कार्डिनल साको: ख्रीस्तीय एकता ही वर्तमान संकटों से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता है
वाटिकन समाचार
वाटिकन सिटी, बुधवार 27 नवम्बर 2024 : खलदेई काथलिक कलॶसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल लुइस राफेल साको ने चार कलॶसियाओं से एकता की दिशा में काम करने का आह्वान किया है, इनमें खलदेई कलॶसिया, असीरियन कलॶसिया, प्राचीन कलॶसिया और असीरियन इवांजेलिकल प्रोटेस्टेंट कलॶसिया शामिल हैं।
वाटिकन की फ़ीदेस न्यूज़ द्वारा किये गये रिपोर्ट में कार्डिनल साको ने इन ख्रीस्तीय समुदायों में मौजूद विभाजनों पर विचार किया और कलॶसियाओं की तुलना अलग-अलग लहरों पर चलने वाले यात्रियों से की, लेकिन साथ-साथ और "एक ही नाव में" यात्रा कर रहे थे।
खलदेई प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल ने एक बयान में जोर देकर कहा कि एकता न केवल एक आवश्यकता है, बल्कि "हमारे समय की चुनौतियों का एकमात्र समाधान है।"
कार्डिनल साको ने विश्वास की स्थायी घोषणा पर प्रकाश डाला जो इन ख्रीस्तीय कलॶसियाओं में साझा की जाती है, जिसमें कहा गया है: "मैं एक, पवित्र, काथलिक और प्रेरितिक कलॶसिया में विश्वास करता हूँ।"
कार्डिनल साको ने कहा कि कई शताब्दियों के विभाजन के बावजूद, कलॶसिया का सार एकीकृत बना हुआ है। उन्होंने विभाजन को "मसीह की इच्छा के विरुद्ध" बताया, तथा पूर्वी कलॶसिया के चार अलग-अलग संस्थाओं में विखंडन के कारण होने वाले गहरे नुकसान को रेखांकित किया।
हालाँकि, कार्डिनल साको ने इस बात पर ज़ोर दिया कि एकता के लिए उनका आह्वान अतीत में लौटने का अनुरोध नहीं है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि "एकता का अर्थ यह नहीं है कि हम जो थे, वही बनें, बल्कि इस बात पर ध्यान केंद्रित करें कि हमें क्या बनना चाहिए", उन्होंने आगे कहा कि उनका उद्देश्य विभाजन के घावों को भरना और इन ऐतिहासिक कलॶसियाओं के बीच "पूर्ण सामंजस्य" को बढ़ावा देना है।
एकता की ओर छह कदम
अपनी अपील में, कार्डिनल साको ने पूर्वी कलॶसिया के "नए दृष्टिकोण" के लिए छह व्यावहारिक प्रस्तावों की रूपरेखा प्रस्तुत की।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले एकता की साझा समझ आवश्यक है। उन्होंने एकजुट कलॶसिया के लिए मसीह की इच्छा को प्राप्त करने हेतु एक व्यापक और व्यावहारिक दृष्टिकोण का आह्वान किया।
दूसरा, कार्डिनल साको ने सैद्धांतिक और प्रशासनिक मुद्दों के बीच अंतर करने के महत्व पर प्रकाश डाला, विश्वास और नैतिकता के मामलों को कलॶसिया के अनुशासन और प्रशासन से अलग करने के महत्व पर जोर दिया।
कार्डिनल साको के अनुसार, एकता की ओर तीसरा कदम ऐतिहासिक विभाजन को समझना है। उन्होंने विश्वासियों से विभाजन के ऐतिहासिक कारणों पर चिंतन करने, इस मुद्दे पर खुलेपन और बिना किसी पूर्वधारणा के विचार करने का आग्रह किया।
चौथे चरण की ओर मुड़ते हुए, कार्डिनल साको ने संसाधनों को साझा करने के महत्व को व्यक्त किया। उन्होंने सुझाव दिया कि, व्यावहारिक सामंजस्य की दिशा में एक कदम के रूप में, कलॶसिया की इमारतों और पूजा स्थलों को साझा उपयोग के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है, जिससे सभी श्रद्धालु काथलिक कलॶसिया द्वारा मान्यता प्राप्त संस्कारों में भाग ले सकें।
पांचवें चरण में लोकधर्मियों के बीच समावेशिता को प्रोत्साहित करना शामिल है। कार्डिनल साको ने लोकधर्मियों को जातीय और राष्ट्रवादी विभाजन से आगे बढ़कर व्यापक ख्रीस्तीय पहचान को बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित किया।
आखिर में, कार्डिनल साको के अनुसार, समावेशिता की ओर छठा कदम इराक में ख्रीस्तियों की धटती आबादी को संबोधित करना है। उन्होंने घटती ख्रीस्तीय आबादी की ओर ध्यान आकर्षित किया और कलॶसियाओं से आग्रह किया कि वे आस्था, धर्मनिरपेक्षता और ख्रीस्तीय धर्म के भीतर ही विभाजन के प्रति उदासीनता का मुकाबला करने के लिए सुसमाचारीय उत्साह के साथ मिलकर काम करें।
आधुनिक समय की चुनौतियों के प्रति प्रतिक्रिया के रूप में एकता
अपने वक्तव्य को समाप्त करते हुए और कलॶसिया की समृद्ध धर्मसभा परंपरा पर विचार करते हुए, कार्डिनल साको ने विभाजन की वर्तमान स्थिति पर दुख जताया और इसकी तुलना कलॶसिया की पहले की "एक साथ चलने" और अपने मिशन के लिए जिम्मेदारी साझा करने की क्षमता से की।
उन्होंने निष्कर्ष निकाला, "हमें आज की चुनौतियों के लिए एकता को एकमात्र समाधान के रूप में देखना चाहिए।"
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