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डीआरसी में बुलेंगो के आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों के शिविर को खाली कराया गया डीआरसी में बुलेंगो के आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों के शिविर को खाली कराया गया  (ANSA)

यूरोपीय संघ के धर्माध्यक्षों ने कोंगो में तत्काल हस्तक्षेप की अपील की

एम23 विद्रोहियों द्वारा पुनः हमले शुरू करने के बाद कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में हिंसा बढ़ने के कारण, यूरोपीय संघ के धर्माध्यक्षों ने मानवीय तबाही से बचने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का आह्वान किया है।

वाटिकन न्यूज

कोंगो, बृहस्पतिवार, 13 फरवरी 2025 (रेई) : कोंगो गणराज्य में दो दिन लड़ाई नहीं होने के बाद एम23 विद्रोहियों ने मंगलवार की सुबह सरकारी बलों पर अपने हमले फिर से शुरू किये।

हमले और धमकियाँ

एम23 विद्रोही, तुत्सी जनजातियों की रक्षा करने का दावा करते हुए, पिछले महीने उत्तरी किवु की राजधानी गोमा पर कब्ज़ा करने के बाद दक्षिण की ओर बढ़ गए हैं। उस हमले में हजारों लोग मारे गए और 24 क्षेत्रीय नेताओं द्वारा युद्ध विराम के आह्वान के बावजूद, विद्रोही अपना अभियान जारी रखे हुए हैं।

दक्षिणी किवु में बुकावु में अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं, स्कूल और व्यवसाय बंद हैं और कई नागरिक इलाके से भाग रहे हैं। इस बीच, रिपोर्ट बताती है कि एम23 विद्रोही गोमा के पश्चिम में एक विस्थापन शिविर में घुस गए हैं और वहाँ रहनेवाले लोगों को तीन दिनों के भीतर वहां से चले जाने का आदेश दिया है।

दल ने इससे इनकार करते हुए दावा किया है कि निवासी स्वेच्छा से "मुक्त क्षेत्रों में सुरक्षित घरों" में लौट रहे हैं। हालांकि, अधिकांश विस्थापित लोगों के पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है, उन्हें नहीं पता कि दो साल तक शिविरों में रहने के बाद उनके घर मौजूद हैं भी या नहीं।

लाखों लोग विस्थापित हुए

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि कोंगो में हिंसा के कारण 6.7 मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें उत्तर और दक्षिण किवु सबसे अधिक प्रभावित हैं। नवीनतम हमलों ने केवल इस वर्ष 500,000 से अधिक लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने पर मजबूर किया है।

अमेरिकी सहायता निलंबन से मानवीय प्रयासों पर गंभीर असर पड़ा है। यूएसएआईडी पहले राहत कार्यों का 70% वित्त पोषित करता था, और निलंबन की घोषणा के बाद से, आवश्यक सेवाएँ - जिसमें आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा और आश्रय शामिल हैं - बंद कर दी गई हैं। इस बीच, यूरोपीय संघ ने कोंगो के लिए €60 मिलियन के मानवीय सहायता पैकेज को मंजूरी दी है, जिसका यूरोपीय संघ के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन आयोग (सीओएमईसीई) के अध्यक्ष मोनसिन्योर मरियानो क्रोशियाता ने स्वागत किया है।

एक निराशाजनक मानवीय स्थिति

कोंगो गणतंत्र में नागरिकों के लिए स्थिति भयावह बनी हुई है, क्योंकि संघर्ष लाखों लोगों को विस्थापित कर रहा है और पहले से ही निराशाजनक मानवीय स्थिति से जूझ रहे देश के संकट को और बढ़ा रहा है। बुनियादी सेवाओं के बाधित होने से लोगों को भोजन, स्वच्छ पानी या चिकित्सा देखभाल तक पहुंच से वंचित होना पड़ रहा है। चल रही हिंसा और सामूहिक विस्थापन ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है, जहाँ पूरा समुदाय सीमित संसाधनों के साथ भीड़भाड़ वाले शिविरों में रह रहे हैं। बच्चे अनाथ हो गए हैं और शिविर, जो पहले से ही टूटने की कगार पर हैं, अब बढ़ते संघर्ष से शरण लेनेवाले नए आगमन से भर गए हैं।

यूरोपीय धर्माध्यक्षों की अपील

मोनसिन्योर क्रोशियाता ने "नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक प्रयास" करने और सहायता तक उनकी पहुँच की गारंटी देने का आह्वान किया है। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से "शांतिपूर्ण तरीकों से संघर्ष को हल करने के लिए हर संभव प्रयास करने" का भी आग्रह किया है, तथा चेतावनी दी है कि एम23 विद्रोहियों के लिए रूवांडा का कथित समर्थन "अंतर्राष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन" होगा।

उन्होंने कोंगो में "शोषणकारी प्रथाओं" की ओर भी ध्यान आकर्षित किया है, जिसे संघर्ष को बढ़ावा देनेवाले एक प्रमुख कारक के रूप में पहचाना गया है, और इस क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता का आह्वान किया है। अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से उनकी अपील स्पष्ट है: उन्हें अपने "मूल्यों और सिद्धांतों" को बनाए रखना चाहिए और यदि आवश्यक हो, तो "लक्षित प्रतिबंधों" को अपनाना चाहिए जो आर्थिक सहयोग पर पुनर्विचार करते हैं।

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13 फ़रवरी 2025, 16:06