसे कर सकते हैं, उनके लिए जेआरएस अपनी वेबसाइट के माध्यम से सीधे दान करने या अन्य प्रभावित चैरिटी के लिए निरंतर समर्थन को प्रोत्साहित करता है। वित्तीय योगदान से परे ब्रदर स्कोप ने जोर दिया, वैश्विक नीतियों में मानव प्रतिष्ठा की रक्षा करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने आग्रह किया, "यह सक्रिय होने का समय है।" "हमें राजनीतिक सत्ता में बैठे लोगों से बात करनी चाहिए और उन्हें याद दिलाना चाहिए कि आज एक समूह से सम्मान वापस लेने से कल हम सभी के साथ ऐसा ही हो सकता है।"

पोप फ्राँसिस का नेतृत्व

जेआरएस जैसे संगठन के लिए पोप फ्राँसिस का सबसे कमज़ोर लोगों के लिए अटूट समर्थन और वकालत कितनी महत्वपूर्ण है?

ब्रदर स्कोप जवाब देते हुए कहते हैं, “मेरे विचार से पोप फ्राँसिस एक ऐसे व्यक्ति हैं जो आध्यात्मिकता में गहराई से जुड़े हुए हैं। वे कोई राजनीतिज्ञ नहीं हैं, लेकिन एक यथार्थवादी हैं। और जब सुसमाचार के बारे बोलते हैं, भले समारी के उदाहरण पर ध्यान देते हैं, जैसा कि उन्होंने अमेरिकी धर्माध्यक्षों को लिखे अपने पत्र में कहा था, आप जो देखते हैं वह उस दुनिया पर लागू होता है जिसमें आप रहते हैं।"

उन्होंने आगे कहा, और यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम इसे पहचानें और इस समय इसके बारे में बात करें, क्योंकि "विश्वास केवल नैतिक सिद्धांत नहीं है - यह काम में विश्वास है।"

 

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18 फ़रवरी 2025, 16:43